चन्द्रयान- 3 के विषय में ज्योतिषाचार्य के. एम. सिन्हा जी का विश्लेषण

चन्द्रयान-3 क्या है ?

चन्द्रयान- 3 के बारे में बात करें तो चन्द्रयान-3 पिछले साल हुए चन्द्रयान 2 का ही अगला एक नया चरण है जो चन्द्रमा की सतह पर उतरकर चन्द्रमा का परीक्षण करेगा। चन्द्रयान- 3 में एक प्रणोदन माॅड्यूल, एक लैंडर और एक रोवर लगा हुआ है। चन्द्रयान- 3 एक ऐसा यान है जिसका एक मात्र उद्देश्य चन्द्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग करना है। इस बार चन्द्रयान- 3 मिशन की सफलता के लिए नये-नये उपकरण बनाये गये हैं साथ ही एल्गोरिदम् को भी अत्यधिक बेहतर किया गया है जिससे यह मिशन सफलतापूर्वक हो सके।

लम्बे समय बाद लाॅन्च हुआ यह मिशन

वर्ष 2019 में चन्द्रयान-2 के मिशन के पूरी तरह से असफल होने के बाद चन्द्रयान-3 को फिर से चन्द्रमा की सतह पर उतारने की शुरूआत हुई, आपको बता दें चन्द्रयान- 3 इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा 2021 में ही लाॅन्च करने की योजना बनाई गई थी परन्तु कोविड जैसी बड़ी महामारी आने के कारण ही इसके लाॅन्चिंग में बहुत देरी हो गई। अंत में चन्द्रयान-3 वर्ष 2023 में 14 जुलाई को दोपहर के 02ः35 मिनट पर लाॅन्च किया गया। चन्द्रमा की सतह पर पहुँचने के लिए एक सफलतापूर्वक लाॅचिंग के बाद अब पूरा देश उसके सतह पर लैंडिंग करने का इंतजार कर रहा है।

चन्द्रयान- 3 के पहले चन्द्रयान- 2 का कितना था बजट

चन्द्रयान- 3 के विषय में ज्योतिषाचार्य के. एम. सिन्हा जी का विश्लेषण 1

चन्द्रयान- 2 के मिशन के लिए उसमें लगने वाले वित्तीय बजट की बात करें तो इस मिशन के लिए लगभग 978 करोड़ रूपये खर्च हुए थे, इस पूरे बजट में से 603 करोड़ रूपये आर्बिटर, लैंडर, रोवर, नेविगेशन पर और ग्राउंड सपोर्ट नेटवर्क पर 375 करोड़ रूपये जियो स्टेशनरी सैटेलाइट लाॅन्च और व्हीकल पर खर्च किये गये थे।

चन्द्रयान- 3 का बजट कितना है

वर्तमान समय में लाॅन्च हुए चन्द्रयान- 3 के बजट के बारे में बात करें तो (ISRO) के चेयरमैन के. सिवन के अनुसार इस बार चन्द्रयान- 3 के लिए लगभग 615 करोड़ रूपये का बजट तैयार किया गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानि ISRO के द्वारा यह अनुमान लगाया गया है कि अंतरिक्ष यान के लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन माॅड्यूल की लागत लगभग 250 करोड़ रूपये होगी और लाॅन्च सर्विस पर अतिरिक्त लगभग 365 करोड़ रूपये की लागत आयेगी।

शुरूआत में चन्द्रयान- 3 के लिए माँगे गये थे 75 करोड़ रूपये

शुरूआत में इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा लगभग 75 करोड़ रूपये की मांग की गई थी परन्तु आने वाले समय में इस मिशन का बजट बढ़ गया। ऐसा इसलिए क्योंकि चन्द्रयान- 3 को मूल रूप से 2021 में ही भेजा जाना था परन्तु इसे 02 वर्ष बाद देरी से लाॅन्च किया गया। 2019 के दिसम्बर माह में इस मिशन के लिए 75 करोड़ माँगे गये थे जिसमें से 60 करोड़ रूपये का इस्तेमाल चन्द्रयान- 3 के मिशन में इस्तेमाल किये गये उपकरण, मशीन तथा अन्य पूंजीगत खर्चों को पूरा करने के लिए किया जाता था और 15 करोड़ रेवेन्यू एक्सपेंडिचर के लिए माँगे गये थे।

चन्द्रयान- 3 के साॅफ्ट लैंडिग के लिए किये गये कुछ अहम बदलाव

चन्द्रयान- 3 के विषय में ज्योतिषाचार्य के. एम. सिन्हा जी का विश्लेषण 2

वर्ष 2023 में लाॅन्च किये गये लैंडर माॅड्यूल ने इस बार चन्द्रयान- 3 के मिशन को सफल बनाने के लिए साॅफ्ट लैंडिग के लिए कुछ अहम बदलाव किये है। इसमें किसी भी तरह के अप्रत्याशित प्रभाव से बचने के लिए इसके पैरों को अत्यधिक मजबूत किया गया है। इससे यदि अंतिम मिनट में कोई बदलाव करना भी पड़ा तो यह उपकरण हर परिस्थिति के लिए महत्वपूर्ण होगा।

चाँद की सतह पर पहुँचकर क्या करेगा चन्द्रयान- 3

चन्द्रयान- 3 चाँद की सतह पर सफलतापूर्वक पहुँचने के बाद लैंडर और रोवर चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेंगे और 14 दिनों तक का प्रयोग करेंगे। चूँकि चन्द्रयान- 3 में लैंडर, रोवर और प्राॅफल्शन माॅड्यूल शामिल हैं तो चाँद की कक्षा में प्राॅपल्शन माॅड्यूल रहकर चन्द्रमा की सतह से आने वाले रेडिएशंस का अध्ययन करेगा। इस चन्द्रयान- 3 मिशन के जरिए ही इसरो चन्द्रमा के सतह पर पानी का पता लगायेगा इसके अलावा चन्द्रमा की सतह पर भूकंप कैसे आते हैं इस बात का भी विशेष रूप से पता लगाया जायेगा।

इसरो के पूर्व वैज्ञानिक अन्नादुरई कहते हैं कि चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पता लगाने का एक उद्देश्य यह भी है कि यहाँ के आसपास स्थायी रूप से छाया वाले क्षेत्रों में पानी की मौजूदगी होने की संभावना ज्यादा हो सकती है।

क्या है वैज्ञानिको की सबसे बड़ी चुनौती

चन्द्रयान- 3 के लाॅन्च हुए विक्रम लैंडर ने 17 अगस्त 2023 को ही अपने प्रोपल्शन माॅड्यूल को छोड़ दिया था और खुद आगे चल रहा था और दूसरा रास्ता पकड़ लिया था। इसी रास्ते से आगे बढ़ते हुए लैंडर चाँद के और ज्यादा नजदीक पहुँच गया। अतः इस समय इसरो के सभी वैज्ञानिको के लिए सबसे बड़ी चुनौती यही है कि विक्रम लैंडर की चन्द्रमा के सतह पर साॅफ्ट लैंडिग हो। 23 अगस्त 2023 की शाम 06ः04 मिनट पर पहुँचने वाला है, इसके दौरान सबसे बड़ी परेशानी केवल यही है कि लैंडर को अपने साॅफ्ट लैंडिग के लिए एक सही जगह की तलाश करके उस पर साॅफ्ट लैंडिग करना है। यह सभी काम वैज्ञानिकों के लिए अत्यधिक चुनौतीपूर्ण है।

चन्द्रयान- 3 के विषय में ज्योतिषाचार्य के. एम. सिन्हा जी का विश्लेषण

चन्द्रयान- 3 के विषय में ज्योतिषाचार्य के. एम. सिन्हा जी का विश्लेषण 3

चन्द्रयान- 3 की जब लैंडिग होगी यानि 06ः03 मिनट पर तो यह समय बहुत ही अच्छा समय है। चन्द्रयान- 3 के लाॅचिंग के अनुसार किये गये विश्लेषण में इसकी वृश्चिक लग्न की कुण्डली बनती है। इसके अलावा लग्न में ही केन्द्र स्थान पर दशम भाव में मंगल दिशाबली हैं, शुक्र ग्रह के साथ यह युति कर रहा है साथ ही शनि ग्रह की भी दृष्टि पड़ रही है।

इसके अलावा गोचर की बात करें तो सूर्य सिंह राशि में रहेंगे तथा दशम भाव में उपस्थित होंगे ऐसे में नाम और प्रसिद्धि की प्राप्ति होती है। यहाँ दशम भाव में उपस्थित सूर्य दिशाबली होते हैं। कुल मिलाकर यदि एक शब्द में कहा जायें तो भारत देश के लिए एक गर्व का समय आने वाला है। 23 अगस्त 2023 को विश्व रिकार्ड अवश्य बनने वाला है। इस दिन चन्द्रमा की सतह पर विक्रम लैंडर की साॅफ्ट लैंडिंग अवश्य होगी।

65 Views