क्यों लगाते है काला टीका | Kyo Lagate Hai kala teeka |

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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार काला रंग, नजर लगाने वाली एकाग्रता को भंग कर देता है। इसके कारण नकारात्मक ऊर्जा व्यक्ति को प्रभावित नही कर पाती है। छोटे बच्चों या लड़कियों की सुन्दरता को किसी भी बुरी नजर से बचाने के लिए उन्हें काला टीका लगाया जाता है। तंत्र-मंत्र और ज्योतिष के विशेषज्ञों के अनुसार काला धागा बांधने अथवा काला टीका लगाने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी है। मनुष्य का शरीर पंच तत्वों से मिलकर बना है। यह पंच तत्व है पृथ्वी, वायु, अग्नि, जल और आकाश इससे मिलने वाली ऊर्जा ही हमारे शरीर का संचालन करती है। इनसे मिलने वाली ऊर्जा से ही हम सभी सुविधाओं को प्राप्त करते है जब किसी व्यक्ति की बुरी दृष्टि हमे लगती है तब इन पंच तत्वों से प्राप्त होने वाली सकारात्मक ऊर्जा हम तक नही पहुंच पाती इसलिए माथें पर काला टीका लगाया जाता है तथा गले काला धागा बाधा जाता है। क्योंकि काला रंग ऊष्मा का अवशोषक होता है। इसीलिए काला टीका या काला रंग नकारात्मक ऊर्जाओं को अवशोषित कर लेता है तथा  उनका प्रभाव नही पड़ने देता है।

क्यों अशुभ माना जाता है काला रंग

मान्यताओं के अनुसार शुभ कार्यों में काले रंग की वस्त्र या वस्तु उपयोग नही करना चाहिए इसे अशुभ माना जाता है। इसलिए काले रंग के वस्त्र या वस्तु का पूजा-पाठ व शादी विवाह के कार्यों मे उपयोग नही किया जाता है क्योंकि काला रंग नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है।
किन्तु जब बुरी नजर या किसी तरह की नजर उतारने की बात आती है तो काले रंग का ही प्रयोग किया जाता है तथा काले रंग से जुड़ी कई वस्तुओं का उपयोग किया जाता है काले रंग का धागा बांधने या टीका लगाने की परम्परा प्राचीन काल से चली आ रही है और यह भी प्रचलित है कि तार्किक लोग इसे एक प्राचीन अंधविश्वास से अधिक कुछ भी नही मानते है किन्तु सामान्य समझ के अनुसार काला रंग नजर लगाने वाली एकाग्रता को भंग कर देता है इसके कारण नकारात्मक ऊर्जा  व्यक्ति को प्रभावित नही कर पाती है।

काले टीके एवं काले धागे के टोटके

काले टीके एवं काले धागे से सम्बन्धित अनेक टोटके भी है। अगर व्यक्ति अधिक धन अर्जित करना चाहता है अथवा अपने व्यवसाय में तरक्की पाना चाहता है तो मंगलवार के दिन शाम को काला धागा हनुमान मन्दिर लेकर जाएं और इस काले धागे में नौ छोटी-छोटी गांठ बांध लें तथा इस धागे पर हनुमान जी के पैरो का सिन्दूर लगा ले। इस धागे को अपने घर के मुख्य दरवाजे पर बांध दे या तिजोरी पर बांध दे। इस टोटके से आपके घर में धन सम्पत्ति की बढ़ोत्तरी होगी तथा उनके आगमन के अनेक स्त्रोत बनेंगे। काला रंग अवशोषक का प्रतीक है यह बाहरी नकारात्मक प्रभावो को शोषित कर यथा स्थिति को बनाए रखता है। काले रंग की उपस्थिति से ब्रह्माण्ड में विचरण करने वाली नकारात्मक शक्तियां अपना प्रभाव नही दिखा पाती है।

☸नये मकान बनाने के बाद उस पर काले रंग का मटका लटकाया जाता है। यह घर को बुरी नजर से बचाता है।
☸ काला टीका लगाते समय अनामिका उंगली का प्रयोग करना चाहिए क्योंकि इस उंगली का संबंध सूर्य से है और सूर्य हमें ऊर्जा भी प्रदान करते है। इसीलिए इस उंगली से टीका लगाया जाता है।
☸ किसी भी व्यक्ति को तर्जनी या अंगूठे और मध्यमा उंगली के बीच वाली उंगली से टीका नही लगाना चाहिए क्योंकि हमारे हिन्दू धर्म में इस उंगली का प्रयोग केवल मृत व्यक्ति या फिर उससे सम्बन्धित पितृ पूजन के दौरान किया जाता है।
☸ यदि किसी दूसरे व्यक्ति को तिलक लगाना हो तो अंगूठे से लगाया जाता है। ज्योतिष के अनुसार अंगूठे से लगाया गया तिलक जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में विजय एवं सफलता प्राप्त कराता है।
☸ सर्वप्रथम काले काजल के टीके को भगवान बालकृष्ण के चरणों में लगाइएं और उसके बाद उनके सम्मुख घी का दीपक जलाकर फिर अपने मस्तक पर काला टीका लगाएं और ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का उच्चारण करते रहें। आपका स्वास्थ्य उत्तम रहेगा एवं नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होगी।

शनिदेव को प्रसन्न करता है काला टीका

मस्तक पर काला टीका लगाने व काला वस्त्र धारण करने से शनि देव प्रसन्न होते है। भगवान कृष्ण के बाल रुप की पूजा करने वाले व्यक्तियों से भी शनि देव सदैव प्रसन्न रहते है। शनि देव की कृपा के लिए काला धागा पैरों मे अवश्य बांधना चाहिए।

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