बीमारियों का ग्रहों और किस्मत से क्या संबंध है?

ग्रहों का हमारे जीवन पर काफी प्रभाव पड़ता है तथा ग्रह कई बीमारियों के लिए जिम्मेदार भी होते है। इस लेख द्वारा हम जानेंगे की कौन से ग्रह के कारण कौन सी बीमारी हो सकती है और इसे बचने के लिए क्या करना चाहिए।

मानव शरीर में कुल पांच तत्व और तीन धातुएं होती है। यह पांचों तत्व और धातुएं नौ ग्रहों से नियंत्रित होती है जब कोई तत्व या धातु कमजोर होता है तब शरीर में बीमारियां बढ़ जाती है कोई बीमारी छोटी हो या बड़ी नौ ग्रहों से संबंध रखती है इनसे संबंधित ग्रहों को ठीक करके हम शरीर की बीमारियों को दूर कर सकते है।

सूर्य से संबंधित बीमारियां एवं उपायः-
सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है और प्रत्येक ग्रह की शक्ति के पीछे सूर्य ही होता है इस ग्रह के कारण हड्डियों और आखों की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। हृदय रोग, टिबी, और पाचन तंत्र के रोग सूर्य ग्रह के कारण होते है।
उपायः प्रातः काल जल्दी उठकर प्रतिदिन सूर्यदेव को जल दे। भोजन में दलिया खाएं एवं ताबें के पात्र से जल पीएं।

चन्द्रमा से संबंधित बीमारियां एवं उपाय
चन्द्रमा व्यक्ति के मन और सोच को नियंत्रित करता है जिसके कारण मानसिक परेशानियां बढ़ सकती है चन्द्रमा व्यक्ति को मानसिक रूप से पीड़ित करता है साथ ही नींद घबराहट, बेचैनी की समस्या हो जाती है।
उपायः- रात्रि के समय देर रात तक न जगे, पूर्णिमा या एकादशी का उपवास करे।
शिव जी की उपासना करें।, चांदी का छल्ला या चांदी की चेन घारण करें।

मंगल की बीमारियां एवं उपायः-
मंगल ग्रह मुख्य रूप से रक्त का स्वामी होता है। यह रक्त और दुर्घटना की समस्या देता है तथा उच्च रक्तचाप और बुखार के लिए भी जिम्मेदार होता है। यह कभी-कभी त्वचा रोग का भी जिम्मेदार होता है।
उपाय:-  मंगल के दिन व्रत रखे, चीनी का सेवन न करें इसके बजाय गुड़ खाये। जमीन पर सोये तथा घड़े का जल पीना अदभुत लाभकारी होगा।

बुध की बीमारियां एवं उपायः-
बुध शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का स्वामी होता है। तथा इन्फेक्शन वाली बीमारियां होती है यह कान नाक गले की बीमारियों से संबंध रखता है साथ ही त्वचा के रोग भी बुध के कारण ही होते है।
उपाय:-  भोजन में सलाद और हरी सब्जियों का प्रयोग करें, कुछ देर उगते हुए सूर्य की रोशनी में बैठे।

बृहस्पति की बीमारियां एवं उपायः-
यह व्यक्ति को स्वास्थ्य रखता है तथा गम्भीर बीमारियां भी देता है कैंसर हेपटाइटिस और पेट की गम्भीर बीमारियों से जातकों को पीड़ित करता है
उपाय:- प्रातःकाल सूर्य को हल्दी मिलाकर जल अर्पित करें तथा शु़द्ध सोने का छल्ला तर्जनी अंगुली में धारण करें, हल्दी का तिलक लगाएं साथ ही विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ अवश्य करें।

शुक्र की बीमारियां एवं उपाय:-
यह शरीर के रसायनों को नियंत्रित करता है। जिसके कारण हार्मोन्स और मधुमेह की समस्या हो जाती है इसके अलावा आंखों की समस्या बन सकती है।
उपायः- दोपहर के भोजन में दही खाएं तथा चावल, चीनी, मैदा कम से कम खाएं। प्रातःकाल टहले इसके अलावा सफेद स्फटिक की माला गले में धारण करें।

शनि की बीमारियां एवं उपायः-
शनि के कारण लम्बे समय तक चलने वाली बीमारियां होती है यह स्नायु तंत्र और दर्द की समस्या देता है यह व्यक्ति का चलना फिरना रोक देता है तथा शरीर को विकृत बना देता है
उपायः- सात्विक एवं सादा भोजन ग्रहण करें तथा रहने के लिए हवादार एवं साफ सुथरे घर का प्रयोग करें।

राहु की बीमारियां एवं उपाय: यह ग्रह जातकों को रहस्यमयी बीमारियां देता है तथा बीमारियां शुरू में छोटी पर बाद में गम्भीर हो जाती है इस ग्रह से उत्पन्न बीमारियों का कारण अज्ञात रहता है यह बीमरी स्वयं आती है तथा स्वयं खत्म भी हो जाती है।
उपाय:- चन्दन की सुगंध का अधिक प्रयोग करें तथा गले में एक तुलसी की माला धारण करें साथ ही आहार को सात्विक रखें।

केतु की बीमारियों एवं उपायः-
केतु भी रहस्यमयी बीमारियां देता है तथा अमतौर पर त्वचा की और रक्त विचित्र बीमारियों का कारक माना जाता है केतु से जनित बीमारियों का कारण और निवारण समझ नहीं आता है तथा कल्पना की बीमारियां भी देता है।
उपायः प्रतिदिन प्रातः स्नान अवश्य करें धर्मस्थानों या धर्म सभाओं में अवश्य जाएं इसके अलावा निर्धनों को भोजन कराएं। प्रत्येक माह में कुछ न कुछ गुप्त दान अवश्य करें।

 

 

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