चित्रा नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातको के सामान्य परिणाम

बात करते है हम चित्रा नक्षत्र की तो चैदहवे राशिचक्र मे 173.20 डिग्री से 186.40 डिग्री तक के विस्तार का क्षेत्र चित्रा नक्षत्र कहलाता है। अरब-मंजिल में इस नक्षत्र को ष् अस-सिमाक ष् ग्रीक लोग इस विर्जिनिथस और स्पाईका तथा चिनी मतो के अनुसार इसको कियो के नाम से जाना जाता है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चित्रा नक्षत्र का स्वामी मंगल ग्रह है यह विशेष रुप से एक मोती या मणि की तरह दिखायी देने वाला एक नक्षत्र होता है। इस नक्षत्र का अर्थ चित्रा अर्थात् चमकीला से होता है। अतः इस नक्षत्र को समृद्धि का सितारा के रुप मे भी जाना जाता है। कहा जाता है कि इस नक्षत्र के अधिष्ठाता देवता तवशार या विश्वकर्माा अर्थात् शिल्पकार है।

✡ चित्रा नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातको के सामान्य परिणाम
ऽ पुरुष जातकः-

शारीरिक गठन

चित्रा नक्षत्र मे जन्म लेने वाले जातको के शारीरिक गठन की बात करे तो इनका शरीर बहुत पतला होता है कुछ मामलो मे जहाँ बृहस्पति ग्रह या सूर्य चन्द्रमा से यदि अधिक शक्तिशाली हो तो ऐसे मे यह भी देखा गया है कि चित्रा नक्षत्र मे जन्म लेने वाले जातक बहुत स्थूल व लम्बे कद काठी वाले होते है। ऐसे व्यक्ति सैकड़ो लोगो की भीड़ में अपने खुद के अच्छे व्यवहार और सुन्दर अभिव्यक्ति के द्वारा ही अपनी एक अलग पहचान बनाते है। यह व्यक्ति इस नक्षत्र में जन्मे होने के कारण कर्मठ और मिलनसार होते है और सभी लोगो के साथ अपना एक अच्छा सम्बन्ध बनाकर रखते है। इस नक्षत्र में जन्मा व्यक्ति ऊर्जा से हमेशा भरा होता है और साहस भी इन व्यक्तियों के अन्दर बहुत कूट-कूटकर भरा होता है।

चित्रा नक्षत्र के जातको का स्वभाव एवं सामान्य घटना

इस नक्षत्र के जातको के स्वभाव तथा सामान्य घटना की बात करे तो ऐसा जातक जरुरत से ज्यादा बुद्धिमान तथा शान्तप्रिय व्यक्ति होती है। इन व्यक्तियों को हमेशा शान्त होकर के कार्य करना अत्यन्त प्रिय होता है। इन व्यक्तिो की कुण्डली मे जब चन्द्रमा पर शनि ग्रह अक्रान्त हो अथवा शनि ग्रह की दृष्टि उनकी राशिचक्र के ठीक 180.00 डिग्री से 185.00 डिग्री पर से चन्द्रमा पर हो अथवा शनि ग्रह चन्द्रमा के साथ संयुक्त रुप से बैठा हो तो ऐसा पाया गया है कि जातक सबके प्रति शरारती और दृष्टापूर्वक व्यवहार करता है। यह व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। देखा जाए तो चित्रा नक्षत्र मे जन्म लेने वाले जातको में अप्रत्यक्ष रुप से जन्मजात देन होती है। जिसके कारण आरम्भ में उसके मत विचार अथवा सलाह मूर्खतापूर्ण प्रतीत होते है परन्तु बाद मे वही मत अपने द्वारा किये गये कुछ विचार अथवा दूसरो का दिये गये सलाह भी बहुत ही ज्यादा मूर्खतापूर्ण प्रतीत होते है। परन्तु बाद मे वह मत विचार और सलाह भी प्रभावोत्पादक या प्रचलित होते है। इसके अलावा चित्रा नक्षत्र मे जन्मे जातको के अन्दर एक जन्जात देन होती है। अन्र्तदृष्टि की जिसके द्वारा यह व्यक्ति किसी के भीतरी मन से किये गये किसी बात को समझ जाते है। अतः कहा यह जाता है कि यह व्यक्ति ज्योतिषीयों के व्यवसाय के लिए है। जहाँ पर इस नक्षत्र के व्यक्तियों का होना अत्यन्त आवश्यक है। इस नक्षत्र मे जन्म लेने वाले व्यक्ति ऐसे होते है। जिसे दूसरों की भावनाओं की जरा सी भी परवाह नही होती यूँ कहा जाए तो यह व्यक्ति दूसरों के प्रति बहुत ही स्वार्थी होता है। इन व्यक्तियों मे एक खास बात यह देखने को मिलती है की यह व्यक्ति अपने कठोर रवैये के होने के बावजूद भी यह व्यक्ति अपने समाज में गरीब और असहाय लोगो के प्रति स्नेहपूर्ण तथा दयालु होता है। लोग उसे बहुत घमंडी और कठोर समझने की भूल कर देते है। परन्तु यह व्यक्ति किसी को भी बिना विचार किये बोल जाता है और अपनी इस गलती का पश्चाताप करने के लिए वह जब उनसे माफी माँगने जाता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।

शिक्षा रोजगार व आय के साधन

चित्रा नक्षत्र के जातको के शिक्षा रोजगार व आय के साधन की बात करे तो चित्रा नक्षत्र के जातको के जीवन मे अड़चनो और रुकावटो का अधिक महत्व नही है। यह व्यक्ति आपने साहस और परिश्रम से इनको बहुत दूर कर देते है। देखा जाए तो 32 वर्ष की आयु तक का चित्रा नक्षत्र के जातको का जीवन बहुत आराम से नही बितेगा। परन्तु आने वाले 33 वर्ष से 54 वर्ष की आयु तक का समय चित्रा नक्षत्र वाले जातको के लिए सुनहरा समय है। चित्रा नक्षत्र मे जन्म लेने वाले जातको मे एक विशेषता यह भी पायी जाती है कि यह जातक बिना कोई बहुत ज्यादा प्रयास किये अपने आप सहायता की प्राप्ति कर लेते है। इसके अलावा कुछ अनुभवों के अनुसार देखा गया है कि वर्ष 22,27,30,36,43 तथा 48 वाँ वर्ष चित्रा नक्षत्र के जातको के लिए बहुत अनिष्टकारी होता है उम्र के इन सभी वर्षों मे कोई न कोई अड़चने इनके जीवन मे आती रहती है। चित्रा नक्षत्र मे उत्पन्न जातको की जन्म कुण्डली मे सूर्य और चन्द्रमा एक साथ उपस्थित होकर बैठे हो तो ऐसे जातक इस योग से उच्च पदों पर किसी अन्य फैक्ट्री में कारीगर या फिर वस्तुकार की नौकरी करते है। इसके अलावा यदि बृहस्पति ग्रह भी संयुक्त रुप से उपस्थित हो तो ऐसी स्थिति में जातक राजनीति के क्षेत्र मे होगा और बुध ग्रह के संयुक्त रुप से उपस्थित होने पर यह व्यक्ति इंजीनियर के क्षेत्र में उच्च पद की प्राप्ति करेगा या फिर इंजीनियर या वस्त्र शिल्प के वैज्ञानिक क्षेत्रो मे उच पद की प्राप्ति करेगा।

पारिवारिक जीवन

चित्रा नक्षक के जातको के पारिवारिक जीवन की बात करे तो एक तरफ तो यह व्यक्ति अपने माता पिता तथा साथ मे रहने वाले जातको को सर्वथा प्यार करने वाले होते है। वही वह उनके आचरण पर भी बहुत सन्देह करते है। चित्रा नक्षत्र में जन्म लेने वाले पुरुष जातकों की बात करे तो यह व्यक्ति प्रायः अपने पिता से लाभ स्नेह और प्यार प्राप्त नही कर पाते है और साथ ही साथ यह भी देखा गया है कि इनके पिता इनके साथ न रहकर अलग रहकर जीवन बितातें है। इसके अलावा किसी जातक की कुण्डली में यदि सूर्य पर शनि अक्रान्त हो तो उस व्यक्ति के बचपन में ही पिता की मृत्यु का योग बनता है। जिसे कभी भी नकारा नही जा सकता या कभी अनदेखा नही किया जा सकता। इनके पिता इस व्यक्ति से अलग रहकर भी बहुत नामी व्यक्ति होते है। इसके अलावा चित्रा नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक जिस घर में शुरु में पैदा हुए होते है। उस घर में यह व्यक्ति बिल्कुल भी नही टिकते है या तो वह व्यक्ति उस मकान को छोड़कर कही और चला जायेगा या फिर उसके न रहने के कारण वह नष्ट हो जाता है। दूसरे शब्दो में अगर हम कहे तो इस नक्षत्र के व्यक्ति अपने जन्म स्थान से दूर जाकर ही हमेशा के लिए वही स्थित हो जाते है। चित्रा नक्षत्र मे जन्में जातक अपने विवाहित जीवन मे कभी सुखी नही रह पायेंगे कहने का तात्पर्य यह है कि इनका विवाह के बाद अपनी पत्नी से बहुत झगड़ें होंगे। जिसके कारण यह व्यक्ति हमेशा सुखी जीवन नही जी पायेंगे। कुछ स्थितियों मे यदि श्रविष्ठ अथवा शतभिषज या फिर पुष्य नक्षत्रों मे मंगल ग्रह या शनि अथवा दोनो की स्थिति बन रही हो ऐसे मे उसकी पत्नी की जल्द से जल्द मृत्यु होने का संकेत होता है और यदि शनि ग्रह पर बृहस्पति की भरपूर दृष्टि पड़ रही हो और मंगल ग्रह पर बृहस्पति ग्रह या फिर सूर्य की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसे मे यह इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातको को सकारात्मक परिणाम देते है। जिसके कारण इन व्यक्तियों का जीवन एकदम सामान्य रहता है तथा इनके बच्चे हमेशा खुशहाल जीवन जीते है फिर भी इस नक्षत्र मे जन्में जातक को जीवन भर अपनी बहुत सी जिम्मेदारियों तथा आलोचनाओ अर्थात् बुरा भला सुनने का शिकार होना पड़ता है।

चित्रा नक्षत्र के जातको का स्वास्थ्य

चित्रा नक्षत्र के जातको के स्वास्थ्य की बात करे तो उनके गुर्दों तथा मूत्राशयों में सूजन से सम्बन्धित बिमारी, दिमागी बुखार तथा कीड़ो के द्वारा रोग होने का संकेत होता है। अपने जीवन के मध्य आयु तक आते ही इनके पेट में फोड़ा या अपेन्डेसाइटिस भी पाया जाता है।

स्त्री जातक

💠 शारीरिक गठनः- चित्रा नक्षत्र में जन्म लेने वाली स्त्री जातकों की बात करे तो इन स्त्रियों का शरीर बहुत सुन्दर होता है। ऐसी स्त्रियाँ बहुत लम्बे कद काठी के साथ बहुत संतुलित शरीर के गठन की होती है। प्राकृतिक रुप से इन स्त्रियों के बहुत लम्बें बाल होते है। परन्तु अपने शौक के कारण आधुनिक युग में वह स्त्रियाँ अपने बाल कटवा लेती है। कुल मिला जुलाकर इस नक्षत्र की स्त्रियाँ अपने शौक को सबसे ज्यादा मायने देने वाली होती है।
💠 चित्रा नक्षत्र की स्त्रियों का स्वभाव और सामान्य घटनाः- चित्रा नक्षत्र मे जन्म लेने वाली स्त्रियों के स्वभाव और सामान्य घटना की बात करें तो इन स्त्रियों को अपने जीवन मे स्वतन्त्र रुप से जीना बहुत ही ज्यादा पसंद होता है। इन स्त्रियों को छूट देने के कारण यह स्त्रियों अपने अमर्यादित व्यवहार के कारण कभी-कभी बहुत ही ज्यादा जटिल समस्याएं उत्पन्न कर देती है। इस नक्षत्र की स्त्रियाँ बहुत लालची स्वभाव की बहुत पापी प्रकृति की और बहुत ज्यादा मन्द बुद्धि की होती है। इन स्त्रियों का अपने पाप कर्म करनें के कारण कोई भी व्यक्ति इनके मित्र नही बनेंगे।

💠 चित्रा नक्षत्र की स्त्रीयों के शिक्षा रोजगार और आय के साधनः- चित्रा नक्षत्र मे जन्म लेने वाली स्त्रियो और महिलाओ की बात करें तो यह स्त्रियां विज्ञान के क्षेत्रो मे बहुत ज्यादा शिक्षित होती है। यह स्त्रियां ज्यादातर नर्स, माँडल अथवा फिल्म की अभिनेत्री होती है। यदि इन ग्रहों की स्थिति शुभ अथवा संतुलित न हो तो वह स्त्रियां कृषि के क्षेत्र में नौकरी करेंगी और इसी में हर समय आगे बढेंगी।

💠 चित्रा नक्षत्र की स्त्री जातकों का पारिवारिक जीवनः- चित्रा नक्षत्र में जन्म लेने वाली स्त्री जातकों के पारिवारिक जीवन की बात करें तो यदि इन स्त्री जातको का विवाह उनकी जन्म कुण्डली किसी योग्य ज्योतिषी या पंडित से मिलाये बगैर किया गया है तो ऐसी स्त्रियों को उसके विधवा होने तथा तालाक होने इसके अलावा अपने पति से किसी भी प्रकार का सुख नही मिल पाने का योग होता है। आगे चलकर विवाह होने के बाद उनके बाँझपन होने का संकेत भी होता है। अतः इन सभी दुखों से छुटकारा पानें और अपने जीवन में सुख तथा खुशी प्राप्त करने के लिए इस नक्षत्र के अध्याय के अन्त में दिये गये उपायो को फालो करना चाहिए। इससे उनके सारे कष्ट दूर हो जायेंगे।
ऽ चित्रा नक्षत्र में जन्मी स्त्रियों का स्वास्थ्यः- इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले स्त्रियों या महिलाओ के स्वास्थ्य बात करे तो उन्हे गर्भाशय की जलन से सम्बन्धित पीड़ा, दिमागी बुखार तथा तेज से सिर दर्द तथा अल्सर जैसी बिमारी से पीड़ित होती है। इस नक्षत्र के प्रभाव के समय यदि उन स्त्रियों मे प्रथम ऋतुश्राव के लक्षण प्रकट हो रहे हो तो वह अत्यन्त ही कामुक प्रवृत्ति की होती है और साथ ही साथ भद्रव्यवहार करने वाली तथा जीवन का खुशी से आनन्द लेने मे विश्वास रखने वाली होती है।

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चित्रा नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातको के सामान्य परिणाम 1 सूर्य

चित्रा नक्षत्र मे स्थित सूर्य पर यदि चन्द्रमा की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसे जातको पर आश्रित बहुत सी स्त्रियां होंगी, सूर्य की दृष्टि पड़ने पर वह व्यक्ति जलीय उद्योगो या फिर इसके व्यवसाय द्वारा आमदनी अर्जित करेगा। चित्रा नक्षत्र में स्थित सूर्य पर यदि मंगल ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसा जातक बहुत वीर होगा तथा यह व्यक्ति अपनी वीरता और बुद्धिमानी के कारण सम्पत्ति अर्जित करेगा। चित्रा नक्षत्र में स्थित सूर्य पर यदि बुद्ध ग्रह की दृष्टि पड़ रही हेा तो ऐसा जातक कएक अच्छे शारीरिक गठन का होगा तथा दिखने में यह व्यक्ति बहुत हट्टे कट्टे शरीर का होगा तथा आगे चलकर यह व्यक्ति एक बहुत बड़ा लेखक होगा। चित्रा नक्षत्र में स्थित सूर्य पर यदि बृहस्पति की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसा जातक बहुत बड़े शासक वर्ग के सम्पर्क मे होगा तथा इस क्षेत्र मे होने के कारण वह व्यक्ति उससे काफी धन की प्राप्ति करेगा। इस नक्षत्र मे स्थित सूर्य पर यदि शुक्र ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसा व्यक्ति उच्चतम किसी पद पर होगा तथा वह व्यक्ति राजनीतिक दर्जे को प्राप्त करेगा शुक्र ग्रह की दृष्टि पड़ने के कारण पत्नी इनकी सन्तान तथा घर का बाकी सदस्य भी धन दौलत से सम्पन्न होगा। चित्रा नक्षत्र में स्थित सूर्य पर यदि शनि ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसा जातक बहुत ही ज्यादा नीच प्रकृति का होगा तथा उस व्यक्ति का अपने से बड़ी आयु वाली स्त्रियों के साथ यौन सम्बन्ध स्थापित होगा।

💠 प्रथम भाग (173.20 डिग्री से 176.40 डिग्री)ः- चित्रा नक्षत्र में स्थित सूर्य के प्रथम भाग में जन्म लेने वाले जातक मैकेनिक जैसे कार्यों के क्षेत्र में अत्यन्त कुशल होगा। नक्षत्र के प्रथम भाग में जन्म लेने वाले जातक अपने पत्नी के नियन्त्रण में ज्यादा रहते है तथा बहुत धनवान व्यक्ति होते है। सूर्य के प्रथम भाग मे यदि स्वाति या विशाखा या फिर आश्लेषा नक्षत्र में लग्न भी पड़ता हो औश्र इन सभी पर बृहस्पति ग्रह की दृष्टि ना पड़ रही हो तो ऐसे में व्यक्ति को बालारिष्ठ रोग अर्थात् बचपन मे ही मृत्यु हो जाने का योग होता है। इसके अलावा सूर्य के प्रथम भाग मे जन्म लेने वाले व्यक्ति अपने पिता की सम्पत्ति नष्ट करेंगे तथा फालतू के कामों में अपना समय गँवायेंगे।

💠 द्वितीय भाग (176.40 डिग्री से 180.00 डिग्री)ः- चित्रा नक्षत्र में स्थित सूर्य के द्वितीय भाग मे जन्म लेने वाले जातक औषधि, रसायन अथवा नशीली दवाओं इत्यादि के व्यवसाय के क्षेत्रे मे आगे बढ़ेगा। सूर्य के द्वितीय भाग मे यदि इनकी कुण्डली मे लग्न भी पड़ता हो तो ऐसे व्यक्ति की बहुत लम्बी दीर्घायु होगी तथा इस भाग मे जन्में व्यक्तियों के स्वास्थ्य की बात करे तो यह व्यक्ति कैंसर जैसी बिमारी से बहुत लम्बे समय तक पीड़ित होगा।

💠तृतीय भाग (180.00 डिग्री से 183.20 डिग्री)ः- चित्रा नक्षत्र में स्थित सूर्य के तृतीय भाग में जन्म लेने वाले जातक का शारीरिक गठन कुछ ऐसा होगा जैसे लगेगा की इनका शरीर स्त्री तुल्य है। ऐसा प्रतीत होता है। नक्षत्र के इस भाग मे जन्में जातक अति विद्वान, पुजारी अर्थात् किसी भी मंदिरों में देव की पूजा करने वाले होते है।

💠 चतुर्थ भाग (183.20 डिग्री से 186.40 डिग्री)ः- चित्रा नक्षत्र में स्थित सूर्य के चतुर्थ भाग में जन्म लेने वाले जातक एक कुशल मैकेनिक क्षेत्र मे होगा इसके अलावा इस नक्षत्र में स्थित चतुर्थ भाग पर बृहस्पति की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसे में यह व्यक्ति किसी प्रकार के वैज्ञानिक शोध अथवा वाहन और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में ख्याति प्राप्त करेगा। यूँ कहे तो नक्षत्र के इस भाग में जन्मा व्यक्ति ज्यादा धन प्राप्ति की इच्छा के लिए हमेशा तत्पर रहेगा।

चित्रा नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातको के सामान्य परिणाम 2 चन्द्रमा

चित्रा नक्षत्र में स्थित चन्द्रमा पर यदि सूर्य की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसा जातक हमेशा कृषि के क्षेत्र पर निर्भर होगा तथा यह व्यक्ति सूर्य की दृष्टि पडने पर बहुत धनी व्यक्ति तथा साहूकार होगा। चित्रा नक्षत्र में स्थित चन्द्रमा पर यदि मंगल ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसे मे किसी अन्य स्त्री के कारण यह व्यक्ति अपनी पहली पत्नी से किसी प्रकार का विच्छेद या झगड़ा करेगा, जिसके कारण ऐसी स्थिति उनकी माता तथा अन्य परिवार वालो के लिए खतरे का कारण होगा। चित्रा नक्षत्र में स्थित चन्द्रमा पर यदि बुध ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसा जातक जरुरत से ज्यादा शिक्षित तथा सभी लोगो के बीच यह व्यक्ति सर्वप्रिय होगा। चित्रा नक्षत्र में स्थित चन्द्रमा पर यदि बृहस्पति ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसा जातक अपनी पत्नी सन्तान तथा धन सम्पत्ति के साथ अपने जीवन को सुख के साथ व्यतीत करेगा तथा बहुत प्रसिद्ध व्यक्ति होगा। चित्रा नक्षत्र में स्थित चन्द्रमा पर यदि शुक्र ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसे मे अपनी माता से विरासत में इनको सम्पत्ति की प्राप्ति होगी तथा यह व्यक्ति अपना जीवन बहुत सुख के साथ व्यतीत करेगा। चित्रा नक्षत्र में स्थित चन्द्रमा पर यदि शनि ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसे जातक धनहीन माता की लम्बी आयु के लिए बाधक होगी तथा उसके बहुत ही आज्ञाकारी संताने पुत्र या पुत्री होंगी।
💠 प्रथम भाग (173.20 डिग्री से 176.40 डिग्री)ः- चित्रा नक्षत्र में स्थित चन्द्रमा के प्रथम भाग में जन्म लेने वाले जातक के शारीरिक गठन की बात करे तो इन व्यक्तियों का कन्धा बहुत झुका हुआ होगा, इनका हाथ सामान्य व्यक्तियों की अपेक्षा कुछ अलग होगा तथा यह व्यक्ति बहुत ही मधुर वचन बोलने वाला बहुत ही कामुक प्रकृति का व्यक्ति होगा, नक्षत्र के इस भाग में जन्मे होने के कारण इन व्यक्तियों की दो पुत्रियां होंगी। यह व्यक्ति विभिन्न प्रकार के कला क्षेत्रों मे कुशल होगा। इस नक्षत्र में स्थित व्यक्तियों का दूसरे से हमेशा झगड़ा होता रहेगा। इसके अलावा पशु अथवा अस्त्र शस्त्रों के द्वारा असकी मृत्यु होने का योग होगा।
💠 द्वितीय भाग (176.40 डिग्री से 180.00 डिग्री)ः- चित्रा नक्षत्र में स्थित चन्द्रमा के द्वितीय भाग मे जन्म लेने वाले जातक हमेशा विदेशो में रहना पसंद करेंगे। इनकी दो पुत्रियां होंगी जिनके साथ वह व्यक्ति हर समय खुशी-खुशी रहेंगे। पित्र दोष युक्त/यदि इस भाग में लग्न भी पड़ता हो तथा साथ में सूर्य और मंगल ग्रह की भी उपस्थिति हो तो ऐसा जातक मिर्गी का रोगी होगा। इसके अलावा इनके स्वास्थ्य की बात करे तो स्वास्थ्य के मामलों मे यह व्यक्ति अपनी आयु के चार वर्ष की आयु तक किसी न किसी स्वास्थ्रू सम्बन्धित परेशानियों से घिरा रहेगा।
💠 तृतीय भाग (180.00 डिग्री से 183.20 डिग्री)ः- चित्रा नक्षत्र में स्थित चन्द्रमा के तृतीय भाग में जन्म लेने वाले जातक विभिन्न प्र्रकार के शास्त्रों मे विद्वान बुद्धिमान तथा धीमा बोलने वाले व्यक्ति होते है। ऐसे व्यक्ति के स्वास्थ्य की बात करे तो इनका शरीर कई प्रकार के रोगो से ग्रस्त होगा यह व्यक्ति वातग्रस्त तथा बलगमयुक्त शरीर का होगा, जिसके कारण इनका स्वभाव हमेशा क्रोध से भरा होगा, लेकिन हर जगह प्रतिष्ठा प्राप्त करने में यह व्यक्ति बहुत आगे होगा। देखा जाए तो यह चन्द्रमा की दशा नर जातक के पिता के लिए तथा मादा जातक की पिता के लिए बहुत ही कष्ट से भरा होगा।
💠 चतुर्थ भाग (183.20 डिग्री से 186.40 डिग्री)ः- चित्रा नक्षत्र में स्थित चन्द्रमा के चतुर्थ भाग मे जन्म लेने वाले जातक का स्वभाव बहुत दानशील होगा अर्थात् दूसरों को दान देने वाला होगा। इस नक्षत्र में स्थित व्यक्ति रोजगार की प्राप्ति के लिए हर क्षेत्र में यात्राएं करेगा। इसके अलावा चन्द्रमा के चतुर्थ भाग मे जन्मा व्यक्ति अपने माता-पिता की तो हर समय सेवा करेगा ही परन्तु यह व्यक्ति अपने गुरुओं की निष्ठापूर्वक सेवा करेगा। फिर भी ऐसे व्यक्ति अपने जीवन में कुछ भी अच्छा हासिल करने के लिए अपने जीवन मे आए हुए किसी भी कष्ट को झेलेंगे। इसके चतुर्थ भाग में जन्मे व्यक्ति दूसरों की मदद के लिए हर सम्भव प्रयास करेंगे।

चित्रा नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातको के सामान्य परिणाम 3 मंगल 

चित्रा नक्षत्र मे स्थित मंगल ग्रह पर सूर्य की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसा जातक वन जैसे क्षेत्रों मे निवास करेगा। सूर्य की दृष्टि पड़ने के कारण वह व्यक्ति स्त्री जाति से घृणा करेगा और साहसी होगा। चित्रा नक्षत्र में स्थित मंगल ग्रह पर यदि चन्द्रमा की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसा जातक माता का मान गिराने वाला होगा, ऐसा व्यक्ति हमेशा ही वैश्या की संगति में रहने वाला व्यक्ति होता है। परन्तु यह व्यक्ति अन्त में उन्ही लोगो के हाथों बरबाद भी होता है। चित्रा नक्षत्र मे स्थित मंगल ग्रह पर यदि बुध ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसा जातक एक कुशल पुत्र तथा धन की प्राप्ति करेगा। चित्रा नक्षत्र में स्थित मंगल ग्रह पर यदि बृहस्पति ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसा व्यक्ति संगीत मे तथा संगीत वाद्यों मे निपुण होगा तथा अपने जानने वाले सभी लोगो का प्रिय होगा। चित्रा नक्षत्र में स्थित मंगल ग्रह पर यदि शुक्र ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसा व्यक्ति एक विशिष्ट राजनीतिक दर्जा प्राप्त करेगा अथवा किसी सुरक्षा या पुलिस विभाग में बहुत ही अच्छे पद पर होगा। चित्रा नक्षत्र में स्थित मंगल ग्रह पर यदि शनि ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो तो यह व्यक्ति गाँव या कस्बे का बहुत प्रमुख व्यक्ति होगा।
💠 प्रथम भाग (173.20 डिग्री से 176.40 डिग्री)ः- चित्रा नक्षत्र में स्थित मंगल ग्रह के प्रथम भाग में जन्म लेने वाले जातक के इस भाग मे यदि सूर्य चन्द्रमा तथा बृहस्पति ग्रह की भी उपस्थित हो तो ऐसे मे वह व्यक्ति 5 वर्ष के अन्दर ही अन्दर बालक की मृत्यु हो जायेगी। इसके अलावा हम इनके स्वास्थ्य की बात करें तो उन्हे ज्वर, गौथ, टायफाइड या फिर हार्निया जैसे रोग होने का योग होगा जिसके कारण यह व्यक्ति हमेशा परेशान रहेंगे।
💠 द्वितीय भाग (176.40 डिग्री से 180.00 डिग्री )ः- चित्रा नक्षत्र में स्थित मंगल ग्रह के द्वितीय भाग में जन्म लेने वाले जातक बहुत चंचल स्वभाव का होगा तथा हमेशा यह व्यक्ति उत्साह की स्थिति में बोलेगा इस नक्षत्र में स्थित जातकों के स्वास्थ्य की बात करें तो यह व्यक्ति हमेशा हैजा, पेचिस तथा हार्नियां जैसी बिमारी से ग्रस्त रहेगा। इस नक्षत्र में स्थित मंगल के द्वितीय भाग में यदि लग्न भी पड़ता हो तथा सूर्य की भी उपस्थिति इस भाग में हो तो ऐसा जातक तीव्र अल्सर की बिमारी से सदैव ग्रस्त रहेगा।
💠 तृतीय भाग (180.00 डिग्री से 183.20 डिग्री)ः- चित्रा नक्षत्र में स्थित मंगल ग्रह के तृतीय भाग में जन्म लेने वाले जातक अपनी पैतृक सम्पत्ति को नीच स्त्रियों की संगति मे लुटा देगा यह व्यक्ति अपने मेहनत से कमाये और इकट्ठा किये हुए सम्पत्ति को भी नीच स्त्रियों में लुटा देगा इन व्यक्तियों के स्वास्थ्य की बात करे तो यह व्यक्ति पथरी, हार्नियां अथवा नेफ्रिट्स जैसी बिमारीयों से हमेशा पीड़ित होगा।

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 बुध

चित्रा नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातको के सामान्य परिणाम 4
चित्रा नक्षत्र में स्थित बुध ग्रह पर यदि चन्द्रमा की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसा जातक धर्म के प्रति आस्था या निष्ठा रखने वाला तथा अपने परिवार को खूब प्यार करने वाला होगा। चित्रा नक्षत्र में स्थित बुध ग्रह पर यदि बृहस्पति ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसा जातक बहुत बड़ा विद्वान होगा तथा अपने वचन का सच्चा और पक्का होने के कारण यह व्यक्ति पूरे समाज में शीर्ष स्थान पर होगा। चित्रा नक्षत्र में स्थित यदि बुध ग्रह पर यदि शुक्र ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो तो वह व्यक्ति जीवन के सभी क्षेत्रो मे चाहे वह सुख हो या दुख हमेशा सुखी होगा तथा इनके भाग्य का पूरा-पूरा साथ होने के कारण यह बहुत धनी व्यक्ति भी होगा। चित्रा नक्षत्र मे स्थित बुध ग्रह पर यदि शनि ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो तो शनि की दृष्टि होने के कारण इन व्यक्तियों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। जिनमे से अधिकतर जो समस्याएं होगी वो अपने परिवार वालों के द्वारा ही दी जायेगी। इसके अलावा यह व्यक्ति बहुत निर्धन होगा।

💠 प्रथम भाग (173.20 डिग्री से 176.40 डिग्री)ः- चित्रा नक्षत्र में स्थित बुध ग्रह के प्रथम भाग मे जन्म लेने वाला जातक बहुत ही नेक दिल का होगा और अपने जीवन की छोटी या बड़ी सभी विपत्तियों से बचा रहेगा। फिर भी नक्षत्र के प्रथम भाग में स्थित व्यक्ति गैस के या अल्सर या फिर अस्थमा की बीमारी से पीड़ित होगा।
💠 द्वितीय भाग (176.40 डिग्री से 180.00 डिग्री)ः- चित्रा नक्षत्र में स्थित बुध ग्रह के द्वितीय भाग मे जन्म लेने वाले जातको की बात करे तो ऐसा जातक ज्ञान और धन की प्राप्ति करने के लिए हमेशा प्रयत्नशील होगा। इसके अलावा यह व्यक्ति बहुत नेक और धार्मिक प्रकृति वाला होगा तथा उनके विचार धार्मिक क्षेत्रो की तरफ ज्यादा होंगे। इसके अलावा यह व्यक्ति विवह हो जाने के बाद एक सुखी तथा विवाहित जीवन का भरपूर आनन्द लेंगे। नक्षत्र के इस भाग मे जन्मे जातको की पत्नियाँ व्यापारिक क्षेत्रो में किसी न किसी अच्छे पदो पर नियुक्त होगा। इनकी पत्नी के स्वास्थ्य के बारे मे बात की जाए तो इन्हे बहुत ही भयानक श्वास की बिमारी होगी। लेकिन यह स्थिति डायरिया और अस्थमा के कारण नही होंगी।
💠 तृतीय भाग (180.00 डिग्री से 183.20 डिग्री)ः- चित्रा नक्षत्र मेें स्थित बुध के तृतीय भाग में जन्म लेने वाले जातक इंजीनियरिंग अथवा मैकेनिकल के क्षेत्र में उच्च शिक्षा की प्राप्ति करेगा। उच्च शिक्षा की प्राप्ति करने के बाद यह व्यक्ति बहुत सारा धन अपने पास संचय करते है। नक्षत्र के इस भाग में स्थित व्यक्ति के स्वास्थ्य की बात करें तो इनके कमर मे हमेशा दर्द बना रहेगा, इसके अलावा यह व्यक्ति अपने शरीर में खून की खराबी तथा तेज सिरदर्द से प्रभावित होगा।
💠 चतुर्थ भाग (183.20 डिग्री से 186.40 डिग्री)ः- चित्रा नक्षत्र में स्थित बुध ग्रह के चतुर्थ भाग में जन्म लेने वाले जातक की कुण्डली में बुध ग्रह की यह स्थिति शुभ नही है। इसके चतुर्थ भाग मे जन्में होने के कारण ऐसे जातक अपने परिवार के लोगों के द्वारा त्रस्त होगा। यह व्यक्ति अपने परिवार वालो की कितनी भी सहायता करेगा, परन्तु उन्हे थोड़ी सी भी संतुष्टि नही होंगी। इसके अलावा उनके स्वास्थ्य की बात करे तो उन्हे छाती या फेफड़ों के कैंसर से हमेशा पीड़ित रहना पड़ सकता है। इन व्यक्तियों को रक्त दोष तथा पेशाब आदि की परेशानियां आदि से पीड़ित होगा।

चित्रा नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातको के सामान्य परिणाम 5 बृहस्पति

चित्रा नक्षत्र में स्थित बृहस्पति ग्रह पर यदि सूर्य की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसे जातक शासक के बहुत निकटवर्ती होगा तथा उसके पास बहुत सारे सेवक धन-दौलत तथा भवन इत्यादि बहुत ज्यादा मात्रा में होंगे। चित्रा नक्षत्र मे स्थित बृहस्पति ग्रह पर यदि चन्द्रमा की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसे जातक अपने समय में बहुत ज्यादा करोड़पति होगा तथा किसी भी अनजानी गैर स्त्रियों के साथ इन व्यक्तियों का सम्बन्धत अवैध होगा। जिसके कारण समाज के हर व्यक्ति की लोक निन्दा तथा अपयश के संकट में फंस जायेगा। चित्रा नक्षत्र में स्थित बृहस्पति ग्रह पर यदि मंगल ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसा व्यक्ति अत्यन्त विद्वान होगा तथा धन से सम्बन्धित क्षेत्रो मे बहुत ही ज्यादा भाग्यशाली होगा। लेकिन मंगल ग्रह की दृष्टि पड़ने के कारण व्यक्ति के पारिवारिक जीवन में छोटी-बड़ी समस्याएँ आती ही रहेंगी। चित्रा नक्षत्र में स्थित बृहस्पति ग्रह पर यदि बुध ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसा व्यक्ति विद्वान सदाचारी तथा धन दौलत से पूरी तरह सम्पन्न होगा। चित्रा नक्षत्र में स्थित बृहस्पति ग्रह पर यदि शुक्र ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसे व्यक्तियों का बहुत गौरवपूर्ण तथा भव्यपूर्ण व्यक्तित्व को होगा तथा ऐसा व्यक्ति सुन्दर स्त्रियों के पीछे ज्यादा भागेगा तथा उनके सानिध्य का आनन्द लेगा। चित्रा नक्षत्र में स्थित बृहस्पति ग्रह पर यदि शनि ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसा व्यक्ति अपनी बुद्धि के बल पर विभिन्न विषयों मे प्रवीणता के लिए प्रशंसा का पात्र होगा लेकिन एक अच्छी पत्नी के सुख को तरसेगा।
💠प्रथम भाग (173.20 डिग्री से 176.40 डिग्री)ः- चित्रा नक्षत्र में स्थित बृहस्पति ग्रह के प्रथम भाग मे जन्म लेने वाले जातक के इस भाग में यदि मंगल ग्रह के साथ यदि शनि ग्रह तथा चन्द्रमा की उपस्थिति हो तो ऐसी स्थिति में बालक की आयु/उम्र केवल 5 वर्ष होगी। इनकी कुण्डली मे एक अकेला बृहस्पति ग्रह ही इनके आंतो की खराबी, पिलीया, जिगर या फेफड़ो के प्रभावित होने के कारण ही होगा। फिर भी इतनी बिमारियों के होने के बावजूद भी ऐसा जातक दीर्घायु जीवन जियेगा।
💠 द्वितीय भाग (176.40 डिग्री से 180.00 डिग्री)ः- चित्रा नक्षत्र में स्थित बृहस्पति ग्रह के द्वितीय भाग में जन्म लेने वाले जातक बहुत ही अच्छे स्वास्थ्य धन सन्ता तथा स्त्रियों और मित्रों से सम्पन्न होगा तथा आगे चलकर यह व्यक्ति प्रसिद्धि की प्राप्ति करेगा। इसके अलावा नक्षत्र के इस भाग में जन्मे जातक किसी न किसी वैज्ञानिक अथवा शैक्षणिक संस्थाओं में नियुक्त होगा।
💠 तृतीय भाग (178.40 डिग्री से 183.20 डिग्री)ः- चित्रा नक्षत्र में स्थित बृहस्पति ग्रह के तृतीय भाग में जन्म लेने वाले जातक का स्वभाव बहुत ही अच्छा होगा यह जाते इस नक्षत्र में जन्में होने के कारण अपने बरसों से बनायी हुई पहचान के कारण प्रसिद्धि प्राप्त करेगा। इसके अलावा यह व्यक्ति कला और व्यवसाय के क्षेत्रो मे भी हमेशा आगे बढ़ेगा।
💠 चतुर्थ भाग (183.20 डिग्री से 186.40 डिग्री)ः- चित्रा नक्षत्र मे स्थित बृहस्पति ग्रह के चतुर्थ भाग में जन्म लेने वाले जातक बहुत शक्तिशाली होंगे व समय-समय पर यह व्यक्ति हमेशा आगे बढ़ने के लिए क्रियाशील रहेेंगे। नक्षत्र के इस भाग में बृहस्पति ग्रह के साथ-लग्न भी पड़ता हो तो ऐसा जातक दीर्घायु जीवन जीयेगा तथा बेदाग ज्ञान और धन और सुन्दरता का स्वामी होगा। इनके स्वास्थ्य की बात करे तो यह व्यक्ति फोड़े-फुन्सियों तथा गुर्दे मे फोड़ा होने के कारण बहुत परेशान रहेगा। इसके अलावा जिगर की कुछ खराबी के कारण यह व्यक्ति पीड़ित होगा।

चित्रा नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातको के सामान्य परिणाम 6

 शुक्र

चित्रा नक्षत्र में स्थित शुक्र ग्रह पर यदि सूर्य की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसे जातकों की बहुत ही सुन्दर और समझदार एक पत्नी होगी तथा वह व्यक्ति भूमि और भवनों का मालिक होगा। चित्रा नक्षत्र में स्थित शुक्र ग्रह पर यदि चन्द्रमा की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसी स्थिति में जातक तथा उसकी माता की समाज में उच्चतम स्थिति में होगी। जिसकी माता के कारण जातक अपने आगे के पारिवारिक जीवन जीयेगा तथा बहुत ज्यादा ही प्रसिद्धि की प्राप्ति करेगा। चित्रा नक्षत्र मे स्थित शुक्र ग्रह पर यदि मंगल ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसी स्थिति में उनका पारिवारिक जीवन पूरी तरह तहस नहस हो जायेगा तथा स्त्रियों के कारण आपकी सारी धन और सम्पत्ति नष्ट हो जायेगा। चित्रा नक्षत्र में स्थित शुक्र ग्रह पर यदि बुध ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसा व्यक्ति बहुत ही ज्यादा प्रसन्न स्वभाव का तथा भाग्य की बात की जाए तो भाग्यवान होगा। चित्रा नक्षत्र में स्थित शुक्र ग्रह पर यदि बृहस्पति ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसे जातक की बहुत अच्छी पत्नी होगी तथा अपनी सन्तान से इन्हे खूब धन दौलत की प्राप्ति होगी। चित्रा नक्षत्र मे स्थित शुक्र ग्रह पर यदि शनि ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो तो उसके लिए हमेशा सुख शान्ति का अभाव रहेगा। सुख शान्ति इन्हें कभी भी नसीब नही होगी। इसके अलावा यह व्यक्ति अपने पत्नी के हाथो पीड़ित रहेगा और अपने पत्नी की धमकियाँ भी लगातार सहता रहेगा।
💠 प्रथम भाग (173.20 डिग्री से 176.40 डिग्री)ः- चित्रा नक्षत्र में स्थित शुक्र ग्रह के प्रथम भाग में जन्म लेने वाले जातको की बात करे तो ऐसा व्यक्ति अपने समाज मे बहुत ही निम्नमतम लोगो के लिए अपने फर्ज तथा नैतिकता के नियमों का हमेशा अनुसरण करेगा। शुक्र के प्र्रथम भाग में जन्में होने के कारण इन व्यक्तियों की शिक्षा बहुत उच्च होगी, परन्तु फिर भी यह व्यक्ति अपनी उम्र के 35 वर्ष की अवस्था तक अपनी उच्च शिक्षा से कोई भी लाभ नही उठा पायेगा।
💠 द्वितीय भाग (176.40 डिग्री से 180.00 डिग्री)ः- चित्रा नक्षत्र में स्थित शुक्र ग्रह के द्वितीय भाग में जन्म लेने वाले जातक सुन्दर विद्वान तथा नेक पत्नी व सन्तान से युक्त होना।नक्षत्र के इस भाग में जन्में व्यक्ति के स्वास्थ्य की बात करे तो इन व्यक्तियों को डाँयरिया तथा कीड़ो से उत्पन्न हुए रोगों से पीड़ित होगा। इसके अलावा वह व्यक्ति डायरिया रोग के कारण अपने बचपन वाले आयु में बहुत कष्ट होगा।
💠 तृतीय भाग (180.00 डिग्री से 183.20 डिग्री)ः- चित्रा नक्षत्र में स्थित शुक्र ग्रह के तृतीय भाग मे जन्म लेने वाले जातक अपने समाज में अथवा ऐसे बहुत से समुदायों मे बहुत बड़ मुखिया या नेता तथा अपने सरकार द्वारा सम्मानित होगा। शुक्र के तृतीय भाव में जन्मे होने के कारण यह व्यक्ति अपने बुद्धि का प्रयोग करके बहुत ही धनी व्यक्ति बनेगा।
💠 चतुर्थ भाग (183.20 डिग्री से 186.40 डिग्री)ः- चित्रा नक्षत्र में स्थित शुक्र ग्रह के चतुर्थ भाग में जन्म लेेने वाले जातको की बात करे तो ऐसा व्यक्ति स्वयं अपने द्वारा अर्जिम सम्पत्ति का स्वामी होगा। अपनी मान और पहचान के कारण अपने समाज में बहुत प्र्रतिष्ठित व्यक्ति होगा। ऐसे व्यक्तियों का समाज में एक सबसे महत्वपूर्ण व्यक्तियों की श्रेणी में होगा तथा सभी निम्न वर्गों वाले व्यक्तियों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखेगा। समाज में एक अच्छी भूमिका बनाये रखने के कारण उस व्यक्ति की प्रत्येक इच्छा की पूर्ति होगी।

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चित्रा नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातको के सामान्य परिणाम 7 शनि

चित्रा नक्षत्र में स्थित शनि ग्रह पर यदि सूर्य की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसे जातक वेद व वेद शास्त्रों में सम्बन्धित क्षेत्रो में आचार्य होगा। लेकिन सूर्य की दृष्टि पड़ने के कारण वह व्यक्ति जीवन भर अपनी रोज की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए हमेशा दूसरों पर निर्भर रहेंगे। चित्रा नक्षत्र में स्थित शनि ग्रह पर यदि चन्द्रमा की दृष्टि पड रही हो तो ऐसा व्यक्ति राजनीतिक क्षेत्रो में हमेशा उच्चतम स्थान पर होगा। इसके अलावा किसी सरकारी विभाग या फिर संस्था का अध्यक्ष होगा। चित्रा नक्षत्र में स्थित शनि ग्रह पर यदि मंगल ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसा व्यक्ति सुरक्षा अथवा पुलिस विभाग या फिर किसी सरकारी क्षेत्रों मे कार्यरत होगा और ऐसे जातको का पारिवारिक जीवन काफी ज्यादा अच्छा होगा। चित्रा नक्षत्र में स्थित शनि ग्रह पर यदि बुध ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसा जातक स्त्रियों के द्वारा बोले गये उनकी इच्छा का मान करेगा। ऐसा व्यक्ति अपने किये गये अनैतिक रुप से क्रिया कलापों मे लिप्त रहेगा इसके अलावा यदि कोई उनकी आलोचना करेगा तो उन्हें सहन करना पडेगा। चित्रा नक्षत्र में स्थित शनि ग्रह पर यदि बृहस्पति ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसा व्यक्ति अपनें जीवन में सुखो और दुखों का भागीदार होना तथा यह व्यक्ति अपने से नीचे तथा अपने जरुरतमंदो की सहायता के लिए हमेशा तत्पर रहेगा। चित्रा नक्षत्र में स्थित शनि ग्रह पर यदि शुक्र ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसे में यह व्यक्ति अपने शासक के निकट के सम्पर्क में हमेशा रहेगा तथा अपने समय में यह व्यक्ति सुश या सुन्दरी का बहुत आनन्द लेगा।
💠 प्रथम भाग (173.20 डिग्री से 176.40 डिग्री)ः- चित्रा नक्षत्र में स्थित शनि ग्रह के प्रथम भाग में जन्म लेने वाले जातक पर यदि मंगल ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसे जातक को त्वचा रोग से सम्बन्धित कोई बिमारी होगी। नक्षत्र के इस भाग में जन्में व्यक्ति को बहुत ही ज्यादा कम धन की प्राप्ति होगी तथा इनकी संतान भी बहुत कम होगी।
💠 द्वितीय नक्षत्र (176.40 डिग्री से 180.00 डिग्री)ः- चित्रा नक्षत्र में स्थित शनि ग्रह के द्वितीय भाग में जन्म लेने वाले जातको की बात करे तो जब शनि ग्रह के द्वितीय भाग में मंगल ग्रह के साथ जब लग्न की पड़ता हो और इस भाग में बुध ग्रह की भी उपस्थिति हो तो ऐसे किसी भी जातको की सुख से सम्बन्धित कोई बड़ी समस्या उत्पन्न होगी और यह व्यक्ति घर में आये हुए परेशानियों के कारण आर्थिक रुप से हमेशा तंगी का सामना करेगा।
💠 तृतीय नक्षत्र (180.00 डिग्री से 186.40 डिग्री)ः- चित्रा नक्षत्र में स्थित शनि ग्रह के तृतीय भाग में जन्म लेने वाले जातक अपने पूर्वा आषाढ़ नक्षत्र में लग्न तथा अश्विनी नक्षत्र में चन्द्रमा की उपस्थिति होने पर ऐसे जातक अपनी विपुल सम्पत्तियों के साथ-साथ एक राजा जैसी शक्तियों का भी उपयोग करेगा।
💠 चतुर्थ भाग (183.20 डिग्री से 186.40 डिग्री)ः- चित्रा नक्षत्र में स्थित शनि ग्रह के चतुर्थ भाग में जन्म लेने वाले जातक के शनि ग्रह के अधिपत्य के लिए यह अति शुभ होगा। नक्षत्र के इस भाग में जन्म लेने वाला जातक अपनी प्रसिद्धि और समाज में बहुत धनी व्यक्ति होगा। शनि ग्रह के नक्षत्र में स्थित व्यक्ति उस व्यक्ति से बिना माँगे मान और सम्मान की प्राप्ति करेगा। इस भाग में जन्मे होने के कारण यह व्यक्ति अपने व्यवसाय के क्षेत्र में अप्रत्याशित रुप से उन्नति की प्राप्ति करेगा।

राहु

💠 प्रथम भाग (173.20 डिग्री से 176.40 डिग्री)ः- चित्रा नक्षत्र में स्थित राहू के प्रथम भाग में जन्म लेने वाले जातक के राहू के प्रथम भाग मे जन्म लेने वाले जातक के रुप के इस भाग मे मंगल ग्रह की उपस्थिति हो तो ऐसे जातको के कानो में बहुत सारे परेशानियाँ उत्पन्न होगी और इसे इन परेशानियों के कारण बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। राहु के प्रथम भाग मे उपस्थित होने के कारण यह व्यक्ति क्रूर तथा सहानुभूति से रहित किसी न किसी नैतिक गुणो से रहित होगा।
💠 द्वितीय भाग (176.40 डिग्री से 180.00 डिग्री)ः- चित्रा नक्षत्र में स्थित राहु के द्वितीय भाग मे जन्म लेने वाले जातके दिलेर तथा धनी व्यक्ति होगा। धनी होने के कारण इस जातक को पैसो की कभी कोई कमी नही होगी। नक्षत्र के इस भाग में जन्मे होने के कारण यह व्यक्ति अपने विवाह के बाद भी अपने विवाहित व खुशियों के लिए तरसेगा। यह सब उस जातक के किसी अन्य स्त्रियों के साथ अति काम सम्बन्धों के कारण होगा।
💠 तृतीय भाग (180.00 डिग्री से 183.20 डिग्री)ः- चित्रा नक्षत्र में स्थित राहु के तृतीय भाग में जन्म लेने वाले जातक के तृतीय भाग मे यदि शनि ग्रह और मंगल ग्रह के साथ उपस्थित हो तो ऐसे मे जातक बहुत ही प्रचण्ड अल्सर के कारण पीड़ित होगा। जिसके कारण उस व्यक्ति का आपरेशन भी किसी कारण वश होगा। फिर भी वह व्यक्ति अपनी पत्नी तथा नेक बच्चों के साथ सुख व सम्पन्न रहेगा।
💠चतुर्थ भाग (183.20 डिग्री से 186.40 डिग्री)ः- चित्रा नक्षत्र मे स्थित राहु के तृतीय भाग मे जन्म लेने वाले जातक एक सुखी विवाहित जीवन कभी नही जी सकता है। जब कभी भी यह व्यक्ति सुखी जीवन जीने के बारे मे सोचता है कोई न कोई अड़चने आती ही रहती है। इसलिए वह व्यक्ति अपने जीवन में कभी भी सुख नही भोग सकेगा। नक्षत्र के इस भाग में जन्में होने के कारण उनके पास धन की कभी कोई कमी नही होगी। जिसके कारण उनके पीछे अनेक स्त्रियाँ होंगी।

 केतु

💠 प्रथम भाग (173.20 डिग्री से 176.40 डिग्री)ः- चित्रा नक्षत्र में स्थित केतु के प्रथम भाग मे जन्म लेने वाले जातक के इस भाग में यदि केतु अकेला उपस्थित हो तो ऐसे मे जातक हमेशा अपने खराब स्वास्थ्य को लेकर बहुत सारी समस्याओं का सामना करेगा और धन या अपनी आर्थिक स्थिति के लिए हमेशा परेशान रहेगा।
💠 द्वितीय भाग (176.40 डिग्री से 180.00 डिग्री)ः- चित्रा नक्षत्र में स्थित केतु के द्वितीय भाग में जन्म लेने वाले जातक के इस भाग मे यदि लग्न भी पड़ता हो और उनके हितकारी आस-पास के ग्रहों की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसे मे जातक हमेशा राजसी वैभव जीने का आनन्द लेगा, अतः देखा जाए तो अन्य ग्रहो की दृष्टि के साथ यह व्यक्ति सभी सामान्य परिणामों को प्राप्त करेगा।
💠 तृतीय भाग (180.00 डिग्री से 183.20 डिग्री)ः- चित्रा नक्षत्र में स्थित केतु के तृतीय भाग मे जन्म लेने वाले जातक का शरीर रोगी रहेगा और अपनी किसी न किसी अन्दरुनी बिमारी के कारण हमेशा परेशान रहेगा। इसके अलावा यह व्यक्ति किसी न किसी कैमिकल या स्टील के व्यवसाय से सम्बन्धित संस्थान मे नियुक्त होगा।
💠 चतुर्थ भाग (183.20 डिग्री से 186.40 डिग्री)ः- चित्रा नक्षत्र मे स्थित केतु के चतुर्थ भाग में जन्म लेने वाले जातक बहुत नेक दिल वाला तथा धनी व्यक्ति होगा, केतु के अधिपत्य के लिए यह अत्यन्त ही शुभ स्थिति होगी। नक्षत्र के चतुर्थ भाग में जन्म लेने वाले व्यक्ति देखा जाए तो 35 वर्ष की आयु के बाद यह व्यक्ति नेक पत्नी तथा अपने बच्चो के कारण हमेशा एक सुखी जीवन व्यतीत करेगा और यदि केतु की अशुभ दृष्टि पड़ रही हो तो इन की व्यक्ति 32 वर्ष की आयु से पहले विवाह हो जायेगा। यदि 32 वर्ष की आयु से पहले विवाह हो जाए तो ऐसे में जातक की पत्नी के दोष के कारण यह व्यक्ति उसे तालाक दे देगा। इसके अलावा एक बात और ध्यान में रखनी चाहिए की चित्रा नक्षत्र में जन्में जातको को विशाखा नक्षत्र पूर्व आषाढ़ नक्षत्र कार्तिक नक्षत्र तथा पुष्य नक्षत्र में उत्पन्न व्यक्तियों से किसी प्रकार का कोई सम्बन्ध नही बनाना चाहिए।
💠 इन नक्षत्रो मे जन्मे व्यक्तियों बुरे परिणामो को दूर करने के लिए उपचार
1. इन नक्षत्रो में आये व्याधियों को दूर करने के लिए जातक को नीलम तीन रत्ती का सोेने अथवा पंचधातु की अंगूठी मे जड़वाकर शनिवार के दिन शाम को 1ः30 से 4ः30 के मध्य मे अपने हथेली के चैथी (बुध) अंगुली में धारण करना चाहिए तथा मूँगा नौ रत्ती का चाँदी या ताँबे की अंगुठी में जड़वाकर मंगलवार को प्रातः 10ः30 बजे से पूर्वा 1ः30 बजे तक धारण करना चाहिए।
2. इन मंत्रो का जाप करने से आपके जीवन में आये सभी कष्ट दूर हो जायेंगे तथा आप अपना जीवन सुखी से व्यतीत करेंगे।

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