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ग्रहों के सेनापति मंगल का राशि परिवर्तन 3 अक्टूबर 2023

ग्रहों के सेनापति मंगल का राशि परिवर्तन 3 अक्टूबर 2023

ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को सेनापति का पद प्राप्त है। इसे उग्र और पुरुष प्रधान ग्रह माना जाता है। कुंडली में मंगल की सुखमय स्थिति वैवाहिक जीवन को समृद्ध बनाती है और करियर में तरक्की के संकेत मिलते है। मंगल का तुला राशि में गोचर 3 अक्टूबर 2023 को शाम 05:12 पर होगा तुला राशि में मंगल के गोचर का सभी लग्न पर प्रभाव

मेष लग्न

आपके कुण्डली में मंगल लग्नेश एवं अष्टमेश है। मंगल का गोचर आपके सप्तम भाव में होगा। यह भाव जीवनसाथी और साझेदारी का होता है। वैवाहिक जीवन में परेशानियाँ उत्पन्न हो सकती हैं। विवाह के बंधन में बंधने के लिए अत्यधिक परिश्रम करना पड़ सकता है। मंगल की दृष्टि लग्न, दशम और दूसरे भाव पर होगी। व्यवसायिक मामलों में आपको सफलता मिलेगी। स्वयं के व्यापार में आपको विशेष लाभ प्राप्त होगा। आपके स्वभाव में उग्रता एवं कठोरता आ सकती है। गले में किसी प्रकार का विकार उत्पन्न हो सकता है। परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य को लेकर भी चिंतित हो सकते हैं। संचित धन भी प्रभावित हो सकती है।

उपायः मंगल के बीज मंत्र का जाप करें और हनुमान जी के बजरंग बाण का पाठ करें।

वृषभ लग्न

आपकी कुण्डली में मंगल बारहवें एवं सातवें भाव के स्वामी हैं। आपके लग्न से छठे भाव में गोचर होगा। कुण्डली का छठा भाव रोग, ऋण, शत्रु तथा प्रतियोगिता एवं कानूनी मामलों का होता है। आपके शत्रु आपको हानि नही पहुँचा पायेंगे। शत्रुओं पर आप प्रभावशाली रहेंगे। आपके स्वास्थ्य के साथ-साथ जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता बन सकती है। अस्पताल के खर्च बढ़ सकते हैं। आर्थिक क्षेत्र में जोखिम पूर्ण कार्य करने से बचें। किसी भी प्रकार का उधार न लें। मंगल की दृष्टि नौवे, बारहवें और लग्न भाव पर होगी। धार्मिक क्षेत्र में आपका रुझान बढ़ेगा। शिक्षा को लेकर महत्वकांक्षी होंगे। काम के सिलसिले में लम्बी दूरी की यात्रा हो सकती है। आपके खर्चों में वृद्धि होगी। स्वभाव में चिड़चिड़ापन हो सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें।

उपायः हनुमान जी को पुष्प, फल आदि अर्पित करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें।

मिथुन लग्न

आपकी कुण्डली में मंगल छठे एवं ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। मंगल का गोचर आपके पंचम भाव में होगा। पंचम भाव संतान, शिक्षा, प्रेम-संबंध, बुद्धि, विवेक का होता है। मंगल की दृष्टि आठवे, ग्यारहवें, बारहवें भाव पर होगी। यह समय निवेश और लाभ प्राप्ति के लिए उत्तम है। इंजीनियरिंग, मेडिकल आदि से जुड़े छात्रो को विशेष सफलता मिलेगी। प्रेम-संबंध के लिए यह समय अच्छा नही रहेगा। गर्भवती महिलाओं को अपना विशेष ध्यान रखना होगा। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें। व्यायाम एवं यात्रा के दौरान सावधानी बरतें। शेयर, सट्टे में लाभ प्राप्त होगा।

उपायः बजरंगबली को पान अर्पित करें और ॐ भौं भौंमाय नमः का जाप करें।

कर्क लग्न

आपके कुण्डली में मंगल पंचम और दशम भाव का स्वामी है। आपके चतुर्थ भाव में गोचर होगा। चतुर्थ भाव माता, सुख, वाहन भूमि मकान का होता है। पारिवारिक जीवन में परेशानी बन सकती है। माता के साथ संबंधों में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा। माता-पिता संतान को लेकर चिंतित हो सकते हैं। मंगल की दृष्टि सातवें, दसवें एवं ग्याहरवे भाव पर होगी। व्यापार के क्षेत्र में सफल परिणाम मिलेंगे। पेशेवर जीवन में तरक्की मिलेगी। वैवाहिक जीवन में परेशानी बन सकती है।

उपायः मंगलवार के दिन 108 तुलसी के पत्तों पर राम नाम लिखकर हनुमान जी को अर्पित करें।

सिंह लग्न

आपके कुण्डली में मंगल चतुर्थ एवं नवम भाव के स्वामी हैं। आपके लग्न से मंगल का गोचर तीसरे भाव में होगा। तीसरा भाव छोटे भाई बहनों पराक्रम आदि का होता है। डिजिटल मीडिया वकालत आदि क्षेत्रों मे सफलता मिलेगी। छोटे भाई-बहनों का सहयोग मिलेगा परन्तु कुछ विवाद हो सकता है। मंगल की दृष्टि छठें भाव, नौवें भाव एवं दसवें भाव पर होगी। शत्रुओं का सामना करने में सक्षम होंगे। धार्मिक कार्यों में रूचि बढ़ेगी। पेशेवर जीवन में अच्छे परिणाम मिलेंगे। नौकरी की तलाश में अच्छी खबर मिल सकती है।

उपायः हनुमान जी को चोला अर्पित करें और सूर्यदेव को प्रतिदिन जल दें।

कन्या लग्न

आपके कुण्डली में मंगल तीसरे एवं आठवें भाव का स्वामी है। आपके लग्न से दूसरे भाव में गोचर होगा। कुण्डली का दूसरा भाव परिवार, संचित धन तथा वाणी का प्रतिनिधित्व करता है। मंगल की दृष्टि पंचम, आठवें, नौवें भाव पर होगी। संतान को लेकर चिंतित हो सकते हैं। छात्रों के लिए यह समय अच्छा रहेगा विशेषकर तकनीकी एवं इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए। प्रेम-संबंध को लेकर भी चिंता बन सकती है। पार्टनर असहजता महसूस करेंगे। आपके जीवन में अनिश्चितता उत्पन्न हो सकती है। जीवनसाथी के साथ मिलकर सम्पत्ति को बढ़ा सकते हैं। पिता के स्वास्थ्य को लेकर चिंता बन सकती है।

उपायः हनुमान जी को तुलसी का माला अर्पित करें और बुध के बीज मंत्र का जाप करें।

तुला लग्न

आपकी कुण्डली में मंगल दूसरे एवं सातवें भाव का स्वामी है। आपके लग्न भाव में गोचर होगा। आपके स्वभाव में उग्रता बढ़ सकती है। आप ऊर्जावान एवं आत्मविश्वास से परिपूर्ण होंगे। वाद-विवाद में उलझ सकते हैं। अविवाहितों के लिए अच्छा रिश्ता आ सकता है। जीवनसाथी का पूर्ण सहयोग मिलेगा। परिवार का सहयोग मिलेगा। स्वयं पर धन खर्च कर सकते हैं। मंगल की दृष्टि चतुर्थ भाव, सातवें भाव, आठवें भाव पर होगी। सम्पत्ति एवं वाहन खरीदारी के लिए समय अच्छा है। माता के स्वास्थ्य पर ध्यान दें। साझेदारी द्वारा भी लाभ प्राप्त कर सकते हैं। जीवनसाथी के साथ वाद-विवाद हो सकता है। साथी के स्वास्थ्य को लेकर सावधान रहें।

उपायः ओम अंगाकराय नमः का जाप करें और लक्ष्मी नारायण मंदिर में खीर का भोग लगायें।

वृश्चिक लग्न

आपके कुण्डली में मंगल लग्नेश एवं छठवें भाव का स्वामी है। आपके लग्न से बारहवें भाव में गोचर होगा। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें। आपके खर्च भी बढ़ सकते हैं। लम्बी दूरी की यात्राएं हो सकती हैं। किसी से धन का लेन-देन न करें अन्यथा संचित धन प्रभावित हो सकता है। शत्रुओं पर विजय प्राप्त करेंगे। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता बन सकती है या मतभेद हो सकता है। समाज में मान, पद-प्रतिष्ठा में कमी आ सकती है। मंगल की दृष्टि तीसरे, छठे एवं सातवें भाव पर होगी।

उपायः जरूरतमंदों की सहायता करें मंदिर में नारंगी फल का दान करें।

धनु लग्न

आपकी कुण्डली में मंगल पाचवें एवं बारहवें भाव का स्वामी है। आपके लग्न से एकादश भाव में गोचर होगा। एकादश भाव आमदनी का होता है। आर्थिक क्षेत्र में लाभ प्राप्त होगा। विदेशों से धन लाभ के योग बनेंगे। शेयर, सट्टे से भी लाभ मिलेगा। बड़े भाई-बहनों, मित्र, रिश्तेदारों का सहयोग मिलेगा। मंगल की दृष्टि दूसरे, पाचवें, छठे भाव पर होगी। परिवार के प्रति सकारात्मक स्वभाव रहेगा। आपकी वाणी प्रभावित हो सकती है। प्रतियोगी छात्रों के लिए समय अच्छा रहेगा। शत्रुओं पर प्रभाव बना रहेगा। कानूनी मामलों में आपको सफलता मिलेगी।

उपायः दुर्गा माँ को लाल पुष्प एवं नारियल अर्पित करें।

मकर लग्न

आपकी कुण्डली में मंगल चौथे एवं ग्यारहवें भाव का स्वामी है। दसवें भाव में गोचर होगा। व्यवसायिक क्षेत्र में सफलता मिलेगी। प्रापर्टी, कंस्ट्रक्शन और रियल स्टेट आदि में विशेष लाभ मिलेगा। मंगल की दृष्टि लग्न भाव, चौथे भाव एवं पंचम भाव पर होगा। आप ऊर्जावान एवं आत्मविश्वास से पूर्ण होंगे। मेहनत के द्वारा तरक्की के नये अवसर प्राप्त होंगे। पारिवारिक खुशियों में कमी आ सकती है। शिक्षा में कुछ परेशानी बन सकती है। प्रेम-संबंध अच्छा नही रहेगा। माता-पिता अपने संतान के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हो सकते हैं।

उपायः शनिवार के दिन गुड़ का दान करें और शनि के बीज मंत्र का जाप करें।

कुंभ लग्न

आपकी कुण्डली में मंगल तीसरे एवं दसवें भाव के स्वामी हैं। आपके लग्न से नौवें भाव में गोचर होगा। नौवा भाव पिता, गुरू, भाग्य एवं धर्म का है। धार्मिक कार्यों में आपका रूझान बढ़ेगा। छात्रों को शिक्षा में सफलता मिलेगी। लम्बी दूरी की यात्रा करनी पड़ सकती है। भाई-बहनों के साथ तीर्थस्थल पर जाने की योजना बना सकते हैं। आपका आत्मविश्वास एवं संचार कौशल प्रभावी रहेगा। बातचीत करते समय वाणी पर नियंत्रण रखें।

उपायः बजरंग बाण का पाठ करें और गरीबों में गुड़ की मिठाई बाटें।

मीन लग्न

आपकी कुण्डली में मंगल दूसरे एवं नौवें भाव का स्वामी है। लग्न से आठवें भाव में गोचर होगा। आठवां भाव आयु, मृत्यु, अचानक होने वाली घटनाओं गुढ़ रहस्यों का प्रतिनिधित्व करता है। पिता के स्वास्थ्य की चिंता बन सकती है। आप विभिन्न परियोजनाओं का सामना कर सकते हैं। रिसर्च डेवलपमेंट में सफलता मिलेगी। मंगल की दृष्टि ग्यारहवें, दूसरे और तीसरे भाव पर होगी। निवेश और धन को लेकर सजग हो सकते हैं। निवेश के लिए समय अच्छा रहेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। आपकी बातें परिवार को ठेस पहुँचा सकती है। छोटे भाई-बहनों को लेकर परेशानी बन सकती है। धन-धान्य में बढ़ोत्तरी होगी।

उपायः नारंगी रंग की वस्तुओं का दान करें।

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