कुण्डली के ये योग सिंह लग्न के जातकों को बनायेंगे करोड़पति

☸सिंह लग्न में जन्में जातक अत्यन्त पराक्रमी, अहंकारी, भ्रमणशील, उग्र स्वभाव एवं वेदान्त विद्या के क्षेत्र में ज्ञाता होते है परन्तु पित्त एवं वायु विकार से पीड़ित रहने की संभावना रहती है। घोड़े की सवारी मे अत्यधिक रुचि रखते है तथा अस्त्र-शस्त्र चलाने में निपुण व साधू-संतो की सहायता करते है। सिंह लग्न की कुण्डली में सूर्य लग्नेश होता है तथा धनेश एवं लाभेश बुध है। यहां हम आपको धन प्राप्ति के कुछ ऐसे योग बता रहे है जो आपको बनाते है करोड़पति तो आइये इसे हम दिल्ली के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य के. एम. सिन्हा द्वारा समझते है।

☸यदि सिंह लग्न केे प्रथम भाव में सूर्य हो तथा गुरु एवं मंगल से किसी प्रकार दृष्ट हो तो जातक अत्यन्त धनवान होता है। इसके अलावा यदि पंचम भाव गुरु स्वगृही हो तथा एकादश भाव में चन्द्रमा मंगल उपस्थित हो तो लक्ष्मी का वास सदा बना रहता है अर्थात धन-धान्य में कमी नहीं रहती है।

☸यदि लग्नेश सूर्य अपनी उच्च राशि मेष राशि, धनेश बुध अपनी उच्च राशि कन्या एवं भाग्येश मंगल अपनी उच्च राशि करोड़पति में हो तो मकर योग बनता है। फलतः जातक राजा के समान सुख-सुविधाओं के साथ जीवन व्यतीत करता है।

☸यदि आपकी कुण्डली मेें बुध, शुक्र के भाव में अथवा शुक्र, बुध भाव में होकर परिवर्तन योग का निर्माण कर रहे हो तो आप अत्यन्त भाग्यशाली होंगे साथ ही अत्यधिक धन अर्जित करेंगे। इसके अलावा यदि बुध कन्या राशि में हो तो लक्ष्मी जी का वास सदैव बना रहता है।

☸सिंह लग्न मे मंगल मेष या वृश्चिक राशि में स्थित हो कम मेहनत में भी अधिक लाभ की प्राप्ति होती है अर्थात धन के क्षेत्र में भाग्यशाली रहेंगे। इसके अलावा द्वितीय भाव में राहु, शुक्र, मंगल और शनि की युति हो तो अरबपति का योग बनता है।

☸यदि सिंह लग्न में सूर्य, मिथुन राशि तथा बुध लग्न भाव में हो तो 33 वर्ष की कम आय में ही जातक लखपति बन जाता है साथ शत्रुओं का सामना करने में भी सक्षम होता है। अचानक लाभ प्राप्ति के योग बनते है।

☸यदि शुक्र सूर्य के नवांश में हो तो जातक ऊन, दवा, घास, धान, सोना इत्यादि के कार्यों से धन अर्जित करता है। इसके अलावा यदि सूर्य, मंगल, बुध, एकादश भाव में उपस्थित हो तो जातक अत्यधिक धन संग्रह करने में सक्षम होते है।

☸यदि आपकी कुण्डली में सुखेश मंगल, लाभेश बुध, नवम भाव में शुभ ग्रहों से दृष्ट हो तो अत्यधिक लाभ की प्राप्ति होती है। आप अपना जीवन सभी सुख-सुविधाओं के साथ व्यतीत करते है।

☸सिंह लग्न की कुण्डली में जब मंगल मेष या वृश्चिक राशि में स्वगृही हो तो रुचक योग का निर्माण होता है फलस्वरुप आप राजा के समान सभी सुख-सुविधाओं का आनन्द लेते है। बड़े भू-भाग, वाहन आदि के स्वामी होते है तथा धन की कमी नही होती है।

☸यदि आपकी कुण्डली बलवान बुध की युति दशमेश शुक्र से हो तो आपको पैतृक सम्पत्ति एवं धन की प्राप्ति होती है साथ ही पिता का कार्य-व्यवसाय आपके भाग्य उन्नति मे अत्यन्त सहायक होते है।

☸सिंह लग्न की कुण्डली में यदि धनेश बुध अष्टम भाव में एवं अष्टमेश गुरु धन भाव में परस्पर उपस्थित हो तो आप गलत कार्यों द्वारा धन प्राप्त कर सकते है जैसे- जुआ, धुड़रेस इत्यादि

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