फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को हम शिवरात्रि मनाते है। शिवरात्रि को कुछ निम्न कार्यों को नही करना चाहिए इसको करने से भगवान शिव क्रोधित होते है।
आइये जानते है प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य के. एम. सिन्हा जी से शिवरात्रि के दिन कौन से कार्य नही करना चाहिए।
☸ महाशिवरात्रि के दिन काला वस्त्र धारण करने से बचना चाहिए और शिवलिंग को स्पर्श नही करना चाहिए।
☸ शिवलिंग पर चढ़ाएं जाने वाला प्रसाद ग्रहण नही करना चाहिए।
☸ भगवान शिव को तुलसी का पत्ता अर्पित नही किया जाता है तथा उनके प्रसाद में भी इसका उपयोग नही किया जाना चाहिए।
☸ शिवलिंग पर सदैव गाय का शुद्ध दूध तांबे, सोने या चांदी के पात्र से ही अर्पित करना चाहिए।
☸ भगवान शिव को केतकी का फूल नही अर्पित करना चाहिए क्योंकि इस पुष्प को भगवान शिव ने श्राप दिया था।
☸ भगवान शिव को टूटे (खण्डित) चावल नही चढ़ाना चाहिए।
☸ टूटे-कटे बेल पत्र को भगवान शिव को अर्पित नही करना चाहिए।
☸ भगवान शिव को कभी कुमकुम का तिलक नही लगाना चाहिए तथा शिवलिंग पर भी कुमकुम अर्पित नही करना चाहिए।
विशेषः- भगवान शिव को बेर का फल अवश्य चढ़ाएं बेर चिर काल का प्रतीक माना जाता है।
महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्तः-
महाशिवरात्रि प्रारम्भः- 18 फरवरी प्रातः 08ः02 से
महाशिवरात्रि समापनः- 19 फरवरी शाम 04ः18 मिनट तक