अक्षय तृतीया को एक स्वयं सिद्ध मुहूर्त माना गया है। इस दिन किसी भी कार्य को करने के लिए पंचाग देखने या मुहूर्त निकलवाने की आवश्यकता नही होती है। अक्षय तृतीया के दिन किया गया कार्य अक्षय रहता है। इस दिन विवाह गृह प्रवेश, वस्त्र आभूषण की खरीदारी या घर वाहन आदि की खरीदारी जैसे कार्य किये जा सकते है। जो अति शुभ होगा। पुराणों में माना गया है कि इस दिन पितरों को किया गया तर्पण तथा पिण्डदान बेहद फलदायक होता है। इस दिन गंगा स्नान करने से तथा भगवत पूजन करने से समस्त पाप नष्ट हो जाते है।
अक्षय तृतीया पर बनने वाले 4 महासंयोग
आयुष्मान योग
जिस जातक का जन्म इस योग में होता है वह जातक आयुष्मान होता है अर्थात लम्बी आयु तक धरती का सुख भोगता है। इस योग के जातक काव्य यानि कविताओं और गीतों के शौकीन होते है तथा धनवान भी होते है। इस बार अक्षय तृतीया पर आयुष्मान योग बन रहा है। जो सूर्योदय से लेकर सुबह 09 बजकर 26 मिट तक रहेगा।
सौभाग्य योग
जिन जातकों का जन्म सौभाग्य योग में हुआ होता है वह बहुत बुद्धिमान ज्ञानी तथा धनवान होते है। ऐसा जातक जन्म से ही अपने माता-पिता तथा परिवार के लिए अपने अनुसार भाग्य वर्धक फल देने वाला होता है। जातक के अन्य स्थान पर भी जाने के बाद जहां वह रात भर भी विश्राम कर लेता है। वहां के लोग सुखी होेने लगते है। अक्षय तृतीया के दिन प्रातः से प्रारम्भ होकर पूरी रात तक रहेगा।
त्रिपुष्कर योग
इस योग के दौरान धन सम्बन्धी शुभ कार्य करने चाहिए, पूजा-पाठ करना धार्मिक यात्राएं करना आदि काफी शुभ होता है। इस दिन कीमती वस्तु जैसे सोना खरीदा जा सकता है। खासकर शनिवार, रविवार के दिन इस आने वाले योग का जबरदस्त फायदा होता है। अक्षय तृतीया के दिन इस योग की समयावधि 05ः40 से सुबह 07ः49 तक रहेगा।
रवि योग
रवि योग में किया गया कोई भी कार्य बहुत ही लाभकारी परिणाम देता है किन्तु इस योग में विवाह नही किया जाता है, शास्त्रों के अनुसार भगवान श्रीराम का जन्म भी इसी नक्षत्र में हुआ था। इसलिए इसे धार्मिक दृष्टि से भी अत्यन्त शुभ माना गया है। यह योग अक्षय तृतीया के दिन रात 11ः24 से अगली सुबह 05ः48 तक रहेगा।