माघ पूर्णिमा 12 फरवरी 2025 – महत्व, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और विशेष उपाय
परिचय:
माघ पूर्णिमा हिंदू पंचांग के अनुसार माघ महीने की पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस वर्ष, यह विशेष दिन 12 फरवरी 2025 को आ रहा है। इसे धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र माना जाता है। इस दिन गंगा, यमुना, सरस्वती संगम और अन्य पवित्र नदियों में स्नान, दान, और भगवान विष्णु की आराधना का महत्व है।
माघ पूर्णिमा का महत्व:
- धार्मिक दृष्टिकोण:
- माघ पूर्णिमा पर गंगा स्नान से व्यक्ति अपने पापों से मुक्त होता है।
- यह दिन मोक्ष प्राप्ति का द्वार खोलता है।
- भगवान विष्णु और चंद्र देवता की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
- आध्यात्मिक दृष्टिकोण:
- माघ पूर्णिमा पर ध्यान और जप करने से मानसिक शांति और आत्मा की शुद्धि होती है।
- इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में ध्यान करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- दान का महत्व:
- माघ पूर्णिमा पर किए गए दान का कई गुना फल मिलता है।
- वस्त्र, अन्न, तिल, गुड़ और धन का दान अत्यंत शुभ माना जाता है।
माघ पूर्णिमा 2025: शुभ मुहूर्त
- माघ पूर्णिमा बुधवार, फरवरी 12, 2025 को है।
पूर्णिमा के दिन चन्द्रोदय – 05:59 पी एम
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – फरवरी 11, 2025 को 06:55 पी एम बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त – फरवरी 12, 2025 को 07:22 पी एम बजे
माघ पूर्णिमा पर पूजा विधि
- स्नान:
- सुबह जल्दी उठकर गंगा, यमुना, या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करें।
- अगर नदी तक जाना संभव न हो, तो घर पर ही स्नान के जल में गंगाजल मिलाएं।
- संकल्प लें:
- स्नान के बाद भगवान विष्णु की आराधना करते हुए पवित्र मन से संकल्प लें।
- अपने पापों की शांति, जीवन में समृद्धि, और परिवार के सुख के लिए प्रार्थना करें।
- भगवान विष्णु की पूजा:
- विष्णुजी के समक्ष दीपक जलाएं।
- पीले फूल, तुलसी के पत्ते, फल, और मिष्ठान अर्पित करें।
- विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
- चंद्र देव की पूजा:
- रात्रि के समय चंद्र देव को अर्घ्य दें।
- दूध और चावल का भोग लगाएं।
- “ॐ सोम सोमाय नमः” मंत्र का जाप करें।
- दान करें:
- इस दिन तिल, गुड़, वस्त्र, और भोजन का दान करें।
- जरूरतमंदों को कम्बल और धन का दान करना भी पुण्यदायी है।
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माघ पूर्णिमा पर विशेष उपाय
- तिल और गुड़ का प्रयोग:
- तिल और गुड़ से बने लड्डू का दान करें।
- तिल का तेल दीपक में जलाने से शनि दोष का निवारण होता है।
- नारायण बलि:
- पितरों की शांति के लिए भगवान विष्णु के समक्ष नारायण बलि अनुष्ठान करें।
- इससे पितरों की कृपा प्राप्त होती है।
- चंद्र दोष निवारण:
- चंद्रमा को दूध और जल का अर्घ्य दें।
- रात्रि में “ॐ सोमाय नमः” का 108 बार जाप करें।
- गायत्री मंत्र का जाप:
- दिनभर में गायत्री मंत्र का जाप करें।
- इससे मानसिक तनाव दूर होता है और आत्मिक शांति मिलती है।
माघ पूर्णिमा की पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, माघ पूर्णिमा पर भगवान विष्णु ने त्रिविक्रम अवतार धारण कर राजा बलि को पाताल लोक में भेजा था। इसके साथ ही, इस दिन राक्षसों का वध कर देवताओं को उनके अधिकार वापस दिलाए गए। इसी कारण इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है।
माघ पूर्णिमा का आध्यात्मिक लाभ
- मोक्ष की प्राप्ति:
- इस दिन गंगा स्नान करने से व्यक्ति जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्त होता है।
- मानसिक शांति:
- चंद्र देव की पूजा करने से मन की अशांति समाप्त होती है।
- धन और सुख–समृद्धि:
- भगवान विष्णु की आराधना से धन और वैभव की प्राप्ति होती है।
- पारिवारिक कल्याण:
- दान और पूजा से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
माघ पूर्णिमा के कुछ महत्वपूर्ण नियम
- इस दिन मांस, मदिरा और अन्य तामसिक भोजन का सेवन न करें।
- पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान विष्णु की पूजा करें।
- किसी जरूरतमंद की सहायता करना कभी न भूलें।
- इस दिन झूठ और धोखाधड़ी से बचें।
माघ पूर्णिमा 2025 को पूरे भक्ति और आस्था के साथ मनाएं और अपने जीवन को सकारात्मक ऊर्जा से भरें। आप सभी को माघ पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं!