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गायत्री जयंती | Gayatri Jayanti Benefit |

गायत्री जयंती | Gayatri Jayanti Benefit |

गायत्री जयंती | Gayatri Jayanti Benefit |

गायत्री जयंती माता गायत्री के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। माता गायत्री को त्रिमूर्ति देव, ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश की देवी कहा जाता है तथा सभी वेदों की देवी होने के कारण माता गायत्री को वेद माता भी कहा जाता है।ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष एकादशी को माता गायत्री प्रकट हुईं थीं इसलिए इस तिथि को गायत्री जयंती के रुप में मनाया जाता है। उन्हें भगवान ब्रह्मा की दूसरी पत्नी भी कहा जाता है। मां के भक्त आज के दिन उनकी विशेष आराधना करते हैं।माता गायत्री को देवी सरस्वती, पार्वती एवं माता लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। गायत्री माता की आराधना करने से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है तथा पापों का नाश होता है।

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माता गायत्री की पूजा विधि

☸आज के दिन सबसे पहले पंचकर्मों केे माध्यम से अपने शरीर को पवित्र बनाएं।

☸उसके पश्चात माता की पूजा आराधना के लिए उनके तस्वीर के समक्ष बैठें।

☸उसके पश्चात विधि पूर्वक मां को जल, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप एवं नैवेद्य अर्पण करें।

☸अब गायत्री मंत्र की तीन माला या कम से कम 15 मिनट तक मंत्र उच्चारण करें। पंचकर्म आचमन, शिबा वंदन, प्राणायाम, न्यास एवं पवित्रीकरण।

गायत्री मंत्र

ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्यः धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।।

गायत्री माता की उपासना कभी भी और किसी भी परिस्थिति में की जा सकती है। मां की पूजा हर परिस्थिति में लाभदायक मानी जाती हैै।

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