क्यों करते हैं सावन में पार्थिव शिवलिंग की पूजा, जाने इसके खास महत्व

हिन्दू धर्म के अनुसार भगवान शिव को सभी भक्तों का कल्याण करने वाला देवता माना जाता है। जिनकी पूजा सावन माह के शुभ अवसर में करना अति शुभ माना गया है। ऐसे में शिव जी के सभी भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के उपाय अपनाकर उनकी विशेष पूजा अर्चना करते हैं। कोई शिव जी के साकार स्वरूप यानि मूर्ति की पूजा भक्ति भाव से करता है तो कोई उनके निराकार रूप यानि शिवलिंग की पूजा करता हैं। यदि हम इस पर थोड़ा गौर करें तो सनातन धर्म के अनुसार शिव जी के अलग-अलग रूप और आकार की पूजा करने के अलग-अलग महत्व बताये गये हैं। उन्हीं में से एक है शिव जी के पार्थिव शिवलिंग की पूजा, सावन में शिव जी के इस रूप की पूजा करने का विशेष महत्व होता है तो आइए शिव जी के पार्थिव शिवलिंग की पूजा, विधि और उससे मिलने वाले लाभ के बारे में विस्तार से जानते हैं।

सावन में पार्थिव शिवलिंग के पूजा का महत्व

क्यों करते हैं सावन में पार्थिव शिवलिंग की पूजा, जाने इसके खास महत्व 1

सावन माह में शिव जी की पार्थिव पूजा का विशेष महत्व होता है। ऐसे में सभी सोमवार और प्रदोष व्रत में पार्थिव शिव जी की पूजा अवश्य रूप से करनी चाहिए। व्रत के दौरान शिव मंदिर जाकर स्थापित शिवलिंग की पूजा करें या घर में पार्थिव मूर्ति यथाविधि बनाकर षोडशोपचार में पूजन करें जिससे आपको पुत्र धन और विद्या की प्राप्ति होती है। इस व्रत में श्रावण माहात्म्य, श्रीशिवमहापुराण की कथा सुनने का विशेष महत्व होता है।

शिव जी के पार्थिव पूजन से जुड़ी पौराणिक कथा

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार शिव जी का पार्थिव पूजन सबसे पहले भगवान श्री राम जी ने किया था। मान्यता के अनुसार भगवान श्री राम जी ने लंका पर  युद्ध करने से पहले भगवान शिव जी की पार्थिव पूजा की थी। इसके अलावा कलयुग में भगवान शिव का पार्थिव पूजन कूष्माण्ड ऋषि के पुत्र ने मंडप में किया था जिसके बाद से ही वर्तमान समय तक शिव जी की कृपा बरसाने वाली पार्थिव पूजन की परम्परा चली आ रही है।

पार्थिव शिवलिंग की पूजा के लाभ

मान्यता के अनुसार सावन के महीने में पार्थिव शिवलिंग की पूजा करने से जातक के जीवन से जुड़ी बड़ी से बड़ी बाधाएं और मुसीबतें दूर हो जाती हैं साथ ही सच्चे मन से किये गये पूजा-पाठ से जातक की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। सावन में पार्थिव शिवलिंग की पूजा करने वाले जातक के जीवन से अकाल मृत्यु होने का खतरा हमेशा के लिए दूर हो जाता है तथा मृत्यु होने का भय भी दूर हो जाता है। शिव पुराण में कहे गये कथन के अनुसार शिव जी की पार्थिव पूजा करने वाले भक्तों को भगवान शिव के आशीर्वाद से धन-धान्य, सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही जातक अपने सभी सुखों को जीता हुआ अंत में मोक्ष की प्राप्ति कर लेता है।

पार्थिव शिवलिंग की पूजा विधि

☸ सावन के शुभ अवसर पर शिव जी की कृपा दृष्टि प्राप्त करने के लिए पार्थिव शिवलिंग की पूजा विधि पूर्वक अवश्य कर लेना चाहिए तभी जातक को इसके पूर्ण फलों की प्राप्ति होती है।

☸ इस सावन के शुभ माह में पार्थिव शिवलिंग की पूजा के लिए किसी पवित्र स्थान की साफ मिट्टी को लेकर उस मिट्टी में गाय का शुद्ध गोबर, गुड़, मक्खन और भस्म मिलाएँ। उसके बाद साफ पानी से उस मिट्टी में पड़े साम्रगियों को एक साथ गुथ लें और उसी मिट्टी से शिवलिंग बनायें। यदि आपके लिए संभव हो तो गंगा नदी के किनारे से मिट्टी लेकर ही पार्थिव शिवलिंग बनाएं।

☸ पार्थिव शिवलिंग को कभी भी 12 अंगुल से ऊंचा न बनाये, हमेशा शिवलिंग को अंगूठे के बराबर छोटा बनाने का ही प्रयास करें। उसके बाद पार्थिव शिवलिंग कि विधि-विधान से पूजा अर्चना करें। मान्यता के अनुसार सावन माह में पार्थिव शिवलिंग का पूजन करने से जन्म-जन्मांतर के सारे पाप धुल जाते हैं। आपको बता दें अपने हाथों से ही शिवलिंग का निर्माण करके शिव जी की पूजा-अर्चना करना बहुत ही ज्यादा मंगलकारी माना जाता है।

🌟 Special Offer: Buy 1 Get 10 Astrological Reports! 🌟

Unlock the secrets of the stars with our limited-time offer!

Purchase one comprehensive astrological report and receive TEN additional reports absolutely free! Discover insights into your future, love life, career, and more.

Hurry, this offer won’t last long!

🔮 Buy Now and Embrace the Stars! 🔮