मकर राशि में नक्षत्रों का प्रभाव 2024: एक विस्तृत विश्लेषण
मकर राशि (Capricorn) का परिचय:
मकर राशि में नक्षत्रों का प्रभाव 2024: एक विस्तृत विश्लेषण- मकर राशि राशि चक्र और तारामंडल में दसवें स्थान पर स्थित है। यह दक्षिण दिशा में वास करने वाली पृष्ठोदयी राशि मानी जाती है। तारामंडल में इसका प्रारंभ 271 डिग्री से लेकर 300 डिग्री तक होता है। मकर राशि की आकृति मृग के सिर जैसी मगरमच्छ के समान मानी गई है। यह चर राशि संज्ञक और सौम्य प्रकृति की भूमि तत्व की राशि है। मकर राशि का स्वामी शनि है और इसका वर्ण पीला सफेद युक्त है। मकर राशि का स्थान कालपुरुष के शरीर में दोनों घुटनों के स्थान पर है और इसका निवास स्थान वन, जंगल, नदी, जल, समुद्र जैसे स्थानों में माना जाता है। इसका पूर्वार्ध वन में और उत्तरार्ध जल में माना गया है। यह स्त्रीलिंग सम और सौम्य राशि है।
मकर राशि में नक्षत्रों का प्रभाव 2024: एक विस्तृत विश्लेषण
मकर राशि में नक्षत्रों का प्रभाव 2024: एक विस्तृत विश्लेषण
मकर राशि के दो होरा होते हैं: पहली होरा 15 अंश की है, जिसका स्वामी चंद्रमा है और दूसरी होरा भी 15 अंश की है, जिसका स्वामी सूर्य है। मकर राशि के तीन द्रैष्काण होते हैं, प्रत्येक द्रैष्काण 10 अंश का होता है। पहले द्रैष्काण का स्वामी शनि है, दूसरे का स्वामी शुक्र है और तीसरे का स्वामी बुध है। इसके अलावा, मकर राशि के 7 सप्तमांश होते हैं, जिनके स्वामियों का क्रम इस प्रकार है: पहले सप्तमांश का स्वामी चंद्रमा, दूसरे का सूर्य, तीसरे का बुध, चौथे का शुक्र, पांचवे का मंगल, छठे का बृहस्पति और सातवें सप्तमांश का स्वामी शनि है।
मकर राशि में नक्षत्रों का प्रभाव 2024: एक विस्तृत विश्लेषण- मकर राशि के 9 नवमांश होते हैं, जिनमें से एक नवमांश 3 अंश और 20 विकला का होता है। पहले नवमांश का स्वामी शनि है, दूसरे का भी शनि, तीसरे का बृहस्पति, चौथे का मंगल, पांचवे का शुक्र, छठे का बुध, सातवें का चंद्रमा, आठवें का सूर्य और नौवें नवमांश का स्वामी बुध है। मकर राशि के 10 दशमांश होते हैं, प्रत्येक दशमांश 3 अंश का होता है। पहले दशमांश का स्वामी बुध, दूसरे का शुक्र, तीसरे का मंगल, चौथे का बृहस्पति, पांचवे का शनि, छठे का भी शनि, सातवें का बृहस्पति, आठवें का मंगल, नौवें का शुक्र और दसवें का स्वामी बुध है।
मकर राशि में नक्षत्रों का प्रभाव 2024: एक विस्तृत विश्लेषण
मकर राशि में नक्षत्रों का प्रभाव 2024: एक विस्तृत विश्लेषण
मकर राशि के 12 द्वादशांश होते हैं, प्रत्येक द्वादशांश 2 अंश और 30 कला का होता है। पहले द्वादशांश का स्वामी शनि है, दूसरे का भी शनि, तीसरे का बृहस्पति, चौथे का मंगल, पांचवे का शुक्र, छठे का बुध, सातवें का चंद्रमा, आठवें का सूर्य, नौवें का बुध, दसवें का शुक्र, ग्यारहवें का मंगल और बारहवें का स्वामी बृहस्पति है। अंत में, मकर राशि के 16 षोडशांश होते हैं, प्रत्येक षोडशांश 1 अंश, 45 कला और 30 विकला का होता है। पहले षोडशांश का स्वामी मंगल, दूसरे का शुक्र, तीसरे का बुध, चौथे का चंद्रमा, पांचवे का सूर्य, छठे का बुध, सातवें का शुक्र, आठवें का मंगल, नौवें का बृहस्पति, दसवें का शनि, ग्यारहवें का भी शनि, बारहवें का बृहस्पति, तेरहवें का मंगल, चौदहवें का शुक्र, पंद्रहवें का बुध और सोलहवें का स्वामी चंद्रमा है। मकर राशि में नक्षत्रों का प्रभाव 2024: एक विस्तृत विश्लेषण-
मकर राशि के अंतर्गत आने वाले नक्षत्रों में उत्तराषाढ़ा, श्रवण और धनिष्ठा नक्षत्र शामिल हैं। इन नक्षत्रों का विशेष रूप से चंद्रमा की स्थिति पर आधारित प्रभाव जातक के जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करता है। यहां हम प्रत्येक नक्षत्र और उनके चरणों के विस्तृत प्रभाव पर गौर करेंगे, साथ ही प्रसिद्ध ज्योतिषी K.M. Sinha के दृष्टिकोण को भी शामिल करेंगे।
मकर राशि में नक्षत्रों का प्रभाव 2024: एक विस्तृत विश्लेषण- उत्तराषाढ़ा नक्षत्र
उत्तराषाढ़ा नक्षत्र- उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का स्वामी सूर्य है, जो चंद्रमा का मित्र ग्रह है। इसके चार चरणों में चंद्रमा की स्थिति के प्रभाव को समझना महत्वपूर्ण है:
प्रथम पाद:
यदि चंद्रमा उत्तराषाढ़ा के पहले पाद में स्थित हो, तो जातक का व्यक्तित्व राजसी और प्रभावशाली होता है। K.M. Sinha के अनुसार, इस पाद में चंद्रमा की स्थिति से जातक को उच्च स्थान प्राप्त करने के अवसर मिलते हैं। सूर्य और गुरु का सहयोग राज्यसत्ता प्राप्ति में सहायक होता है। यह स्थिति समाज में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त करने के लिए अनुकूल होती है।
द्वितीय पाद:
चंद्रमा के इस पाद में स्थिति से जातक अक्सर अपने मित्रों से विवाद में रहता है। यहां शनि का प्रभाव चंद्रमा के स्वभाव में कठिनाइयाँ पैदा कर सकता है। Astrologer K.M. Sinha का कहना है कि शनि के प्रभाव के कारण विरोध और संघर्ष की प्रवृत्ति बढ़ जाती है, जो सामाजिक और व्यक्तिगत संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
तृतीय पाद:
चंद्रमा के इस पाद में स्थित होने से जातक मान और सम्मान प्राप्त करता है। हालांकि शनि का प्रभाव यहां भी है, लेकिन सूर्य का सहयोग मान प्राप्ति में सहायक होता है। K.M. Sinha के अनुसार, यह स्थिति जातक को समाज में एक सम्मानित स्थान प्राप्त करने में मदद करती है और उनकी प्रतिष्ठा को बढ़ाती है।
चतुर्थ पाद:
इस पाद में चंद्रमा की स्थिति से जातक को धर्म और आध्यात्मिकता के प्रति गहरी रुचि होती है। गुरु का प्रभाव यहां धार्मिक गुणों को प्रबल करता है। K.M. Sinha के अनुसार, इस स्थिति में जातक का धार्मिक आस्था और कर्म की ओर झुकाव होता है, जो उनकी जीवन की दिशा को प्रभावित करता है।
मकर राशि में नक्षत्रों का प्रभाव 2024: एक विस्तृत विश्लेषण- श्रवण नक्षत्र
श्रवण नक्षत्र- श्रवण नक्षत्र का स्वामी चंद्रमा है। जब चंद्रमा इस नक्षत्र में होता है, तो यह जातक के जीवन को कई प्रकार से प्रभावित करता है:
प्रथम पाद:
चंद्रमा के इस पाद में होने से जातक को मान और सम्मान प्राप्त होता है। मंगल और चंद्रमा के प्रभाव से मान-सम्मान में वृद्धि होती है। K.M. Sinha के अनुसार, यह स्थिति जातक को समाज में एक विशिष्ट स्थान प्राप्त करने के अवसर प्रदान करती है।
द्वितीय पाद:
इस पाद में चंद्रमा शुभ गुणों से युक्त होता है। शुक्र की उपस्थिति जातक की व्यक्तिगत और सामाजिक गुणवत्ता को बढ़ाती है। K.M. Sinha का कहना है कि यह स्थिति जातक को जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता और प्रगति प्रदान करती है।
तृतीय पाद:
चंद्रमा इस पाद में विद्वत्ता और ज्ञान प्रदान करता है। बुध का प्रभाव विद्वत्ता को प्रबल करता है। K.M. Sinha के अनुसार, इस स्थिति में जातक बुद्धिमत्ता और शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करता है।
चतुर्थ पाद:
इस पाद में चंद्रमा की स्थिति से जातक धार्मिकता की ओर अग्रसर होता है। चंद्रमा का स्वयं के गुणों को प्रकट करने का यह समय धार्मिक उन्नति के लिए अनुकूल होता है। K.M. Sinha के अनुसार, यह स्थिति जातक को आध्यात्मिक और धार्मिक जीवन की ओर प्रेरित करती है।
मकर राशि में नक्षत्रों का प्रभाव 2024: एक विस्तृत विश्लेषण- धनिष्ठा नक्षत्र
धनिष्ठा नक्षत्र- धनिष्ठा नक्षत्र का स्वामी मंगल है। चंद्रमा की स्थिति इस नक्षत्र में जातक के जीवन में विभिन्न प्रकार के प्रभाव डालती है:
प्रथम पाद:
चंद्रमा के इस पाद में स्थित होने से जातक की आयु लंबी होती है। सूर्य का प्रभाव आयु को बढ़ाने में सहायक होता है। K.M. Sinha के अनुसार, इस स्थिति में जातक को दीर्घकालिक स्वास्थ्य और जीवन की प्राप्ति होती है।
द्वितीय पाद:
चंद्रमा की इस पाद में स्थिति से जातक विद्वान और पंडित बनता है। मंगल और बुध की उपस्थिति विद्वत्ता और ज्ञान को बढ़ाती है। K.M. Sinha के अनुसार, यह स्थिति जातक को शिक्षा और ज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सफलता प्रदान करती है।
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मकर राशि में नक्षत्रों का प्रभाव 2024: एक विस्तृत विश्लेषण- मकर राशि: विशेषताएँ और प्रभाव
मकर राशि पर शनि ग्रह का शासन होता है और यह पृथ्वी तत्व की राशि है। मकर राशि का विपरीत चिह्न कर्क है, जो जल तत्व की राशि है। इस राशि के जातकों की कुछ प्रमुख विशेषताएँ और जीवन पर प्रभाव इस प्रकार हैं:
शनि का प्रभाव: मकर राशि के लोग शनि ग्रह के प्रभाव में होते हैं, जो उन्हें धैर्यवान और कठोर मेहनती बनाता है। शनि की उपस्थिति से उन्हें जीवन की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, लेकिन यह उन्हें समय की क़ीमत समझने और जीवन में स्थिरता प्रदान करने में मदद करता है।
मंगल का नक्षत्र परिवर्तन: मकर राशि के जातकों को मंगल ग्रह के नक्षत्र परिवर्तन से शत्रुओं से राहत मिल सकती है। इस परिवर्तन से उनके जीवन में बाधाएँ कम हो सकती हैं और वे अधिक शांति अनुभव कर सकते हैं।
शेयर से धन लाभ: मकर राशि के लोग शेयर बाजार या निवेश के माध्यम से अच्छा पैसा कमा सकते हैं। उनके पास धन का प्रबंधन और निवेश करने की क्षमता होती है, जिससे वे वित्तीय क्षेत्र में लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
मान–सम्मान में वृद्धि: इस राशि के जातकों को मान-सम्मान में भी वृद्धि हो सकती है। उनकी मेहनत और लगन से समाज में उनका स्थान ऊँचा हो सकता है और वे सम्मानित हो सकते हैं।
चतुर व्यापारी: मकर राशि के लोग चतुर व्यापारी बन सकते हैं। उनकी व्यापारिक कुशलता और सोचने की क्षमता उन्हें व्यापार के क्षेत्र में सफल बना सकती है।
फैसले लेने में सावधानी: मकर राशि के जातकों को जल्दबाज़ी में फ़ैसला नहीं लेना चाहिए। किसी भी निर्णय को सोच-समझ कर लेना उनके लिए अधिक लाभकारी होगा और संभावित समस्याओं को कम करेगा।
महत्वाकांक्षाएँ: इस राशि के लोग अत्यधिक महत्वाकांक्षी होते हैं। वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहते हैं और अपने कार्यों में उत्कृष्टता की दिशा में काम करते हैं।
विभिन्न क्षेत्रों में सफलता: मकर राशि के लोग शिक्षाविद्, उद्योग, कृषि, प्राचीन वस्तुएँ और अन्य कई क्षेत्रों में काम कर सकते हैं। उनकी मेहनत और लगन उन्हें इन क्षेत्रों में सफल बनाने में मदद करती है।
इस प्रकार, मकर राशि के जातक अपने जीवन में मेहनत, योजना और सावधानी के माध्यम से सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
मकर राशि में नक्षत्रों का प्रभाव 2024: एक विस्तृत विश्लेषण- निष्कर्ष:
इन नक्षत्रों के विभिन्न चरणों में चंद्रमा की स्थिति जातक के जीवन के कई पहलुओं को प्रभावित करती है। प्रत्येक नक्षत्र और उसके चरण की विशिष्टताओं को जानकर जातक अपने जीवन में अधिक सफलता और संतोष प्राप्त कर सकता है। K.M. Sinha की अंतर्दृष्टि इन नक्षत्रों के प्रभाव को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और जातक की भविष्यवाणी के लिए एक महत्वपूर्ण आधार प्रदान करती है।