अहिरावण कौन था जिसने किया श्रीराम और लक्ष्मण का हरण?

अहिरावण कौन था जिसने किया श्रीराम और लक्ष्मण का हरण?

अहिरावण, रावण का सौतेला भाई और पाताल लोक का शासक था। पौराणिक कथाओं के अनुसार, अहिरावण रावण की तरह ही एक शक्तिशाली और मायावी राक्षस था, जो अपनी इच्छानुसार रूप बदल सकता था। जब लंका में रावण और श्रीराम के बीच युद्ध चल रहा था और रावण का पक्ष कमजोर पड़ने लगा, तो उसने अपने सौतेले भाई अहिरावण से मदद मांगी।

अहिरावण कौन था जिसने किया श्रीराम और लक्ष्मण का हरण? 1

अहिरावण और रामायण का संदर्भ

वाल्मीकि रामायण में अहिरावण का उल्लेख नहीं है, लेकिन रामायण की अन्य कहानियों और रामचरितमानस में इस पात्र का जिक्र मिलता है। रामचरितमानस के अनुसार अहिरावण ने युद्ध के दौरान श्रीराम और लक्ष्मण को अगवा करने की योजना बनाई थी। उसने रात्रि का समय चुना, जब पूरी वानरसेना गहरी नींद में सो रही थी। अहिरावण ने अपनी मायावी शक्तियों का उपयोग करते हुए विभीषण का रूप धारण किया और श्रीराम-लक्ष्मण को धोखे से अगवा कर पाताल लोक ले गया।

अभी जॉइन करें हमारा WhatsApp चैनल और पाएं समाधान, बिल्कुल मुफ्त!

अहिरावण कौन था जिसने किया श्रीराम और लक्ष्मण का हरण? 2

Join WhatsApp Channel

हमारे ऐप को डाउनलोड करें और तुरंत पाएं समाधान!

Download the KUNDALI EXPERT App

अहिरावण कौन था जिसने किया श्रीराम और लक्ष्मण का हरण? 3अहिरावण कौन था जिसने किया श्रीराम और लक्ष्मण का हरण? 4

हमारी वेबसाइट पर विजिट करें और अधिक जानकारी पाएं

Visit Website

संपर्क करें: 9818318303

अहिरावण की मायावी शक्तियाँ और हरण की योजना

अहिरावण ने अपनी मायावी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए पूरी वानरसेना और विभीषण को भ्रमित कर दिया। उसने इतनी चालाकी से श्रीराम और लक्ष्मण का हरण किया कि किसी को भनक तक नहीं लगी। जब विभीषण और जामवंत को अहसास हुआ कि श्रीराम और लक्ष्मण गायब हैं, तो विभीषण ने तुरंत समझ लिया कि यह काम अहिरावण का है।

हनुमान का पाताल लोक जाना

अहिरावण कौन था जिसने किया श्रीराम और लक्ष्मण का हरण? 5

जब विभीषण ने यह बताया कि अहिरावण ने श्रीराम और लक्ष्मण का हरण किया है, तो संकटमोचक हनुमान ने अपने आराध्य की रक्षा का प्रण लिया। हनुमान बिना विलंब किए पाताल लोक की ओर चल पड़े। वहां पहुंचने पर हनुमान ने सबसे पहले मकरध्वज को पराजित किया, जो पाताल लोक का द्वारपाल था। इसके बाद, हनुमान ने अहिरावण का वध किया और श्रीराम और लक्ष्मण को सुरक्षित वापस लाए।

हनुमान का उल्टा रूप और पाताल लोक से संबंध

भारत में कई जगहों पर अहिरावण की इस कथा से जुड़े मंदिर और प्रतिमाएं हैं। एक विशेष मंदिर में, जहां से मान्यता है कि हनुमान जी पाताल लोक गए थे, वहां हनुमान जी की मूर्ति का सिर नीचे की ओर है। इस मंदिर में हनुमान जी की उल्टे रूप में पूजा की जाती है, जो इस कथा का प्रतीक है। नागेश द्विवेदी, जो इस मंदिर के पुजारी हैं, बताते हैं कि हनुमान जी ने अहिरावण का वध कर श्रीराम-लक्ष्मण को पाताल लोक से वापस लाया था और इसी घटना की स्मृति में यह पूजा की जाती है।

अहिरावण की कथा श्रीरामायण के उन कई अध्यायों में से एक है जो संकट के समय में हनुमान की अटूट भक्ति और साहस को दर्शाती है। अहिरावण के पास शक्तियां थीं लेकिन हनुमान के अदम्य साहस और श्रीराम के प्रति उनकी भक्ति ने उन्हें पराजित किया।

96 Views