परमा एकादशी 2023

अधिमास के कृष्ण पक्ष में जो एकादशी आती है। वह परमा एकादशी कहलाती है। वैसे तो 24 एकादशियां होती है। अधिमास या मलमास को जोड़कर वर्ष में 26 एकादशियां होती है। अधिक मास में 2 एकादशियां होती है। एक पद्मिनी एकादशी जो शुक्ल पक्ष और परमा एकादशी कृष्ण पक्ष के नाम से जानी जाती है। यह व्रत पूर्ण रुप से भगवान विष्णु को समर्पित है। पुराणों मे इसका उल्लेख है की इस एकादशी को करने से धन जुड़े हर संकट दूर हो जाते है और कथा मात्र सुनने से मनुष्य के सारे पाप दूर हो जाते है। अधिमास को पुरुषोत्तम मास भी कहते है और एकादशी के व्रत को करने से मनुष्य पर भगवान की विशेष कृपा प्रदान होती है। सभी वैष्णो यानि भगवान विष्णु या उनके अवतारों को अपना स्वामी मानने वालो को परमा एकादशी व्रत जरुर करनी चाहिए।

परमा एकादशी कथा

एक सुमेधा नामक ब्राह्मण और उनकी पत्नी पवित्रा रहते थे। पवित्रा परम सती और साध्वी प्रवृत्ति की थी दोनो बहुत गरीब थे लेकिन बहुत ही धार्मिक भी थे वह अपने गरीबी से दुखी रहा करते थे। एक दिन उनके घर महर्षि कौडिल्य पधारें। ब्राह्मण दम्पति ने बहुत ही प्रसन्न मन से उनकी सेवा की महर्षि ने उनकी दशा देख कर उन्हें परमा एकादशी का व्रत करने की सलाह दी। उन्होंने कहा की तुम पति-पत्नी मिलकर अधिमास में कृष्ण पक्ष की एकादशी का व्रत करो और रात्रि जागरण कर प्रभु का नाम लो इसी एकादशी के व्रत से यक्षराज कुबेर धानाधीर बने हरिश्चन्द्र राजा हुए। इसके बाद सुमेधा ने पत्नी सहित परमा एकादशी का व्रत किया और एक दिन सुबह कही से सुबह अचानक ही एक राजकुमार वहां आया और सुमेधा को धन अन्न और सर्व साधन से सम्पन्न कर दिया। इस व्रत को करने से ब्राह्मण दम्पति के दुर्हिन दूर हो गये।

परमा एकादशी महत्व

इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। माना गया है की इस एकादशी का व्रत करने से घर में सौभाग्य और समृद्धि आती है। इस दिन भगवान विष्णु की विधवत पूजा किया जाए तो दुर्लभ, सिद्धियां, सौभाग्य और धन के भण्डार प्राप्त होते है। अत्यन्त दुर्लभ, सिद्धियों के कारण ही इसे परम या परमा एकादशी भी कहते है। कई लोग इस व्रत को निर्जला भी रखते है तो कुछ लोग केवल भगवान का चरणामृत लेते है। इस एकादशी पर शालिग्राम पूजन का भी बहुत महत्व होता है। विष्णु पुराण की मान्यता है की शालिग्राम पूजन से धन से सुख एवं ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है और मनुष्य की सभी प्रकार के दुख कष्ट तथा दरिद्रता समाप्त हो जाती है। इस दिन स्वर्ण दान, विद्या दान, अन्न दान, भूमि दान और गोदान करने से परलोक में विजय प्राप्त होती है।

परमा एकादशी पूजा विधि

☸ प्रातः काल उठकर स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ दिया जाता है।
☸ इसके बाद अपने पितरो का श्राद्ध कीजिए तथा ब्राह्मणों को दान दीजिए।
☸ भगवान विष्णु की प्रतिमा की विधि पूर्वक पूजा अर्चना कीजिए।
☸ इस दिन परमा एकादशी व्रत की कथा अवश्य सुने।
☸ एकादशी व्रत का पारण द्वादशी के दिन मुहूर्त में खोलें।

परमा एकादशी व्रत मुहूर्त

परमा एकादशी प्रारम्भ तिथिः- 11 अगस्त 2023 सायं प्रातः 05ः0से
परमा एकादशी समापनः- 12 अगस्त 2023 प्रातः 06:31 तक

Astrologer KM SINHA Latest Offer

Kundali Expert is one of the World Famous astrologer, we not only make predictions looking into horoscopes but also do predictions through palmistry, and numerology. As the planets and stars keep on moving constantly, this movement causes a certain amount of effect in our lives. Astrologer K.M Sinha,

The Right and Accurate Solution for any problem.

You can also follow us on Instagram to get the right and Accurate Solution for any problem.