कुण्डली में शुभ शुक्र जातक को देते हैं धन, वैभव, प्रेम, ऐश्वर्य और सौभाग्य

वास्तव में शुक्र ग्रह को सुख और वैभव का ग्रह माना जाता है। ज्योतिष में शुक्र ग्रह को दूसरा सबसे शुभ और सुखदायी ग्रह माना जाता है। इन सभी नव ग्रहों में शुक्र ग्रह का अत्यधिक महत्व होने के कारण इनका हमारे शरीर और जीवन पर बहुत ही गहरा प्रभाव पड़ता है। यह ग्रह सुख-सुविधाओं का ग्रह कहे जाने वालों में से एक होता है। यह ग्रह जातक की कुण्डली में उपस्थित वृषभ एवं तुला राशियों का स्वामी होता है। यह ग्रह मीन राशि में उच्च भाव में रहता है तथा कन्या राशि में यह नीच भाव में रहता है। इसके अलावा बुध और शनि ग्रह को शुक्र ग्रह का मित्र ग्रह माना जाता है जबकि सूर्य और चन्द्रमा को शुक्र का शत्रु ग्रह माना जाता है। बृहस्पति ग्रह को शुक्र ग्रह का उदासीन ग्रह माना जाता है, इसकी दृष्टि कुण्डली में सातवीं होती है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार शुक्र ग्रह के गुणों में शुक्र को रोमांस, कलात्मक प्रतिभा, कामुकता, शरीर और भौतिक जीवन की गुणवत्ता धन, विपरीत लिंग, ललित कला, संगीत, नृत्य, चित्रकला और मूर्तिकला का प्रतीक माना जाता है।

किसी जातक की जन्मकुण्डली में शुक्र ग्रह यदि अपनी उच्च स्थिति में रहता है तो उन जातकों के लिए प्रकृति की सराहना करना एवं सौहार्दपूर्ण संबंधों का आनंद लेने की संभावना रहती है साथ ही सुख-सुविधाओं की प्राप्ति हमेशा होती रहती है। वहीं यदि किसी जातक की जन्मकुण्डली में शुक्र ग्रह अपनी नीच स्थिति में हो तो ऐसे में जातक को अपने वैवाहिक जीवन में अत्यधिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

कमजोर शुक्र से जातक पर प्रभाव

☸ वैसे तो शुक्र ग्रह को काफी सुख सुविधाओं वाला ग्रह माना जाता है परन्तु कभी-कभी ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है जब शुक्र कुण्डली में स्वयं अशुभ स्थिति में होता है। अतः अपने कमज़ोर होने की अवस्था में यह जातक को किस तरह से प्रभावित करते हैं यह जानना अति आवश्यक होता है तो आइए शुक्र के कमजोर होने के कुछ लक्षणों को जानते हैं।

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☸ यदि जन्मकुण्डली में शुक्र कमजोर हो तो ऐसा व्यक्ति बिल्कुल भी दिखने में आकर्षक नही होता है न तो इनका रूप रंग ही अच्छा होता है और नाहि इनका पहनावा ही बहुत अच्छा होता है।

☸ यदि जातक की जन्मकुण्डली में शुक्र ग्रह कमजोर अवस्था में हो तो ऐसा व्यक्ति बहुत ही ज्यादा घृणा तरीके से रहता है। हमेशा साफ-सुथरा होकर रहने की प्रवृत्ति इनके अन्दर नही होती है।

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☸ शुक्र की कमजोर अवस्था में जातक धर्म और अध्यात्म की तरफ जाता है साथ ही उनका मन कभी भी भोगविलासिता में नहीं लगता है। ऐसा जातक हर तरह की बीमारियों से भी घिरा रहता है।

☸ यदि जातक की कुण्डली में शुक्र कमजोर स्थिति में है तो ऐसा व्यक्ति एक सुखी वैवाहिक जीवन और संतान के सुख से हमेशा वंचित रहता है। साथ ही जातक भौतिक सुख सुविधाओं से भी हमेशा वंचित रहता है।

☸ शुक्र ग्रह की कुण्डली में कमजोर स्थिति के कारण जातक अपनी सुख-सुविधाओं को कितना भी पूरा कर ले परन्तु वह कभी सुखी जीवन नहीं जी पाता है।

शुक्र की कुण्डली में शुभ स्थिति से जातक पर प्रभाव

कुण्डली में शुभ शुक्र जातक को देते हैं धन, वैभव, प्रेम, ऐश्वर्य और सौभाग्य 1

☸ यदि जातक की जन्मकुण्डली में शुक्र ग्रह अच्छी अवस्था में हो ऐसे में जातक पर इसका प्रभाव हमेशा सकारात्मक ही होता है शुक्र की अच्छी अवस्था में होने से जातक चेहरे से अत्यधिक सुंदर और आकर्षक स्वभाव के होते हैं।

☸ जन्मकुण्डली में यदि शुक्र ग्रह अत्यधिक शुभ अवस्था में उपस्थित हो तो व्यक्ति कला तथा मनोरंजन के क्षेत्र में हमेशा सफलता प्राप्त करने वाला होता है।

☸ शुक्र अपनी शुभ स्थिति में होने के कारण जातक के जीवन में किसी कार्य में अचानक से सफलता मिलने प्रारम्भ हो जाते हैं। साथ ही शुक्र के मजबूत होने के कारण जातक के जीवन में सुख-सुविधाएं तथा मान-सम्मान में अत्यधिक वृद्धि होने लगती है।

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☸ जन्मकुण्डली में शुक्र की शुभ स्थिति में होने के कारण जातक के आत्मविश्वास में और ज्यादा बढ़ोत्तरी होने लगती है तथा समाज मे काफी लोगो के बिच लोकप्रियता फैलने लगती है।

☸ शुक्र की शुभ स्थिति में जातक को स्त्रियों से काफी ज्यादा मान-सम्मान की प्राप्ति होती है साथ ही यह जातक समाज में बहुत नाम और यश की प्राप्ति करने में सफल होते हैं।

☸ कुण्डली में जातक की शुभ स्थिति हो तो ऐसा जातक मीडिया, फिल्म अथवा कला के क्षेत्र में पूर्ण सफलता की प्राप्ति करते हैं।

☸ कुण्डली में यदि शुक्र ग्रह अपनी मजबूत स्थिति में हो तो ऐसे जातकों को नींद बहुत अच्छी आती है साथ ही यह सोने में बहुत ही ज्यादा माहिर होते हैं। इसके अलावा यह जातक दिखने में कैसे भी हो परन्तु इनका व्यवहार और स्वभाव बहुत ही अद्भुत होता है।

कुण्डली में शुक्र ग्रह को बलवान बनाने के उपाय

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☸ यदि किसी जातक की कुण्डली में शुक्र ग्रह कमजोर स्थिति में उपस्थित हो और जातक को बहुत अच्छे फल नहीं दे रहा हो तो ऐसे में अपनी कुण्डली में शुक्र ग्रह को बलवान बनाने के लिए जातक को कम से कम 21 और अधिक से अधिक 31 बार शुक्रवार का व्रत रखना चाहिए ऐसा करने से शुक्र ग्रह अत्यधिक मजबूत होता है साथ ही जातक को माता लक्ष्मी जी की कृपा भी हमेशा प्राप्त होती है। प्रत्येक शुक्रवार को उपवास रखने से जातक को सुख, सौभाग्य और समृद्धि मिलती है।

☸ घर की सभी महिलाएं चाहे वह बड़ी हो या छोटी सबका सम्मान करें और अपने आस-पास, साफ-सफाई रखने और इत्र लगाने से भी कुण्डली में शुक्र ग्रह मजबूत होता है।

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☸ यदि जन्मकुण्डली में शुक्र ग्रह कमजोर हो तो ऐसे में जातक को सफेद कपड़े सुंदर वस्त्र और चावल, घी चीनी इत्यादि वस्तुओं का दान करना चाहिए इसके अलावा श्रृंगार करने की सामग्री, कपूर मिश्री और दही इत्यादि का भी श्रद्धापूर्वक दान करने से जातक की कुण्डली में शुक्र ग्रह बलवान होते हैं।

☸ शुक्र ग्रह को अपनी कुण्डली में मजबूत बनाने के लिए सफेद वस्त्र पहनकर जातक शुक्र का बीज मंत्र ओम द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः का जाप करें तथा इन मंत्र का उच्चारण करके रुद्राक्ष की 5, 11 या फिर 21 माला का जाप करना शुक्र ग्रह की मजबूती के लिए लाभदायक और प्रबल होता है।

☸ शुक्र ग्रह को अपनी जन्मकुण्डली में बलवान बनाने के लिए शुक्रवार के दिन शिव जी का सफेद पुष्प से पूजा करना चाहिए ऐसा करने से शुक्र ग्रह मजबूत होता है।

☸ शुक्रवार के दिन काली चीटिंयों को आटा खिलायें इससे शुक्र ग्रह कुण्डली में बलवान होते हैं।

☸ शुक्र ग्रह को अपनी कुण्डली में बलवान बनाने के लिए सफेद रंग के वस्त्र अत्यधिक धारण करें इसके अलावा जल में इलायची डालकर स्नान करने से भी शुक्र ग्रह के अशुभ प्रभाव बहुत कम हो जाते हैं।

☸ शुक्र ग्रह को बलवान बनाने के लिए किसी योग्य ज्योतिष की सलाह से हीरा अवश्य धारण करें, और यदि हीरा धारण करना संभव न हो तो आप शुक्र ग्रह का उपरत्न कुरंगी, तुरमली, दतला या फिर सिम्मा धारण कर सकते हैं।