अक्टूबर का पहला प्रदोष व्रत 2023 कब है?
पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 11 अक्टूबर को शाम 05:37 मिनट से प्रारंभ हो रही है और यह तिथि 12 अक्टूबर गुरुवार को शाम 07:53 मिनट तक रहेगी इसलिए, बुध प्रदोष व्रत 11 अक्टूबर को मनाया जाएगा। प्रदोष व्रत सिद्धि और कामना की पूर्ति के लिए किया जाता है।
बुध प्रदोष व्रत
हिन्दू धर्म में, दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत मनाया जाता है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है, और इस दिन शिव जी के साथ-साथ माता पार्वती जी की पूजा अर्चना की जाती है। जो व्यक्ति इस व्रत को पूरी निष्ठा और श्रद्धा से करता है, उसके सभी दुखों का नाश होता है और उसके जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। साथ ही, शिव जी की कृपा हमेशा उसके साथ बनी रहती है। इस व्रत की उपासना सूर्यास्त पर निर्भर करती है और इसे करने से शिव जी शीघ्र ही प्रसन्न हो जाते हैं।
बुध प्रदोष व्रत का महत्व
प्रदोष व्रत रखने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है, बुधवार के दिन प्रदोष व्रत सिद्धि कामना के लिए रखा जाता है।
शिव जी के इस मंत्रों का करें जाप होगी हर मनोकामना पूर्ण
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥
ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्!
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
प्रदोष व्रत की पूजा विधि
☸ आज के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
☸ स्नान के बाद, दीप प्रज्वलित करके व्रत का संकल्प करें।
☸ पूरे दिन व्रत करने के बाद, प्रदोष काल में किसी मंदिर में जाकर पूजा करें, या फिर घर के स्वच्छ स्थान पर शिवलिंग की स्थापना करके पूजा करें।
☸ शिवलिंग का दूध, दही, घी और गंगाजल से अभिषेक करें।
☸ अब धूप, दीप, फल-फूल, नेवैद्य, आदि से शिव जी की विशेष विधि से पूजा करें।
बुध प्रदोष व्रत पूजन मुहूर्त
11 अक्टूबर को बुध प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05:56 मिनट पर प्रारंभ होगा और रात 08:25 मिनट तक रहेगा। शिव पूजन के लिए शुभ मुहूर्त 02 घंटे 29 मिनट तक रहेगा।
प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त
त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ:- 11 अक्टूबर 2023, शाम 05:37 से
त्रयोदशी तिथि समापन:- 12 अक्टूबर 2023, शाम 07:53 तक।