सफला एकादशी

[ez-toc]पौष माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी के रुप में मनाया जाता है। आज के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना करते है। यह व्रत सभी कार्यों मे सफलता दिलाता है जो इसके नाम से ही स्पष्ट है। इस व्रत को करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। साथ ही सभी कष्ट भी दूर होते है। इस एकादशी को कल्याण और सौभाग्य प्रदान करने वाली मानी जाती है। सच्चे मन से पूजा-पाठ करने पर बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है। घर-परिवार सुख-शांति बनी रहती है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार एक हजार अश्वमेघ यज्ञ मिलकर भी इतना लाभ नही दे सकते है। जितना सफला एकादशी का व्रत रखकर मिल सकता है।

सफला एकादशी की पूजन विधिः-

☸ प्रातः काल स्नान आदि करने के पश्चात व्रत का संकल्प लें।
☸उसके बाद भगवान को धूप, दीप, फल और पंचामृत आदि अर्पित करें
☸ अब नारियल, सुपारी, आवला, अनार एवं लौंग इत्यादि से भगवान की आराधना करें।
☸ रात्रि के समय जागरण करें तथा श्री हरि के नाम के भजन करें जिसका बहुत महत्व है।
☸ व्रत के अगले दिन किसी जरुरतमंद या ब्राह्मण को भोजन खिलाएं तथा दक्षिण भी दे उसके बाद व्रत का पारण करें।

सफला एकादशी शुभ मुहूर्तः-

सफला एकादशी तिथि प्रारम्भः- 18 दिसम्बर 2022 रात्रि 10ः02
सफला एकादशी तिथि समाप्तः- 19 दिसम्बर 2022 को रात्रि 09ः28  तक

 

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