हिन्दू पंचांग के अनुसार कृष्ण पक्ष में मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव जी की आराधना की जाती है। इस दिन भगवान शिव के भक्त पूजन और ध्यान के माध्यम से शिव जी को प्रसन्न करने की कोशिश करते है। मासिक शिवरात्रि का व्रत योग्य वर पाने के लिए भी किया जाता है। विवाहित महिलाएं यह व्रत अपने जीवन में सुख-शान्ति की प्राप्ति के लिए करती है। इस व्रत को करने से आप अपने क्रोध, अहंकार, ईष्या, द्वेष जैसी भावनाओं पर भी नियंत्रण पा सकते है। जो भी भक्त इस दिन पूरी श्रद्धा और भक्ति भाव से व्रत रखता है। उसके सारे पापों का नाश होता है तथा शिव जी एवं माता पार्वती की कृपा हमेशा बनी रहती है।
मासिक शिवरात्रि की पूजा विधि
☸ सबसे पहले इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करे।
☸ इसके बाद शिवजी का रुद्राभिषेक करे तथा इनकी पूजा-अर्चना करें।
☸ भगवान शिवजी का रुद्राभिषेक जल, शुद्ध घी, दूध, शक्कर, शहद एवं दही से करना चाहिए।
☸ इसके बाद श्रीफल, बेलपत्र, धतूरा चढ़ाएं तथा धूप दीप फल इत्यादि से पूजा आरम्भ करें।
☸ पूजा के दौरान शाम के समय फल खाएं और अगले दिन शिव जी की पूजा के बाद ही उपवास करेंगे
मासिक शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त
प्रारम्भ तिथिः- 24 सितम्बर को शाम 06ः46 मिनट से
समापन तिथिः- 25 सितम्बर 2022 रात्रि 09ः11 तक