फादर्स डे पर बनायें अपने पिता के साथ संबंध मधुर

पिता का महत्व

सभी बच्चों के जीवन में जितना महत्व माँ का है उतना ही पिता का। जिस प्रकार मां के सम्मान में मदर्स डे मनाया जाता है, उसी प्रकार पिता के सम्मान में फादर्स डे मनाया जाता है। फादर्स डे हर वर्ष जून के तीसरे रविवार को मनाया जाता है। हर पिता अपने संतान के लिए रोल माॅडल होने के साथ ही रक्षक भी होता है। पिता परिवार के उन गुमनाम हीरों मे से एक हैं जिन्हें अपने संतान से प्रेम के अलावा कुछ नही चाहिए। वह हमारे पिता ही नहीं बल्कि मित्र, रक्षक, मार्गदर्शक और आदर्श है। पिता हमें जीवन में हर मुसीबतों से लड़ना सीखाते हैं। पिता के महत्व को हम शब्दों में परिभाषित नही कर सकते है और करें भी तों कम हैं। पिता का बलिदान हमें उनकी सदैव याद दिलाते हैं, उनका संरक्षण हमें सुरक्षा का एहसास कराता है।

‘‘ माँ ममता की सागर है तो पिता परेशान मुसीबतों में भरी धूप में राहत की छांव’’

ग्रहों के मुखिया सूर्य ही परिवार के मुखिया अर्थात पिता के कारक माने जाते हैं। यदि कुण्डली में सूर्य बलवान हो, शुभ स्थिति में हो तो पिता -पुत्र एवं पिता- पुत्री का संबंध अच्छा होता है। वहीं यदि सूर्य क्षीण अवस्था में हो तो पिता के साथ संबंध अच्छे नही रहते हैं। पिता-पुत्र का संबंध देखने लिए सामान्यतः सूर्य एवं शनि की स्थिति देखी जाती है। शनि का संबंध व्यापार से होता है और सूर्य का पुत्र भी कहा गया है। शनि एवं सूर्य का अशुभ प्रभाव पिता-पुत्र के संबंध को कमजोर बना देता है। कभी-कभी सूर्य एवं शनि की अशुभ स्थिति के कारण पिता एवं पुत्र में से कोई एक ही जीवित रहता है।

कब और कहाँ मनाया गया पहला फादर्स डे ?

फादर्स डे सबसे पहले 19 जून 1910 में वाशिंगटन के स्पोकेन शहर में मनाया गया था, तभी से फादर्स डे की शुरुआत हुई। पिता को सम्मान देने के लिए इस दिन की शुरुआत एक बेटी ने की थी। वाशिंगटन में रहने वाली इस बेटी के लिए उसके पिता से बढ़कर कोई नही था।

फादर्स डे की शुरुआत कैसे हुई

वाशिंगटन में रहने वाली सोनोरा स्मार्ट डाॅड नाम की लड़की की माता का निधन हो गया तब उसके पिता ने ही उसे बहुत प्यार से पाला पोषा। पिता ने एक माँ की तरह उसकी परवरिश की एवं पिता का फर्ज भी बखूबी निभाया। उसके पिता ने उसे इतना प्रेम दिया कि उसे माता की कमी कभी महसूस नही हुई।सोनोरा के पिता का जन्मदिन जून माह में था इसलिए उन्होंने जून में फादर्स डे मनाने की प्रार्थना की और अपनी याचिका को पूर्ण करने के लिए उसने यू.एस.ए में कैंप लगाया। जिसके बाद 19 जून 1910 में पहली बार फादर्स डे मनाया गया। इस प्रकार एक बेटी ने अपने प्रेम को व्यक्त किया।

फादर्स डे की अधिकारिक घोषणा

19 जून 1910 में पहली बार फादर्स डे मनाया गया परन्तु इसके बाद 1916 में अमेरिका के राष्ट्रपति वुडरो विलसन ने फादर्स डे मनाने के प्रस्ताव को स्वीकार किया। उसके बाद वर्ष 1924 में राष्ट्रपति कैल्विन कूलिज ने फादर्स डे को राष्ट्रीय आयोजन घोषित कर दिया । बाद में 1966 मे राष्ट्रपति लिंडन जाॅनसन ने फादर्स डे को जून के तीसरे रविवार को मनाने की घोषणा की और 1972 में राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने इस दिन अवकाश की घोषणा की। इस प्रकार फादर्स डे को अधिकारिक घोषणा प्राप्त हुआ।

क्यों मनाया जाता है फादर्स डे

पिता हर दिन परिश्रम करते हैं जिससे वह पूरे परिवार की देखभाल अच्छे तरीके से कर सकें, यदि सामान्य शब्दों में कहा जाए तो पिता हमारें परिवार का एक महत्वपूर्ण आधार हैं। वह अपने सभी खुशियों का बलिदान कर अपने परिवार को प्रसन्न करने में निरन्तर लगे रहते हैं। वह अपने बच्चों से प्रेम तो करते हैं परन्तु समय आने पर उन्हें डांटते भी है जिससे वह गलत काम न करें और उनका जीवन बेहतर बन सके।

हम सभी के लिए पिता एक नारियल के समान होते है, जो बाहर से सख्त और अंदर से अधिक कोमल हृदय वाले होते हैं। हमारे जीवन में पिता की एक खास भूमिका है जो कोई नहीं निभा सकता है। माँ तो अपने प्रेम को दर्शा देती है परन्तु पिता बहुत ही कम अपने प्रेम को व्यक्त कर पाते हैं। वह हमारे ख्वाहिशों को पूरा करने के लिए हर खुशियों का त्याग कर देते हैं। पिता के त्याग और बलिदान को देखते हुए पूरी दुनिया में फादर्स डे मनाया जाता है

कुण्डली के योग जो बनाते हैं पिता -पुत्र के सम्बन्ध को शुभ अथवा अशुभ

☸ यदि पंचमेश स्वगृही हो अथवा लग्न पर दृष्टि रखता हो या लग्नेश पंचम भाव में हो तो पुत्र, गुणवान, आज्ञाकारी एवं प्रिय होता है। पंचम भाव और लग्न भाव का संबंध जितना शुभ होगा पिता के साथ उतने ही संबंध मधुर होंगे।

☸ यदि पंचम भाव का स्वामी 6,8,12 भाव में हो और उस पर लग्नेश की दृष्टि न पड़ रही हो तो पिता-पुत्र का संबंध अच्छा रहता है।

☸ यदि पंचमेश 6,8,12 में और उस पर लग्नेश, राहु एवं मंगल की दृष्टि पड़ रही हो तो पुत्र पिता का संबंध अच्छा नही होता है। पिता-पुत्र में लड़ाई-झगड़े की स्थिति बन जाती है।

☸ पद लग्न से पुत्र एवं पिता के संबंध का विचार किया जाता है। पद लग्न से केन्द्र अथवा त्रिकोण में या उपचय स्थान में पंचम राशि हो तो पिता-पुत्र का संबंध अच्छा होता है वह एक मित्र की भांति रहते हैं परन्तु लग्न से पंचमेश 6,8,12 स्थान में रहें तो पिता पुत्र का संबंध अच्छा नही रहता है।

☸ जन्म कुण्डली का नवम भाव पिता को माना गया है। यदि नवम भाव का स्वामी लग्न भाव में हो तो जातक को पिता से लाभ मिलता है। दशम भाव में बैठे ग्रह जातक के लिए लाभकारी होते हैं। यदि दशम भाव बलवान हो तो जातक को पिता से धन प्राप्त होता है।

☸ यदि पिता के द्वितीय, तृतीय, नवम एवं एकादश भाव में पुत्र का जन्म लग्न हो तो पुत्र पिता के अधीन रहता है।

☸ यदि पिता की कुण्डली का षष्ठेश अथवा अष्टमेश पुत्र की कुण्डली में लग्न मे बैठा हो तो पिता से पुत्र अत्यधिक गुणवान होता है।

☸ यदि सूर्य जन्म कुण्डली से दूसरे भाव में हो, द्वादश या चन्द्रमा सातवें या आठवें भाव में हो तो इस बात की अत्यधिक संभावना रहती है कि पुत्र एवं पिता में मतभेद रहेगा।

☸ यदि सूर्य और शनि की युति हो तो या सूर्य और शनि एक दूसरे से दुष्ट हो तो जातक को पिता का कम सुख प्राप्त होता है। निरन्तर पिता पुत्र में क्लेश की स्थिति बनी रहती है।

☸ कुण्डली में सूर्य की स्थिति पिता के बारे में अवगत कराती है। यदि सूर्य पंचम भाव में हो तो पिता कला, रचनात्मक, मनोरंजन एवं तकनीकी क्षेत्र से जुड़ा हुआ कोई व्यवसाय करते है। यदि सूर्य बारहवें भाव में हो तो जातक के पिता के शारीरिक मानसिक या भावनात्मक रुप से थोड़े कमजोर हो सकते है। यदि सूर्य वृश्चिक राशि में हो तो आपके पिता रहस्यमयी चिंतित या तीव्र भावनाओं वाले हो सकते हैं।

फादर्स डे के मुख्य अवसर पर कुछ प्रमुख उपाय

कुण्डली में विभिन्न प्रकार के योगों को निर्माण होता है जिसमें कई बार ऐसे अशुभ योग बन जाते हैं जो हमारे रिश्तों को कमजोर बना देते है। ऐसे में आपको अपनी कुण्डली का विश्लेषण अवश्य करवाना चाहिए जिससे यदि आपके रिश्ते में कोई भी समस्या आ रही है तो उसे दूर किया जा सके। यहाँ हम फादर्स डे के मुख्य अवसर पर कुछ प्रमुख उपाय बता रहें  जिससे यदि आपके और आपके पिता के बीच कोई मनमुटाव है तो दूर हो जायें एवं आपका रिश्ता मजबूत हो कुण्डली का प्रथम भाव आपको दर्शाता है तथा नवम भाव आपके पिता व पंचम भाव संतान को प्रदर्शित करता है।

यदि पुत्र पिता से दुर्व्यवहार करता हों

यदि कोई पुत्र पिता से दुर्व्यवहार करता हो तो पिता को रोज सुबह सूर्य देव को रोली मिलाकर जल चढ़ाना चाहिए। साथ ही शाम के समय भगवान विष्णु को पीले फूल अर्पित करें इसके अलावा लाल रंग का उपयोग कम करना चाहिए।

सूर्य-शनि के कारण आयु संकट हो तो

यदि सूर्य एवं शनि के कारण आयु सम्बन्धित परेशानी बन रही हो तो पिता एवं पुत्र को रोज सुबह 108 बार ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करना चाहिए। साथ ही शनिवार के दिन काले तिल एवं गुड़ का दान करें और सावन में शिव जी का रुद्राभिषेक दोनों लोग साथ मिलकर करें।

पिता पुत्र का संबंध अच्छा नही हो तो

यदि पिता और पुत्र में किसी प्रकार का मतभेद चल रहा हो या पिता के साथ संबंध अच्छे नही रहते हैं अर्थात हमेशा लड़ाई-झगड़े की स्थिति बनी रहती है तो पिता को प्रतिदिन सूर्य देव को जल देना चाहिए। प्रत्येक शनिवार पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और पीपल के वृक्ष की 19 बार परिक्रमा करें।

पिता अपने पुत्र से दुर्व्यवहार करते हों तो

यदि पिता अपने पुत्र से दुव्र्यवहार करते हैं तो पुत्रों को रोज सुबह काले तिल मिलाकर सूर्य देव को जल चढ़ाना चाहिए और रविवार का उपवास रखें और इस दिन नमक न खायें, पुत्र काले रंग के वस्त्रों का प्रयोग कम करें।

यदि पिता के साथ लम्बे समय से विवाद चल रहा है तो शुक्ल पक्ष के प्रथम रविवार को पुत्रों को सवा किलो गुड़ बहते हुए जल में प्रवाहित करना चाहिए। यह आपको लगातार तीन रविवार तक करना चाहिए।

पीपल पेड़ की आराधना

पिता को प्रत्येक शनिवार के दिन पीपल के पेड़ पर मीठा जल अर्पित करना चाहिए तथा उस पीपल के वृक्ष नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए जिसके फलस्वरुप पिता एवं पुत्र का संबंध अच्छा होगा।यदि गुरु दूषित होने के कारण पुत्र से वैचारिक मतभेद चल रहा है तो नाभि पर केसर लगाएं तथा पीपल वृक्ष की पूजा प्रत्येक शनिवार करें।

पिता को उपहार देकर मजबूत करें अपने रिश्ते

रविवार के दिन पुत्रों को अपने पिता को लाल रंग की वस्तु उपहार में देनी चाहिए।

शनिवार के दिन पिता को अपने पुत्रों को कोई नीली वस्तु उपहार में देना चाहिए।

गुरुवार के दिन पिता को 5 केला खिलाना चाहिए एवं मंदिर में हल्दी का दान करें।

वर्ष 2023 में कब है फादर्स डे ?

फादर्स डे जून के तीसरे रविवार को मनाया जाता है। इस प्रकार वर्ष 2023 में 18 जून को फादर्स डे मनाया जायेगा। जून का तीसरा रविवार पिता को समर्पित है। सभी देश एक ही तारीख को फादर्स डे नही मनाते हैं। भारत, अमेरिका एवं कुछ अन्य देशों में फादर्स डे जून के तीसरे रविवार को मनाया जाता है परन्तु पुर्तगाल, स्पेन, क्रोएशिया और इटली समेत अन्य देशों में 19 मार्च को फादर्स डे मनाया जाता है जबकि न्यूजीलैण्ड फिजी और पापुआ न्यू गिनी में सितम्बर के महीने में फादर्स डे मनाया जाता है।

आपकी जन्म कुण्डली के आधार पर यह पता लगाया जा सकता है कि आपके और आपके पिता के बीच संबंध कैसा रहेगा। कभी-कभी लाखों प्रयासों के बावजूद भी पिता-पुत्र के संबंध अच्छे नही रहते है अर्थात उनके बीच हमेशा लड़ाई-झगड़े की स्थिति बनी रहती है। ऐसे में ग्रहों की भूमिका भी रहती है। ऐसे में कुण्डली का विश्लेषण अवश्य करवायें।

 

🌟 Special Offer: Buy 1 Get 10 Astrological Reports! 🌟

Unlock the secrets of the stars with our limited-time offer!

Purchase one comprehensive astrological report and receive TEN additional reports absolutely free! Discover insights into your future, love life, career, and more.

Hurry, this offer won’t last long!

🔮 Buy Now and Embrace the Stars! 🔮