शनि की नीच दृष्टि और वक्र दृष्टि का मेष से मीन लग्न के जातकों पर प्रभाव 6 जून से प्रारम्भ

शनिःशनिदेव को न्यायधीश की संज्ञा दी जाती है और न्याय करके समय यह ब्रह्मा, विष्णु महेश को भी नही छोड़ते है। जो सृष्टि के रचयिता है। परन्तु जो लोग हनुमान जी की लगातार पूजा करते है। उनपर शनि का विपरीत प्रभाव नही पड़ता है।

शनि की नीच दृष्टि और वक्र दृष्टि का मेष से मीन लग्न के जातकों पर प्रभाव 6 जून से प्रारम्भ 1मेषः- शनि की नीच दृष्टि आपके लग्न पर ही पड़ रही है। जिसके कारण इस समय आपका मानसिक तनाव अधिक बढ़ेगा। एक-एक करके लगातार कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। यदि पहले किसी भी प्रकार की गलती हुई है तो आपको शनिदेव से दण्ड मिल सकता है।

उपायः- इस समय में आप हनुमान जी की आराधना करें।

शनि की नीच दृष्टि और वक्र दृष्टि का मेष से मीन लग्न के जातकों पर प्रभाव 6 जून से प्रारम्भ 2
वृषभः- इस अवधि में आपको विदेशो से लाभ प्राप्त होगा तथा विदेशो से सम्बन्धित कार्यों में आपको सफलता मिलेगी। आपका मन भ्रमित हो सकता है तथा सही फैसले लेने में आप दुविधापूर्ण महसूस करेंगे। कार्य व्यवसाय में भी आपको कुछ रुकावटों का सामना करना पड़ सकता है। आनलाइन कार्यों में भी अच्छे परिणाम मिलेंगे तथा जो लोग मार्केंटिंग के कार्यों से जुड़े है उनको भी सफलता मिलेगी।
उपायः- इस कठिन परिस्थिति के दौरान आपको नारंगी रंग के वस्त्रों का दान करना चाहिए।

शनि की नीच दृष्टि और वक्र दृष्टि का मेष से मीन लग्न के जातकों पर प्रभाव 6 जून से प्रारम्भ 3
मिथुनः- इस समय में आपके बड़े भाई-बहनों एवं बुजुर्गों को कुछ कष्ट मिल सकता है तथा आपको भी किसी दुर्घटना का सामना करना पड़ सकता है एवं शरीर के बाये भाग में कुछ परेशानी हो सकती है। आय के साधन में कुछ परेशाानी हो सकती है। शेयर-सट्टे से विशेषकर दूर रहें तथा कोई कार्यों में आपको विलम्ब से सफलता मिलेगी।

उपायः– नारंगी रंग की वस्तुओं का दान करे एवं किसी गरीब ब्राह्मण को पीले वस्त्रो का दान करें।

शनि की नीच दृष्टि और वक्र दृष्टि का मेष से मीन लग्न के जातकों पर प्रभाव 6 जून से प्रारम्भ 4
कर्कः- इस अवधि में कार्य व्यवसाय को लेकर स्थान परिवर्तन के योग धन रहे है तथा कार्य व्यवसाय को लेकर कुछ परेशानी भी हो सकती है। राजनीति के क्षेत्र में आपको सफलता मिलेगी। कई विपरीत परिस्थितियों का सामना कर सकते है।
उपायः- बजरंग बाण का पाठ तथा हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करे। यह उपाय पुरुष वर्गो के लिए है।

शनि की नीच दृष्टि और वक्र दृष्टि का मेष से मीन लग्न के जातकों पर प्रभाव 6 जून से प्रारम्भ 5
सिंहः– इस अवधि में आपको भाग्य का साथ नही मिलेगा। प्रत्येक कार्यो में रुकावटों का सामना करना पड़ सकता है। यह सभी नकारात्मक प्रभाव आपको 6 जून – 18 जून तक अधिक रहेगा। शेयर-सट्टे से विशेष सावधानी बरतें लेकिन 15 जून के बाद आपको कुछ राहत मिल सकती है।
उपायः- आद्वित्य ह्दय स्त्रोत का पाठ करें तथा हनुमान जी की सेवा करें।

शनि की नीच दृष्टि और वक्र दृष्टि का मेष से मीन लग्न के जातकों पर प्रभाव 6 जून से प्रारम्भ 6
कन्याः- इस अवधि में आप विशेष सावधानी बरतें क्योंकि अकस्मात दुर्घटना (चोट लगना धन का हानि होना इत्यादि) का योग बन रहा है। वाहन चलाते समय आपको अधिक ध्यान देना चाहिए। आपको भाग्य का साथ नही मिलेगा। इसलिए कोई भी शुभ कार्य न करें।
उपायः- हनुमान मन्दिर में जाकर नारंगी रंग की वस्तुओं का दान करें।

शनि की नीच दृष्टि और वक्र दृष्टि का मेष से मीन लग्न के जातकों पर प्रभाव 6 जून से प्रारम्भ 7
तुलाः– इस अवधि में आपके जीवनसाथी के स्वास्थ्य में कुछ परेशानी बन सकती है तथा विवाह को लेकर भी परेशानियां उत्पन्न होंगी। विद्यार्थी वर्गो को कुछ अच्छे परिणाम मिल सकते है। विशेषकर जो चिकित्सक वर्ग से जुड़े हुए है। कार्य व्यवसाय में आपको किसी भी प्रकार का निवेश नही करना चाहिए।
उपायः- पीले रंग की वस्तुओ का लक्ष्मी नारायण मंदिर में दान करे।

शनि की नीच दृष्टि और वक्र दृष्टि का मेष से मीन लग्न के जातकों पर प्रभाव 6 जून से प्रारम्भ 8
वृश्चिकः- इस अवधि में आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे एवं प्रतियोगी परीक्षाओं में भी आप सफल हो सकते है। सरकारी कार्याें मे आपको सफलता मिल सकती है। परन्तु सुख सुविधाओं के संसाधनो में कुछ कमी आ सकती है एवं माता को भी कष्ट मिल सकता है। कोर्ट कचहरी के फैसले आपके पक्ष में हो सकते है। लेकिन मानसिक परेशानियां बढ़ेगी।
उपायः- इस अवधि के दौरान आपको हनुमान जी की आराधना करनी चाहिए।

शनि की नीच दृष्टि और वक्र दृष्टि का मेष से मीन लग्न के जातकों पर प्रभाव 6 जून से प्रारम्भ 9
धनुः– इस अवधि मे आपके संतान के स्वास्थ्य को लेकर चिंता बनी रहेगी इसलिए 6 जून-12 जुलाई तक प्रतिदिन बजरंग बाण का पाठ अवश्य करना चाहिए। जिससे आपके स्वास्थ्य एवं संतान के स्वास्थ्य पर कोई परेशानी उत्पन्न न हो। इस अवधि में आपको अधिक से अधिक मेहनत करना पड़ सकता है। जिसके कारण मानसिक तनाव बढ़ेगा।
उपायः- मंगल का बीज मंत्र करें। जिससे आपके कई परेशानियां दूर होगी।

शनि की नीच दृष्टि और वक्र दृष्टि का मेष से मीन लग्न के जातकों पर प्रभाव 6 जून से प्रारम्भ 10
मकरः– इस अवधि में आपको, मकान को लेकर चिताएं बढ़ सकती है। परन्तु जो लोग मकान बेचना चाहते है। उनको सफलता मिल सकती है। वाहन चलाते समय सावधानी बरतें ।
उपायः- शनि देव की आराधना करे एवं लाल रंग की वस्तुओं का दान करना चाहिए।शनि की नीच दृष्टि और वक्र दृष्टि का मेष से मीन लग्न के जातकों पर प्रभाव 6 जून से प्रारम्भ 11

कुंभः– इस अवधि में गले से सम्बन्धित कुछ परेशानी हो सकती है तथा अस्थमा रोगियों को अपना विशेष ध्यान रखना चाहिए। मित्र एवं रिश्तेदारों से किसी भी प्रकार का वाद-विवाद बढ़ सकता है। साथ ही छोटे भाई-बहनों को भी कष्ट मिल सकता है।
उपायः- शनि का बीज मंत्र एवं लाल व सफेद रंग की वस्तुओं का दान करना चाहिए।

 

शनि की नीच दृष्टि और वक्र दृष्टि का मेष से मीन लग्न के जातकों पर प्रभाव 6 जून से प्रारम्भ 12मीनः- इस अवधि में अकस्मात धन हानि का योग बन सकता है। परिवार के सदस्यों से आप दूर हो सकते है तथा परिवार में वाद-विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। जो लोग विदेशो के कार्यों से जुड़े है। उनको सफलता मिलेगी तथा कोर्ट कचहरी के फैसले आपके पक्ष मे हो सकते है।
उपायः- इस समय के दौरान हनुमान चालीसा का पाठ करें।
सावधानी
हनुमान जी की आराधना केवल पुरुषों वर्गो को करना चाहिए स्त्री वर्गों को गणेश जी की आराधना करनी चाहिए।
इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी के लिए नीचे दिये गयें लिंक पर क्लिक करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

🌟 Special Offer: Buy 1 Get 10 Astrological Reports! 🌟

Unlock the secrets of the stars with our limited-time offer!

Purchase one comprehensive astrological report and receive TEN additional reports absolutely free! Discover insights into your future, love life, career, and more.

Hurry, this offer won’t last long!

🔮 Buy Now and Embrace the Stars! 🔮