सुनहला रत्न के फायदे, पहचान व धारण करने की विधि

वैसे तो बहुत से रत्नों और उपरत्नों का संबंध किसी न किसी ग्रहों से अवश्य होता है परन्तु यदि बात करें सुनेहला उपरत्न की तो इनका सीधा सम्बन्ध देवगुरु बृहस्पति से होता है। देखा जाए तो इसे पुखराज के उपरत्न के रुप में जानते हैं जिसको सुनेहला कहते हैं। यह पुखराज का उपरत्न होने के कारण पुखराज की तुलना में यह काफी ज्यादा सस्ता आता है। यह उपरत्न पीले रंग से लेकर सुनहरे रंग तक की आभा वाले रंगों में पाया जाता है। अंग्रेजी में इस उपरत्न को (Citrine) कहा जाता है।

इस उपरत्न में आयरन की उपस्थिति के कारण आयरन जितनी अधिक मात्रा में रहता है यह उपरत्न उतना ही ज्यादा गहरा होता जाता है और यह उपरत्न जितना ज्यादा गहरा होता है उतना ही यह बढ़िया माना जाता है। इसके अलावा हल्के रंग का सिट्रीन भी अत्यधिक शुद्ध माना जाता है। यह गुरु का उपरत्न होता है इसलिए इसे पहनने वाले जातकों को गुरु ग्रह से सम्बन्धित लाभ की प्राप्ति होती है साथ ही जातक में निर्णय लेने की क्षमता का भी विकास होता है और जातक को अपने सामाजिक कार्यों में रूचि मिलती है।

सुनेहला रत्न से मिलने वाले जातक को लाभ

☸ दुनिया में बहुत से ऐसे उपरत्न हैं जिनके अलग-अलग मिलने वाले लाभ होते हैं ठीक वैसे ही सुनेहला उपरत्न को इसके हीलिंग गुणों के लिए जाना जाता है। इस उपरत्न की कीमत ज्यादा नही होती है परन्तु इससे मिलने वाले ज्योतिषीय लाभ जातक अवश्य प्राप्त कर सकता है तो आइए इससे मिलने वाले लाभ के बारे में जानते हैं।

☸ यदि कोई जातक देवगुरु बृहस्पति के ज्ञान और समृद्धि से सम्बन्धित उपरत्न (सुनेहला) धारण करता है तो ऐसे जातक को व्यापार क्षेत्र में अत्यधिक लाभ की प्राप्ति होती है। इसके अलावा यदि जातक को व्यापार में घाटा हो रहा है, तथा बेवजह के घर में खर्चे होने के कारण अपना धन निवेश नही कर पा रहा है तो ऐसे में जातक सुनेहला रत्न अवश्य धारण कर सकते हैं।

☸ जो जातक सुनेहला उपरत्न धारण करता है उस जातक के आत्म-सम्मान में वृद्धि होती है ऐसे जातक के आस-पास हमेशा एक सकारात्मक ऊर्जा होती है जिससे जातक दूसरों को भी सकारात्मक सोचने पर मजबूर कर देता है। इस रत्न के धारण करने से जातक के शरीर में एक अलग तरह की ऊर्जा देखने को मिलती है। यह रत्न धारण करने वाले जातकों के पाचन से सम्बन्धित समस्याओं को सुधार कर जातक की शारीरिक शक्ति को अत्यधिक बढ़ाने में मदद करता है।

☸ यदि कोई जातक सिट्रीन रत्न धारण किये हुए है तो इससे मिलने वाले लाभ में जातक के आसपास फैली हुई नकारात्मक शक्तियाँ जल्द ही दूर हो जाती है। इस उपरत्न को धारण करने से जातक को अत्यधिक धन लाभ की प्राप्ति होती है। वास्तव में यह उपरत्न धन को अपनी ओर आकर्षित करने में बहुत सहायक होता है।

☸ सिट्रीन रत्न को धारण करने वाले जातक के आत्मविश्वास में निरन्तर वृद्धि देखने को मिलती है इसके अलावा धारण करने वाले जातक को अपनी सूझ-बूझ से सही निर्णय लेकर आर्थिक तंगी से बाहर निकलने में भी सहायता मिलती है।

☸ इस उपरत्न को धारण करने से दिन प्रतिदिन जातक की सीखने की क्षमता में और ज्यादा वृद्धि होने लगती हैं साथ ही इस उपरत्न को धारण करने वाले जातकों की बुद्धि तथा हर चीजों को लेकर गुण बहुत ज्यादा अच्छे होते हैं।

☸ यदि दाम्पत्य जीवन जी रहे जातको के बीच संबंधो में मनमुटाव उत्पन्न हो रहा है या फिर पति-पत्नी के बीच मे तालमेल नही बन पा रहा है तो ऐसे में इस उपरत्न को धारण करने से पति-पत्नी के बीच रिश्तों में मजबूती आती है। इसके अलावा जिन विवाहित जातकों के जीवन में संतान प्राप्ति होने में दिक्कत आ रही है तो उन जातकों को सुनेहला रत्न पहनने से अत्यधिक लाभ की प्राप्ति होती है।

☸ विद्यार्थी जातकों के जीवन की बात करें तो सुनेहला रत्न विद्यार्थी जातको के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। इसके अलावा सरकारी नौकरी कर रहे जातकों को अपनी तैयारी जारी रखने और लक्ष्य प्राप्ति करने में भी यह उपरत्न अत्यधिक सहायता प्रदान करता है।

☸ सुनेहला रत्न धारण करने से यदि कोई जातक अत्यधिक क्रोधित रहता है तो यह रत्न क्रोध पर नियन्त्रण रखने में मदद करता है साथ ही यह उपरत्न जातक के हार्मांेस को कंट्रोल करके अपने दिमाग को पूरी तरह से शांत रखने में मदद करता है।

सुनेहला रत्न किसे धारण करना चाहिए

वैदिक ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार किसी भी रत्न या उपरत्नों को धारण करने से पहले यह अवश्य जान लेना चाहिए की किसे यह रत्न धारण करना चाहिए अतः बात करें यदि हम सुनेहला उपरत्न की तो इस उपरत्न को धारण करने से देवगुरु बृहस्पति आपकी कुण्डली में अत्यधिक मजबूत होते है साथ ही जातक के ज्ञान, बुद्धि और आर्थिक स्थिति में भी प्रतिदिन वृद्धि होती है। यह रत्न जातक को करियर क्षेत्र में भी सफल परिणाम दिलाता है।

आपको बता दें सुनेहला उपरत्न धनु और मीन राशि के जातक धारण कर सकते है इसके अलावा बृहस्पति की कृपा प्राप्त करने के लिए मेष, कर्क, सिंह, और वृश्चिक राशि के जातक भी सुनेहला उपरत्न धारण कर सकते हैं। यदि आपकी कुण्डली में गुरु ग्रह उच्च अवस्था में होकर अपने शुभ स्थान पर विराजमान हैं तो आप बृहस्पति के इस उपरत्न को अवश्य धारण कर सकते हैं। वहीं यदि गुरु ग्रह आपकी जन्म कुण्डली में कमजोर स्थिति में स्थित हो तो गुरु ग्रह को मजबूत करने के लिए भी आप सुनेहला रत्न धारण कर सकते हैं।

इस विधि से धारण करें सुनेहला उपरत्न

☸ सुनेहला उपरत्न को धारण करने की बात करें तो बृहस्पति ग्रह के इस उपरत्न को बृहस्पतिवार के दिन ही धारण करना चाहिए ऐसा करने से आपको इस रत्न के चमत्कारिक लाभ ज्यादा से ज्यादा मिल पाते हैं।

☸ जब कभी भी आप सुनेहला उपरत्न धारण करें तो इसे सोने या पंचधातु की अंगूठी में बनवाकर दाहिने हाथ की तर्जनी उंगली में ही धारण करना चाहिए।

☸ सुनेहला रत्न को धारण करने से पहले गुरुवार की सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नानादि से निर्वत तथा साफ-सुथरे होकर सुबह से ही भगवान श्री विष्णु जी का ध्यान करना चाहिए उसके बाद ताँबे के एक पात्र या फिर किसी कटोरी में कच्चा दूध, शहद, घी, गंगाजल तथा तुलसी जी की पत्तियाँ मिलाकर इसमें सुनेहला रत्न को शुद्ध करने के लिए डाल दें। शुद्ध करने के बाद गुरु ग्रह के बीज मंत्र ओम ग्रां ग्री ग्रं गुरुवे नमः मंत्र का 108 बार रुद्राक्ष की माला का जाप करें। उसके बाद गुरु के इस उपरत्न को गंगाजल से निकालकर भगवान विष्णु जी का ध्यान लगाते हुए इस उपरत्न को धारण करें।

☸ इस उपरत्न को धारण करने के बाद गुरु ग्रह से संबंधित चीजों का दान किसी मंदिर या किसी पुजारी को अवश्य करें साथ ही अपने बड़े-बुजुर्गो का चरण स्पर्श करें।

हमसे ही क्यों लें

जब कभी भी हम अपने ज्योतिषीय सलाह से रत्न धारण करने के बारे में सोचते हैं तो कोई भी रत्न हमें तभी लाभ पहुँचा सकता है जब हम उसे अच्छी गुणवत्ता वाला धारण करते हैं। इसलिए कभी भी कोई रत्न हमेशा उच्च गुणवत्ता वाला पहनना चाहिए अन्यथा इसे धारण करने का कोई मतलब नही होता है। यह रत्न हमारे योग्य ज्योतिषी के. एम. सिन्हा जी के द्वारा शुद्ध रूप से अभिमंत्रित किया गया है जिससे कि यह रत्न आपको जल्द से जल्द लाभ प्राप्त कराकर शुभ फल दे सके। इसके अलावा हमारे द्वारा दिया गया रत्न पूरी तरह से सर्टिफिकेट के साथ आपके पास पहुँचाया जाता है जो कि इस रत्न के शत-प्रतिशत ओरिजनल (असली) होने का प्रमाण देता है। यदि आप भी बिना किसी दुविधा के उच्च गुणवत्ता वाला रत्न प्राप्त करना चाहते हैं तो Kundaliexpert से प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा आप इस रत्न को नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करके ऑनलाइन भी आर्डर कर सकते हैं। आप उच्च गुणवत्ता वाला सुलेमानी उपरत्न लेने के लिए निचे दिये गये इस नम्बर पर भी सम्पर्क कर सकते हैं  9818318303

विशेष:- यह रत्नों की सामान्य जानकारी है। अतः आप कोई भी रत्न बिना किसी ज्योतिषी सलाह के न पहनें अन्यथा बुरे परिणाम मिल सकते हैं।

 

 

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