क्या है महाभाग्य योग कहीं आपकी कुण्डली में तो नहीं | Mahabhagya Yoga Benefit |

कुण्डली के अत्यन्त शुभ योगों मे से महाभाग्य योग को सबसे प्रभावशाली,शक्तिशाली एवं लोकप्रिय योगों मे से एक माना जाता है। महाभाग्य योग में महा का अर्थ है महान तथा भाग्य का अर्थ है भाग्य या भाग्यशाली। यदि किसी जातक की कुण्डली में महाभाग्य योग का निर्माण हुआ हो तो वह जातक बहुत भाग्यशाली होता है। उसको पूरे जीवन सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है प्रत्येक क्षेत्र में लाभ मिलता है। धन-सम्पत्ति की स्थिति यथावत बनी रहेगी कम प्रयासों में भी अधिक सफलता मिलेगी।

आइये समझे महाभाग्य योग की कुण्डली में गणना कैसे करें

यदि किसी जातक की कुण्डली में लग्न, सूर्य और चन्द्रमा सबसे बलवान स्थिति में होते है और मेष, मिथुन, सिंह और कुंभ जैसे विषम राशियों में होते हैं तो महाभाग्य योग अथवा अपार भाग्य का योग निर्माण होता है। ये सभी ग्रह महत्वपूर्ण हैं क्योंकि लग्न स्वयं अर्थात शरीर का प्रतिनिधित्व करता है तो वहीं सूर्य आत्मा का एवं चन्द्रमा मन का प्रतिनिधित्व करता है।

यदि सूर्य, चन्द्रमा और लग्न विषम राशियों में हो तो दिन में शक्तिशाली माने जाते हैं और जन्म दिन में हो तो पुरुष की कुण्डली को अत्यधिक प्रभावशाली एवं मजबूत बनाते है।

म्हिलाओं के लिए यदि सूर्य चन्द्रमा एवं लग्न सम राशियों में हो तो प्रदर्शित करता है वे रात में अत्यधिक शक्तिशाली है और रात्रि में जन्म हो तो महिला की जन्म कुण्डली अधिक मजबूत होगी।

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सूर्य दिन के समय पुरुष ऊर्जा से जुड़ा होता है। यही कारण है कि दिन के समय पुरुष जन्म अनुकूल माना जाता है तथा रात्रि के समय महिला प्रसव के लिए उत्तम माना गया है।

राशि चक्र में विषम राशियों मेष, मिथुन, सिंह, तुला, धनु एवं कुंभ है जबकि सम राशियां वृष, कर्क, कन्या, वृश्चिक, मकर एवं मीन राशि है। महाभाग्य योग सबसे दुर्लभ योग माना जाता है क्योंकि इस योग के निर्माण के लिए निम्नलिखित तीन शर्तों को पूरा करना आवश्यक माना जाता है।

शर्तेंः-जन्म का समय लड़कियों के लिए रात एवं पुरुषों के लिए दिन होना चाहिए।

लग्नः- स्त्रियों का लग्न सम और पुरुषों का लग्न विषम होना चाहिए।

सूर्य एवं चन्द्रमा के नक्षत्रों का स्थाने यह महिलाओं के लिए भी होना चाहिए और पुरुषों के लिए विषम होना चाहिए।

महाभाग्य योग का प्रभावः-

जिन जातकों की कुण्डली में महाभाग्य योग का निर्माण होता है । उनको समाज में मान-पद, प्रतिष्ठा प्राप्त होता है तथा लोकप्रियता बढ़ती है। यह योग निरन्तर धन सृजन सुनिश्चित करता है और इसलिए जातक सुख-सुविधाओं के साथ जीवन व्यतीत करता है।

इस योग में जन्में जातक स्वभाव से उदार, सिद्धांतवादी एवं उत्तम चरित्रवाले होते हैं। जातक एक दीर्घायु आयु वाला एवं सुखी जीवन व्यतीत करता है। एक शासक की भाँति जातक के पास शक्ति, धन एवं जीवन में शांति होगी। वह राजा नहीं होता लेकिन राजा के समान ही जीवन व्यतीत करता है।

जिस स्त्री के कुण्डली में महाभाग्य योग का निर्माण होता है वह सर्वश्रेष्ठ चरित्रवाली एवं व्यवहार कुशल होती है। सभी सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है। उस महिला के संतान अनुशासित एवं लम्बी आयु वाले होते हैं। इस योग के प्रभाव से पति एवं संतान की उत्तम देखभाल करती हैं और उनसे प्रेम प्राप्त करती हैं। अतः उसका पारिवारिक एवं वैवाहिक जीवन सुखयम एवं खुशमय होता है।

फलता उसके कदम चूमती है तथा हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। अतः यह योग पुरुष एवं महिलाओं के लिए महत्व पूर्ण है।

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यह योग सामान्य से अलग है क्योंकि इस योग में कई नियमों का पालन करना होता है। किसी अशुभ राशि या स्थान में चन्द्रमा और सूर्य का दोषपूर्ण स्थान या लग्नेश का किसी शत्रु राशि में होने पर इस योग का प्रभाव कम हो जाता है।

जिन जातकों की कुण्डली में इस योग का निर्माण होता है वह कम बीमार पड़ते है तथा उनके जीवन में अशुभ घटनाएं बहुत कम होती है अर्थात सामान्य रुप से देखा जाए तो इनका स्वास्थ्य अच्छा रहता है। किसी भी फैसले को बहुत सोच समझकर लेते हैं और उसमें उनको सफलता प्राप्त होती है। यह सौभाग्य, वित्तिय, सुरक्षा और सफलता प्रदान करती है।

जिन जातकों के पास महाभाग्य योग का साथ होता है वे पारिवारिक जीवन के सभी पहलुओं में बहुत संतुष्टि एवं सफलता का आनन्द लेतें हैं। जिसमें बच्चों की परवरिश पैसा, कमाना, स्वस्थ रहना और लम्बे समय तक जीवित रहता है।

 

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