राधा अष्टमी के दिन लड्डू गोपाल का राधा रानी रूप में श्रृंगार कैसे करें
भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा अष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। इस वर्ष, राधा अष्टमी 11 सितंबर, बुधवार को है। इस दिन जहां राधा रानी की पूजा और श्रृंगार की विशेष विधि है, वहीं लड्डू गोपाल को भी राधा रानी के रूप में सजाया जा सकता है। अगर आपके घर में राधा रानी की मूर्ति स्थापित नहीं है, तो आप इस दिन लड्डू गोपाल को राधा रानी के रूप में सजाकर पूजा कर सकते हैं।
आइए जानें इस श्रृंगार की विधि:
श्रृंगार की सामग्री:
- सोलह श्रृंगार की वस्तुएं: वस्त्र, आभूषण और श्रृंगार सामग्री।
- राधा रानी की प्रिय वैजयंती माला।
- मोगरे के फूल।
- चंदन।
- गोपी ड्रेस: द्वापर युग की तरह।
- काजल, कंगन, पायल।
- करधनिया (कमर बंद)।
- कुंडल।
- फूल: केश सजाने के लिए।
- हार: गले के लिए।
- इत्र: गोपी ड्रेस पर छिड़कने के लिए।
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श्रृंगार की विधि:
- पंचामृत स्नान: राधा अष्टमी के दिन सबसे पहले लड्डू गोपाल को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और चीनी) से स्नान कराएं। इसके बाद चंदन से स्नान कराएं।
- गोपी ड्रेस पहनाना: स्नान के बाद लड्डू गोपाल को गोपी ड्रेस पहनाएं, जो द्वापर युग की गोपियों और राधा रानी द्वारा धारण की जाती थी।
- सौंदर्य वर्धन:
- लड्डू गोपाल की आंखों में काजल भरें।
- हाथों में कंगन और पैरों में पायल पहनाएं।
- कमर पर करधनिया बांधें।
- कानों में राधा रानी की तरह कुंडल पहनाएं।
- केशों को सजाने के लिए फूलों से सजाएं।
- गले में सुंदर हार पहनाएं।
- चंदन से श्रृंगार: भौहों के ऊपर चंदन से श्रृंगार करें। गोपी ड्रेस पर इत्र छिड़कें ताकि यह सुगंधित हो जाए।
- आरती: श्रृंगार पूरा होने के बाद, सबसे पहले राधा रानी या युगल जोड़ी की आरती गाएं, फिर लड्डू गोपाल की आरती करें।
प्रसिद्ध ज्योतिषी और कुंडली विशेषज्ञ के. एम. सिन्हा का कहना है कि राधा अष्टमी के दिन इस विधि का पालन करने से घर में राधा रानी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन की पूजा में समर्पण और श्रद्धा का अद्वितीय अनुभव होता है।
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