मंत्र जाप करते समय जरुर बरतें ये सावधानियाँ, पूरी होंगी सभी मनोकामनाएँ

मंत्र जाप में आवश्यक है ये बातें अवश्य जाननी चाहिए आपको, मिलेगा लाभ

हम सभी के लिए ईश्वर प्राप्ति का मार्ग केवल भक्ति है। अपने पूजा-आराधना से ही हम भगवान का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। सनातन शास्त्रों में उल्लेखित हैं कि मनुष्य द्वारा पूजा, जप, तप करने से देवी-देवता प्रसन्न होते है। इसके फलरवरूप जातकों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं परन्तु किसी भी देवी-देवता की पूजा, जप, आराधना मंत्र करते समय कुछ नियमों का पालन अवश्य करना होता है अन्यथा शुभ परिणाम के बजाय अशुभ परिणामों की प्राप्ति होती हैं। आज हम जानेंगे कि मंत्र जाप करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

☸किसी विशेष फल की प्राप्ति के लिए दोपहर के समय मंत्र का जाप करना चाहिए। इसके अलावा शांति कर्म के लिए संध्याकाल से पूर्व मंत्र जप करना चाहिए जबकि मरण कर्ण के लिए संध्याकाल का समय सही होता है।

☸मंत्र जप करने से पहले संकल्प अवश्य लें उसके बाद मंत्र का जाप करें इससे सिद्धि प्राप्ति होती है मंत्र के साथ ही पूजा भी अवश्य करें।

☸मंत्र जप के करते समय अपने मन और मस्तिष्क को एकाग्र रखें। मंत्र जाप के समय छींकना, पैर फैलाकर आसन ग्रहण करना, क्रोध करना और झपकी लेने की मनाही है। ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति नहीं होती हैं।

☸ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शंख माला से जप करने से सौ गुना लाभ मिलता है। इसी प्रकार से मोती की माला, स्फटिक की माला, कमल गट्टे की माला, कुशा मूल, रुद्राक्ष की माला से जितना अधिक जप करेंगे उतने ही शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

☸मंत्र जप के लिए गुरु पुष्य, रवि पुष्य, नक्षत्र शुभ माने जाते हैं। जबकि माघ फाल्गुन, चैत्र, बैशाख, श्रवण और भाद्रपद महीने में मंत्र जप सिद्धिदायक होते हैं।

 

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