कन्या संक्रान्ति

एक वर्ष में 12 संक्रान्ति होती है और प्रत्येक संक्रान्ति का एक अलग महत्व होता है। इसी प्रकार कन्या संक्रान्ति का भी अपना एक विशेष महत्व है। कन्या संक्रान्ति के दिन भगवान विश्वकर्मा जी की उपासना की जाती है। संक्रान्ति के दिन जरुरतमंदो की सहायता अवश्य करें। इस दिन जलाशयों मे स्नान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही कई प्रकार के दान-पुण्य भी किये जाते है। जब सूर्य सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में प्रवेश करता है तो उसे कन्या संक्रान्ति कहा जाता है। ऐसा माना जाता है इस दिन व्यक्ति को आत्मा और शरीर से सभी तरह के पापों को दूर करने के लिए स्नान करना चाहिए। विश्वकर्मा भगवान भक्तों को उत्कृष्टता और उच्च गुणवत्ता के साथ काम करने की क्षमता प्रदान करते है।

कन्या संक्रान्ति की पूजा विधि

☸ आज के दिन प्रातः उठकर नहाने के पानी में तिल डालकर स्नान करें।
☸ आज के दिन व्रत रखें और व्रत का संकल्प लेकर श्रद्धा के अनुसार दान किया जाता है।
☸ एक तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें लाल फूल, चन्दन, तिल और गुड़ मिलाकर सूर्य देव को जल चढ़ाएं।
☸ साथ ही सूर्य देव के मंत्र का जाप भी जल चढ़ाते हुए अवश्य करें।
☸ उसके बाद दान में आटा, दाल, चावल, खिचड़ी और तिल के लड्डु विशेष रुप से बांटे।

सूर्य देव मंत्रः- ओम सूर्याय नमः मंत्र

कन्या संक्रान्तिः- 17 सितम्बर 2022 दिन शनिवार
कन्या संक्रान्ति तिथि आरम्भः- 17 सितम्बर 2022 को 07ः36 मिनट पर शुरु होगी।
कन्या संक्रान्ति तिथि समापनः- 17 सितम्बर 2022 को 14ः09 मिनट पर खत्म होगी।

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