ज्योतिष द्वारा जाने किन कर्मों से मिलता है जातक को अगला जन्म

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस पूरी सृष्टि पर जितने भी मनुष्य हैं उन सभी मनुष्यों के जन्म के समय इस ब्रह्माण्ड में उपस्थित ग्रहों की दशा के आधार पर ही किसी जातक की जन्म कुण्डली तैयार की जाती है। वास्तव में यह जन्म कुण्डली ही उसके आने वाले भविष्य की एक तस्वीर तैयार करती है। इसी जन्म कुण्डली के माध्यम से ही कोई व्यक्ति अपने भविष्य की एक झलक तक जान पाता है परन्तु इन सब को जानने के बाद क्या आप यह बात जानते हैं कि एक व्यक्ति की यही जन्म कुण्डली उस व्यक्ति के पूर्वजन्म तथा पूर्नजन्म की भी कहानी बताती है। आपको यह बात भली-भांति पता होगी की एक व्यक्ति की आत्मा कभी मरती नहीं है। वह एक आत्मा मात्र होती है जो कि किसी जातक के जन्म के समय उसमें प्रवेश कर जाती हैं और मृत्यु के बाद उसे छोड़कर चली जाती है। परन्तु अपने वर्तमान समय में शरीर को छोड़ने अर्थात मृत्यु के बाद यह आत्माएं कहाँ जाती हैं किस व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करती हैं और मृत्यु हो जाने के बाद उस आत्मा को कैसा जीवन मिलेगा इन सभी बातों को जानने की उत्सुकता हर किसी में होती ही है। इन सभी बातों को विस्तार से जानने के लिए आइए हम ज्योतिषाचार्य के एम. सिन्हा जी के द्वारा इन बातों को समझते हैं।

मृत्यु के बाद किस कुल में जन्म लेते हैं जातक

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार किसी जातक की जन्म कुण्डली में किसी भी भाव में कहीं पर भी कर्क राशि में गुरु ग्रह स्थित हो तो ऐसी स्थिति में जातक मृत्यु हो जाने के बाद अपने अगले जन्म में एक उत्तम कुल में जन्म लेता है। यानी की उस व्यक्ति का अगला पूरा जीवन बहुत ही ज्यादा श्रेष्ठ होता है। इन्हें अपने अगले जन्म में किसी भी चीजों के लिए कभी तरसना नही पड़ता है।

कुण्डली में बने हुए इन योगों के कारण मृत्यु के बाद मिलता है नर्क

यदि किसी जातक की जन्म कुण्डली में उसके अष्टम भाव पर मंगल ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो या फिर लग्न के स्वामी मंगल ग्रह पर शनि ग्रह की नीच दृष्टि पड़ रही हो तो कुण्डली में बनी हुई ऐसी स्थिति के अनुसार जातक को नर्क जाकर अपने बुरे कर्मों को भोगना पड़ता है। इसके अलावा यदि जातक की जन्मकुण्डली के लग्न भाव में उच्च राशि का चन्द्रमा स्थित हो और किसी अन्य पाप ग्रह की दृष्टि उस पर पड़ रही हो तो ऐसी स्थिति उत्पन्न होने में भी जातक को मृत्यु के बाद नर्क के दर्शन करने पड़ते हैं साथ ही नर्क से मिलने वाले कष्टों को भी अपने बुरे कर्मों के कारण भोगना पड़ता है।

यदि कुण्डली के अष्टम भाव में मंगल और शनि हो तो

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार यदि किसी जातक की जन्म कुण्डली में अष्टमस्थ शुक्र पर गुरु ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसे जातक की मृत्यु हो जाने के बाद जातक वैश्य कुल में जन्म लेता है। इसके अलावा यदि कुण्डली के अष्टम भाव पर मंगल और शनि ग्रह इन दोनो की ही पूर्ण दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसी स्थिति में जातक को अकाल मृत्यु की प्राप्ति होती है और मृत्यु की प्राप्ति हो जाने के बाद जातक को उनके कर्मों के अनुसार अगला जन्म मिलता है।

अपने किये गये कर्मों के अनुसार जाने किस योनि में होगा व्यक्ति का जन्मः-

☸ प्राचीन समय के ऋषि मुनियों और महर्षि व्यास के अनुसार शास्त्रों में यह बताया गया है कि जातक के किस कर्म से कौन सा जन्म मिलता है तो आइए इस ब्लाॅग में पढ़कर हम यह जानते हैं कि एक मनुष्य की मृत्यु हो जाने के बाद मनुष्य कौन सी योनि में जन्म लेता है।

☸ यदि कोई जातक अपने वर्तमान समय में अपने बड़े भाई-बहनों का अपमान करता है तो अपमान करने के कारण ऐसा मनुष्य अपने अगले जन्म में एक कौंच नाम के पक्षी के रूप में जन्म लेता है साथ ही अपने इस पक्षी जीवन के रूप में पूरे 10 सालों तक इसी योनि में रहता है। अपने इस कर्मों द्वारा इस पक्षी रूप में पूरे 10 वर्ष बिता लेने के बाद ही वह अपने बुरे पापों से मुक्त होता है। उसके बाद ही वह व्यक्ति अपने मनुष्य रूप में धरती पर जन्म लेता है।

☸ यदि कोई जातक वर्तमान समय में मिले हुए जीवन में किसी भी व्यक्ति की दुश्मनी से शस्त्र द्वारा उस व्यक्ति की हत्या कर देता है तो ऐसा व्यक्ति अपने अगले जन्म में एक गदहा के रूप में जन्म लेता है गदहे के जन्म के बाद वह व्यक्ति एक मृग के रूप में जन्म लेता है और उसके बाद वह हिरण के रुप में स्वयं ही किसी अगले के द्वारा शस्त्र से मारा जाता है। हिरण के रुप में उस व्यक्ति की मृत्यु हो जाने के बाद वह अपना अगला जन्म मछली, कुत्ता और बाघ के रुप में लेता है और अन्त में जब उसकी इस रुप में भी मृत्यु हो जाती है तब जाकर वह व्यक्ति इतनी ठोकरे खाने के बाद एक मनुष्य के रुप में जन्म लेता है।

☸ यदि कोई जातक अपने वर्तमान में मिले हुए इस जीवन में किसी पराई स्त्री से संबंध बनाता है तो ऐसे जातक को मृत्यु के बाद सीधा नर्क में जाना पड़ता है। नर्क जाते ही ऐसे जातक को अपने अगले जन्म के रूप में भेड़िया बनना पड़ता है भेड़िया के बाद उसका अगला जन्म कुत्ता, सियार, कौआ, साॅप, गीध और अंत में एक बगुले का जन्म प्राप्त कर मृत्यु हो जाने के बाद ही इन जातकों को मानव जीवन के रूप में जन्म मिलता है।

☸ यदि कोई जातक अपने वर्तमान समय में किसी दूसरे व्यक्ति का सोना चोरी करता है तो ऐसे मनुष्य को अगले जन्म में कीड़े का जीवन प्राप्त होता है। इसके अलावा यदि कोई जातक किसी व्यक्ति का चांदी का सामान चोरी कर लेता है तो उस जातक को अगला जन्म एक कबूतर के रूप में मिलता है। साथ ही यदि कोई जातक किसी व्यक्ति का नया या पुराना कोई भी कपड़ा चोरी करता है तो ऐसे जातक को अगले जन्म के योनि के रूप में तोते का जीवन प्राप्त होता है। अपने इन सभी रूपों में अपना जीवन जी लेने के बाद ही उन्हें अन्त में मनुष्य जीवन प्राप्त होता है।

☸ यदि कोई जातक अपने घर के देवी-देवताओं को संतुष्ट नहीं कर पाता और इन देवताओं को संतुष्ट न कर पाने के कारण ही उस जातक की मृत्यु यदि हो जाती है तो अपने अगले जन्म में उस व्यक्ति को पूरे 100 वर्षो तक एक कौवे के रूप मे अपना जीवन जीना पड़ता है। अपने इस रूप में पूरे 100 वर्ष बिता लेने के बाद उस व्यक्ति को मुर्गे के रूप में अपना जीवन जीना पड़ता है, उसके बाद अगले कुछ महीनों के लिए उन्हें साँप का जीवन जीना पड़ता है तब जाकर उस मनुष्य के पापों का पूरी तरह से अन्त हो जाता है और उस व्यक्ति को अगला जीवन मनुष्य के रूप में मिलता है।

☸ यदि कोई जातक अपने मिले हुए इस मनुष्य जीवन में किसी स्त्री के साथ जबरदस्ती का सम्बन्ध बनाता है या फिर किसी स्त्री का बलात्कार करता है तो ऐसे व्यक्ति को मृत्यु के बाद सीधा नर्क का दर्शन होता है नर्क में उस जातक को बहुत से ऐसे दण्ड भोगने पड़ते हैं जिसका अंदाजा भी वह नही लगा सकता है उस दण्ड को भोगने के बाद वह व्यक्ति अपने अगले जन्म में एक किन्नर के रूप में जन्म लेता है।

☸ आपको बता दें एक व्यक्ति का अगला जन्म उसकी चाहत और प्रवृत्ति के आधार पर भी निश्चित होता है यानि आपकी चाह जिस कामों को करने की होती है भगवान उसके अनुसार भी आपको अगला जन्म दे देते हैं जैसे यदि आप हर समय खाने के बारे में सोचते हैं और खाने की चाह रखते हैं तो भगवान आपको अगला जन्म पालतू सूअर या कोई अन्य जीव के भी रूप में दे सकता है ऐसा जीव जो हर समय कुछ न कुछ खाने की चाह रखता हो।

विशेषः- इन सभी बताई गई जानकारियों को भलि-भाँति पढ़कर समझ लेने के बाद आप इस बात को अवश्य जान गये होंगे की क्या सही है और क्या गलत, तो यदि आप भी अपना पूरा जीवन जी कर अगले जन्म में पुनः मनुष्य की योनि में जन्म लेना चाहते हैं या फिर जीवन और मृत्यु के इस चक्र से पूरी तरह से मुक्त होना चाहते हैं, तो अपने इस जन्म में जितना हो सके लोगों के लिए तथा स्वयं अपने लिए अच्छे कर्म करें और यदि संभव हो तो धार्मिक बातें अपनाएं ताकि आपको ईश्वर का हर समय आशीर्वाद प्राप्त होता रहें और आप अपने जीवन में अच्छा कर्म कर सकें।

🌟 Special Offer: Buy 1 Get 10 Astrological Reports! 🌟

Unlock the secrets of the stars with our limited-time offer!

Purchase one comprehensive astrological report and receive TEN additional reports absolutely free! Discover insights into your future, love life, career, and more.

Hurry, this offer won’t last long!

🔮 Buy Now and Embrace the Stars! 🔮