चैत्र पूर्णिमा व्रतः- पूजा विधि, अनुष्ठान, महत्व, पूर्णिमा शुभ तिथि एवं मुहूर्त | chaitra Purnima vrat Benefit |

इस वर्ष पड़ने वाली चैत्र पूर्णिमा अत्यधिक विशेष है क्योंकि यह हिन्दू नव वर्ष के प्रारम्भ के पश्चात पहली पूर्णिमा है। इसके साथ ही चैत्र पूर्णिमा पर हनुमान जी का जन्मदिन हैं जो पूरे उत्साह के साथ मनाया जायेगा। पूर्णिमा तिथि पर विष्णु भगवान एवं चन्द्रमा की पूजा करते है। आज के दिन किये गये दान-पुण्य से कई गुना लाभ की प्राप्ति होती है। चैत्र पूर्णिमा को चैति पूनम के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि आज के दिन ही श्रीकृष्ण जी ने ब्रज मे रास रचाया था। जो महारास के नाम से जाना जाता है।

चैत्र पूर्णिमा व्रत का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो भी उपासक चैत्र पूर्णिमा का व्रत रखते हैं तथा भगवान विष्णु की पूजा करते हैं उन्हें देवी-देवताओं का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है। आज के दिन जरुरतमंद लोगों की सहायता करें तथा भोजन, वस्त्र, दान-दक्षिणा भी दान कर सकते है जो भी भक्त पूरी श्रद्धा और भक्ति भाव से आज के दिन पूजा-अर्चना करते है उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।

चैत्र पूर्णिमा पर करें भगवान को प्रसन्न

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☸आज के दिन भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाने के लिए सत्यनारायण की कथा पढ़ें एवं ब्राह्मणों को दान दें।
☸अपने पापों से मुक्ति पाने के लिए तथा घर-परिवार में सुख-समृद्धि के लिए ओम नमो नारायण मंत्र का 108 बार जाप करें।
☸यदि आप भगवान को प्रसन्न करना चाहते है तो व्रत अवश्य करें।
☸चैत्र पूर्णिमा पर गायत्री मंत्र का पाठ करें घर में सुख-शांति बनी रहेगी। 

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चैत्र पूर्णिमा व्रत के अनुष्ठान

☸आप के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर लें।
☸उसके बाद हनुमान मंदिर जाकर हनुमान जी की पूजा अर्चना करें।
☸हनुमान जी की पूजा के साथ-साथ विष्णु भगवान की आराधना करें एवं सत्यनारायण की कथा करें।
☸चैत्र पूर्णिमा पर हवन करना शुभ होता है तथा चन्द्रमा को अर्घ्य दे ।
☸गरीबों में दान पुण्य करें।
☸चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जी को गुड़ और चने का भोग लगायें।
☸यदि संभव हो तो किसी नदी में स्नान करें।
☸उसके पश्चात सूर्य देव को जल दें तथा अर्घ्य देते समय सूर्य मंत्र का जाप करें।

चैत्र पूर्णिमा के उपाय

चैत्र पूर्णिमा के दिन सुबह पीपल को जल अर्पित करें और शाम को दीपक जलाएं, जिससे माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती तथा माता लक्ष्मी को खीर अत्यधिक प्रिय है अंत पूर्णिमा के दिन माता को खीर या सफेद मिठाई का भोग लगाएं आपके जीवन की समस्या दूर होगी।

वैवाहिक जीवन में शांति के लिए

वैवाहिक जीवन में आ रही समस्याओं को खत्म करने के लिए चैत्र पूर्णिमा के दिन पति-पत्नी को एक साथ मिलकर चन्द्रदेव को अर्घ्य देना चाहिए। इससे वैवाहिक जीवन मजबूत होगा।

हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए

चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें एवं ओम नमों भगवते हनुमते नमः मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें।

चैत्र पूर्णिमा शुभ मुहूर्त

पूर्णिमा तिथि पर सत्यनारायण की कथाः- 5 अप्रैल को प्रातः 10 बजकर 50 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 24 मिनट तक रहेगा तथा व्रत का पारण शाम के समय चन्द्रमा को अर्घ्य देने के बाद किया जायेगा।

पूर्णिमा तिथि का प्रारम्भः- 05 अप्रैल को सुबह 09 बजकर 19 मिनट पर  होगी और इसका समापन अगले दिन 06 अप्रैल को सुबह 10 बजकर 04 मिनट पर होगा।

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