क्या है श्री यंत्र की पूजा, आध्यात्मिकता तथा कैसे करें स्थापित, पूजा के दौरान रखें इन बातों का ध्यान | Shri Yantra |

श्री यंत्र की शक्तिः-

श्री यंत्र हमारे जीवन से सभी समस्याओं और नकारात्मकता को मुक्त करता है। श्री यंत्र का उपयोग करने वाला व्यक्ति बहुत सम्पन्नता, शांति और सद्भाव प्राप्त करता है, श्री यंत्र हमे आध्यात्मिक और भौतिक रुप से विकास की सीमाओं को अनिश्चित काल तक और आसानी से आगे बढ़ने में मदद करता है कई बार हमारे जीवन में कुछ ऐसी घटनायें होती है जो हमारे नियंत्रण के बाहर होती है तथा हम स्वयं को अत्यधिक तनाव ग्रस्त महसूस करते है तब इस श्री यंत्र को घर में स्थापित कर इसकी पूजा करने से हमारे सभी कष्ट नष्ट होते है।

आध्यात्मिकता का प्रतीकः-

श्री यंत्र सभी देवी देवताओं का प्रतीकात्मक रुप है श्री यंत्र ब्रह्मा जी के पास था, ब्रह्माण्ड के निर्माता ब्रह्मा और भगवान विष्णु द्वारा इस यंत्र को पूजित किया गया है। श्री यंत्र को वास्तु की प्राचीन कलाओं के साथ गहराइयों से जोड़ा जाता है और विशेष रुप से वास्तु शास्त्र में इसका उल्लेख किया गया है, वास्तु के अनुसार सभी निर्माणों में अनिवार्य रुप से भी यंत्र होना चाहिए।

ऊर्जा का स्त्रोतः-

श्री यंत्र एक प्रकार के सर्वोच्च ऊर्जा का स्त्रोत है, ऊर्जा एक प्रकार के तरंगो और किरणों के आकार में एक तत्व है। श्री यंत्र अत्यधिक संवेदनशील और चुम्बकीय शक्ति है। इसको ऊर्जा का एक दिव्य भण्डार कहा जाता है जो ग्रहों और अन्य सार्वभौतिक वस्तुओं द्वारा उत्सर्जित है और यह विशेष रुप से ब्रह्माण्डिय तरंगों को उठाता है। जहां श्री यंत्र रखा जाता है वहां के आस-पास की नकारात्मक एवं विनाशाकीय शक्तियां नष्ट हो जाती है। श्री यंत्र को एक सर्वोच्च छिपी हुई शक्तियों का श्रेय दिया गया है। श्री यंत्र को स्थापित करने के बाद इसकी पूजा करने के थोड़े समय बाद ही इसकी शक्तियों का अनुभव किया जा सकता है।

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कब स्थापित करें श्री यंत्रः-

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कोई भी शुभ एवं धार्मिक कार्य बिना शुभ मुहूर्त के नही करना चाहिए वरना व्यक्ति को अनेक बाधाओं का सामना करना पड़ता है तथा इसका पूर्ण फल प्राप्त नही होता है। ठीक उसी प्रकार घर में श्री यंत्र लाने से पहले एक शुभ मुहूर्त अवश्य देख लें तथा उस मुहूर्त में ही श्री यंत्र को घर में लायें, उसके उपरान्त श्री यंत्र की स्थापना एक अच्छे ज्योतिष के द्वारा शुभ मुहूर्त मे उसकी स्थाना करवायें इससे आपको उत्तम फल की प्राप्ति होगी।

शुक्रवार के दिन करें श्री यंत्र की पूजाः-

ज्योतिष के अनुसार सभी देवी-देवताओं की पूजा की तरह ही श्री यंत्र की भी पूजा करनी चाहिए। इसलिए इस यंत्र की पूजा माता लक्ष्मी की पूजा के साथ करें इससे शुभ फलो की प्राप्ति होती है तथा यह मनुष्य के जीवन से नकारात्मकता को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।

श्री यंत्र की पूजा विधिः-

☸ शुक्रवार के दिन प्रातः काल श्री यंत्र की स्थापना करें सबसे पहले इसे लाल रंग के कपड़े के ऊपर रख लें।
☸ इसके बाद श्री यंत्र को पंचामृत, दूध, दही, शहद, घी, शक्कर आदि से स्नान करायें फिर गंगाजल से स्नान करायें।
☸ इसके बाद श्री यंत्र की पूजा लाल चंदन, लाल फूल, अबीर, मेंहदी, रोली, अक्षत, लाल दुपट्टा आदि से करना चाहिए।
☸ श्री यंत्र पर लाल मिठाई का भोग लगाएं और धूप, दीप, कपूर से इसकी आरती करें।
☸ श्री यंत्र के सामने मां लक्ष्मी मंत्र का श्री सुक्त या दुर्गा सप्तशती से देवी के सामने उनके किसी भी श्लोक का पाठ अवश्य करें।

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श्री यंत्र की पूजा में रखें निम्न बातों का ध्यानः-

यदि आपने अपने घर में श्री यंत्र की स्थापना की है तो इससे सम्बन्धित नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए अन्यथा इसके नकारात्मक परिणाम भी प्राप्त हो सकते है।

☸ श्री यंत्र को घर में स्थापित करने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से शुभ मुहूर्त की जानकारी अवश्य प्राप्त कर लें।
☸ घर में श्री यंत्र को लाकर उसे भी घर के पूजा-स्थल के पास ही रखें और नियमित रुप से पूजा अवश्य करें।
☸ आप श्री यंत्र को घर में स्थापित करने से पहले उसे भली-भाँति जाँच अवश्य ले कि श्री यंत्र सही बना है या नही अन्यथा श्री यंत्र की पूजा का कोई लाभ नही मिलेगा।
☸ श्री यंत्र को अगर अपनी राशि के अनुसार अपने पास रखा जाये तो यह जीवन में सुख-समृद्धि के साथ-साथ विद्या की भी बारिश कर सकता है।
☸ श्री यंत्र सामान्यतः ताम्र पत्र पर बनायें जाते हैं इसके अलावा इस यंत्र को तांबे, चांदी, सोने और स्फटिक में भी बनाया जाता है।
☸ श्री यंत्र को स्थापित करते समय माता लक्ष्मी का ध्यान लगाते हुए ओम श्री मंत्र का जाप करें यह कम से कम 21 माला करनी है।
☸ श्री यंत्र की जितनी पूजा होती है उतना ही बल मिलता है।
☸ श्री यंत्र मां लक्ष्मी की आकर्षित करने वाला प्रभावी यंत्र है।