शास्त्रों के अनुसार जानें बच्चे नींद में क्यो मुस्कुराते हैं

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बात करें यदि नवजात शिशु की तो आपको यह बात पता है कि घर में यदि किसी नवजात शिशु का आगमन होता है तो उनके आने से व्यक्ति का पूरा जीवन खिल उठता है। इसके अलावा यदि यही शिशु हंसते हैं तो उन्हें देखकर शिशु के माता-पिता और घर के अन्य सदस्यों की सारी थकान और चिंता हमेशा के लिए दूर हो जाती है। ऐसे में क्या आपने यह सोचा है कि सोते वक्त नींद में बच्चे क्यों मुस्कुराते हैं ? क्या उन्हें कोई अच्छे सपने आते हैं ? या फिर उन्हें अपने पिछले जन्म की बातें याद आने लगती हैं ? सभी के मन में कहीं न कहीं यह बात अवश्य आती होगी कि ऐसा क्यों होता है ?

वैसे तो नवजात शिशु का नींद में मुस्कुराना आम बात होती हैं क्योंकि सोते वक्त उन शिशुओं या हम में से किसी का भी दिमाग रेस्ट करने वाली स्थिति में होता है और उनका पूरा शरीर पूरी तरह से बेहोशी की हालत में होता है। कुछ वैज्ञानिकों तथा योग्य ज्योतिषीयों के अनुसार यह कहा जाता है कि नवजात शिशु की मुस्कान एक तरह से अच्छी भावनाओं का प्रतीक होती है। तो वहीं कुछ के अनुसार यह मात्र एक शिशु के क्रिया है तो आइए इन सभी के बारे में हमारे योग्य ज्योतिषाचार्य के.एम. सिन्हा जी से विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हैं।

नवजात शिशु नींद में क्यों मुस्कुराते हैं ?

किसी नवजात शिशु के नींद में मुस्कुराने का कारण किसी बाहरी उत्तेजनाओं के कारण नहीं होता है बल्कि नवजात शिशु के मस्तिष्क में चल रहे किसी विशेष दिमागी गतिविधियों के कारण होता है। आपको बता दें एक व्यक्ति के अन्दर (REM) यानि आँखों की तीव्र गति एक वह अवस्था होती है जिसमें शिशु कोई सपने देखते हैं और अपने सपनों की ही इस प्रतिक्रिया में मुस्कुराते हैं।

नवजात शिशु या किसी व्यक्ति के अंदर होने वाले नींद चक्र

शास्त्रों के अनुसार एक व्यक्ति में दो तरह के नींद आने के चक्र होते हैं इनमे से एक होता है आँखों की तीव्र गति यानि (REM) और दूसरा होता है आँखों की नर्म नींद यानि (NREM) इन दोनों ही नींद की प्रक्रियाओं से हमारा शरीर हर रात गुजरता है जिसके कारण ही एक सामान्य व्यक्ति या नवजात शिशु को नींद आने का अनुभव होने लगता है। अतः एक नवजात शिशु में यह नींद का चक्र (REM) अवस्था से ही शुरु हो जाती है। आमतौर पर एक नवजात शिशु दिन में 16 से 18 घंटे की नींद लेते हैं ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उनमे सोने और जागने का कोई समय नही होता है। इसी कारणवश एक नवजात शिशु नींद में ही कुछ चीजों का अनुभव करके मुस्कुराते हैं।

कुछ अन्य अवस्थाओं से भी जानें शिशु के नींद में मुस्कुराने की वजह

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एक नवजात शिशु की इन होने वाली अवस्थाओं में सबसे पहली अवस्था (NREM) की होती है। व्यक्ति के नींद आने में यह एक ऐसी अवस्था होती है जिसमें एक व्यक्ति या नवजात शिशु का शरीर आराम वाली अवस्था में आ जाता है इसमें नवजात शिशु की सांसे धीरे होने लगती है और वह पूरी तरह से नींद में जाने लगता है।

एक नवजात शिशु की इस अवस्था में उसकी सांसे, नब्ज दर और मांसपेशियां पूरी तरह से आराम वाली अवस्था में आ जाती है साथ ही आपके दिमाग में अन्य गतिविधियाँ और मस्तिष्क में उत्पन्न होने वाली तरंगे भी कम होने लगती हैं।

एक नवजात शिशु के नींद (NREM) अवस्था के बाद (REM) अवस्था शुरु हो जाती हैं शिशु की होने वाली यह अवस्था उसके नींद में जाने के आधे घंटे बाद से शुरु हो जाती है,तभी उस अवस्था में जाने के बाद से ही वह सपने देखना शुरु कर देता है। आपको बता दें एक शिशु की इस अवस्था में उसके पलकों का हिलना-डुलना शुरु हो जाता है साथ ही उसके दिमाग और दिल की धड़कनें अत्यधिक बढ़ जाती है परन्तु उनके इस अवस्था में जाने के बाद उनके हाथ पैर नही हिलते हैं।

शिशु के नींद में मुस्कुराने का कारण

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शिशु के नींद में मुस्कुराने का कारण उनका भावनात्मक विकास भी हो सकता है। इसमें शिशु बाहर की नई आवाजों को सुनकर तथा कई अन्य चीजों को देखकर भी मुस्कुराने लगता है।

जब कभी नवजात शिशु गैस पास कर रहे होते हैं तो ऐसा करने से उन्हें आराम मिलता है और अच्छा महसूस होता है यह भी शिशु के नींद में मुस्कुराने का एक जाना माना कारण हो सकता है।

इसके अलावा कुछ परिस्थितियों में नवजात शिशु में पड़ने वाले दौरे के कारण भी वह नींद में मुस्कुराने लगते हैं। यदि आपके नवजात शिशु के वजन में कमी आती हैं या सोते समय किसी तरह की दिक्कत दौरे पड़ना या हंसने जैसे किसी तरह के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो ऐसे में अपने नवजात शिशु की होने वाली दिक्कतों को अनदेखा न करते हुए तुरंत डाॅक्टर से सम्पर्क करना चाहिए अन्यथा यह दिक्कतें बढ़ सकती हैं।

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