श्रावण पूर्णिमा व्रत 2023

भगवान शिव का प्रिय सावन का महीना भक्तों के लिए बहुत अधिक महत्व रखता है। इसलिए भगवान शिव की आराधना के लिए न केवल सावन का सोमवार व्रत रखते है बल्कि पूर्णिमा का व्रत भी करते है। इस दिन भगवान विष्णु माता लक्ष्मी और चन्द्र देवता की पूजा भी खास माना जाता है।  श्रावण पूर्णिमा के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन पितरों का तर्पण किया जाता है। इस दिन ब्राह्मण शुद्धिकरण का अनुष्ठान भी करते है। चन्द्र दोष से मुक्ति के लिए यह तिथि श्रेष्ठ मानी जाती है। श्रावणी पर्व के दिन जनेऊ पहनने वाले हर धर्मावलेमी मन वचन और कर्म की पवित्रता का संकल्प लेकर जनेऊ बदलते है। इस दिन गोदान का बहुत महत्व होता है।

श्रावण पूर्णिमा कथाः-

पौराणिक कथाओं के अनुसार एक नगर में एक बुगध्वज नाम का राजा राज करता था। एक बार राजा जंगल मे शिकार करते हुए थक गया और वह बरगद के पेड़ के नीेचे बैठ गया वहां उसने देखा की कुछ लोग भगवान की पूजा कर रहे है। राजा अपने लालच में इतना चूर था की वे सत्य नारायण भगवान की कथा में भी नही गया और न ही उसने भगवान को प्रणाम किया गांव वाले उसके पास आये उसे आदर से प्रसाद दिया लेकिन राजा इतना घमंडी था की वह प्रसाद को खाए बिना ही छोड़ कर चला गया। जब राजा अपने नगरी पहुंचा तो उसने देखा की दूसरे राजा ने उसके राज्य पर हमला कर सब कुछ नष्ट कर दिया। जिसके बाद वह समझ गया की यह सब भगवान सत्यनारायण के क्रोध का कारण है। वह वापस उसी जगह पहुंचा और गांव वालों में भगवान का प्रसाद मांगकर ग्रहण किया। भगवान सत्य नारायण ने राजा को माफ किया और सब कुछ पहले जैसे कर दिया। राजा ने काफी लम्बे समय तक राजसत्ता का सुख भोगा और मरने के बाद उसे स्वर्ग लोक की प्राप्ति हुई

श्रावण पूर्णिमा के दिन कथा सुनने लाभः-

शास्त्रों के अनुसार जो भी व्यक्ति विधि पूर्वक भगवान सत्यनारायण का व्रत और कथा सुनते है। उन्हें संसार के सभी सुखों की प्राप्ति होती है। उस व्यक्ति की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती है और माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। वह व्यक्ति कभी भी निर्धन होता और उन पर कोई विपत्ति व परेशानी नही होती है तथा सत्यनारायण भगवान की कथा सुनने वाले व्यक्ति को मरने के बाद बैकुण्ठ धाम की प्राप्ति होती है। इसलिए सभी व्यक्तियों को भगवान की कथा अवश्य सुनना चाहिए।

श्रावण पूर्णिमा का महत्वः-

सावन की पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा की पूजा का खास महत्व है। मान्यता है की पूर्णिमा पर चंद्रदेव के दर्शन और उनकी आराधना से धन सम्बन्धी परेशानियां दूर हो जाती है। चन्द्रमा मन के कारक माने जाते है। इस दिन व्रत रखकर रात में चन्द्रमा की पूजा अर्चना करने से बहुत लाभ प्राप्त होता है तथा चन्द्रदोष से मुक्ति मिलती है। श्रावण पूर्णिमा को दक्षिण भारत में नारयली पूर्णिमा व अवनी अवित्तम, मध्य भारत में कजरी पूजन उत्तर भारत में भी इसी नामों से जाना जाता है। श्रावण पूर्णिमा के दिन चन्द्र पूजन के साथ-साथ माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। जिससे हमारे जीवन धन-सम्पत्ति की कभी कमी नही आती। इस दिन विशेष रुप से सत्य नारायण भगवान की कथा सुनने का महत्व है। इस दिन व्रत के साथ नदियों में स्नान दान का बहुत महत्व है।

श्रावण पूर्णिमा की पूजा विधिः-

☸ पूर्णिमा के दिन सुबह किसी पवित्र नदी में स्नान करने नये वस्त्र धारण किये जाते है तथा श्री विष्णु जी की पूजा की जाती है।
☸ इस दिन गाय को चारा डालना, चीटियों, मछलियों को भी आटा डालना शुभ होता है।
☸ इसके बाद एक साथ चैकी पर गंगाजल छिड़क कर उस पर भगवान सत्य नारायण की मूर्ति या प्रतिमा स्थापित की जाती है।
☸ मूर्ति स्थापित करके उन्हें पीले रंग के वस्त्र पीले फल पीले रंग के पुष्प अर्पित किये जाते है और उनकी पूजा की जाती है। इसके बाद भगवान सत्य नारायण की कथा सुनी जाती है।
☸ कथा पढ़ने के बाद चरणामृत और पंजीरी का भोग लगाया जाता है। इस प्रसाद को स्वयं ही ग्रहण किया जाता है और लोगो के बीच बांटा जाता है।

श्रावण पूर्णिमा व्रत विधिः-

श्रावण पूर्णिमा का व्रत 30 अगस्त 2023 बुधवार को रखा जाएगा।
श्रावण पूर्णिमा तिथिः 10ः58 से शुरु होगी।
श्रावण पूर्णिमा तिथि 31 अगस्त 07ः05 तक श्रावण पूर्णिमा खत्म होगी।

Astrologer KM SINHA Latest Offer

Kundali Expert is one of the World Famous astrologer, we not only make predictions looking into horoscopes but also do predictions through palmistry, and numerology. As the planets and stars keep on moving constantly, this movement causes a certain amount of effect in our lives. Astrologer K.M Sinha,

The Right and Accurate Solution for any problem.

You can also follow us on Instagram to get the right and Accurate Solution for any problem.