करवा चौथ की सरगी की थाल में क्या रखें?

शास्त्रों में करवा चौथ के व्रत को लेकर कुछ महत्वपूर्ण नियम बताए गए हैं। जिनका पालन करने से महिलाओं को शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इस व्रत की तैयारी महिलाएं कई दिन पहले से ही करनी शुरू कर देती है। यदि ऐसे मे आप सरगी की थाल में क्या रखे सोच रही हैं तो आपको हम बता दे सरगी की थाल मे क्या रखना होगा शुभ?

करवा चौथ की सरगी
करवा चौथ से एक दिन पहले सास अपनी बहु को सुहाग और खाने का सामान देती है, इसे ही सरगी कहा जाता है। सरगी की थाली में 16 श्रृगांर की सभी सामग्री, सुखे फल, मिठाई आदि सामान रखा जाता है। सरगी के सामान के साथ ही व्रत का प्रारम्भ किया जाता है। सुहागिन महिलाएँ सूर्योदय से पहले उठकर सास का दिया मिठाई और सुखे फल आदि खाती है।
सरगी मे सुहाग का सामान –
सुहागिन महिलाएं पति की लम्बी आयु के लिए करवा चौथ का व्रत बहुत ही धूम धाम एवं उत्साह से मनाती है। ऐसे में सरगी की थाल में कुमकुम बिंदी, पायल मेहंदी चूड़ी, लाल साड़ी, महावर, सिंदूर, मांग टीका, बिछिया, काजल, कंघी आदि वस्तुए अवश्य शामिल करें।

ताजे फल – सरगी की थाली मे ताजे फल अवश्य रखें  ताजे फल मे सेब, अनानास, मौसमी इत्यादि अवश्य शामिल करें स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से फलों को शामिल करना बहुत अच्छा माना जाता है। करवा चौथ का व्रत सूर्योदय से चंद्रोदय तक निर्जला रखा जाता है।

मिठाई
सरगी सदैव सूर्योदय से पहले ही खाई जाती है। ऐसे मे सरगी की थाल मे मिठाई अवश्य रखें। ऐसा माना जाता है मीठा खाने से व्रत में कोई बाधा नही उत्पन्न होती है।

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मेवे और नारियल पानी –
दिन-भर उपवास रहने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है ऐसे स्थिति में आप सरगी में मेवे और नारियल पानी को शामिल करें।

सरगी का शुभ मुहूर्त
करवा चौथ के व्रत के दिन सूर्योदय से पहले सरगी खाने की परम्परा है। इस दिन प्रातःकाल 4-5 बजे के करीब में सरगी को खा लेना चाहिए। सरगी के दौरान तेल- मसाले वाली वस्तुओं को नहीं रखाना चाहिए। ब्रह्म मुहूर्त सरगी के लिए सबसे उत्तम माना जाता है।
ब्रह्म मुहूर्त – 13 अक्टूबर प्रात काल 4ः46 मिनट से 5ः36 मिनट तक

 

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