चैत्र नवरात्रि 2023
नवरात्रि एक नौ दिवसीय त्यौहार है जो हिन्दू धर्म में अत्यधिक प्रचलित है तथा नवरात्रि का प्रत्येक दिन माता दुर्गा के एक-एक अवतार को समर्पित है। मां दुर्गा को सार्वभौमिक रक्षक के रुप में जाना जाता है। चैत्र नवरात्रि को वसंत नवरात्रि या राम नवरात्रि के रुप में भी जाना जाता है क्योंकि नवरात्रि के नौवें दिन को भगवान राम का जन्म हुआ था इसलिए नवरात्रि का नौवां दिन भगवान राम के जन्म दिवस के रुप में भी मनाया जाता है। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 22 मार्च 2023 दिन बुधवार से प्रारम्भ हो रही है।
ग्रहों नक्षत्रों का अद्भुत संयोग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस वर्ष चैत्र नवरात्रि पर ग्रहों नक्षत्रों का दुर्लभ एवं अद्भुत संयोग बन रहा है जिसके कारण नवरात्रि की महत्ता अत्यधिक बढ़ जाती है। नवरात्रि के दौरान शनि एवं मंगल ग्रह मकर राशि में रहेंगे तथा रवि पुण्य नक्षत्र के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का निर्माण हो रहा है फलस्वरुप इस दौरान किये गये शुभ कार्यों मे आपको सफलता मिलेगी। आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होगी। सूर्य एवं बुध की युति मीन राशि मे हो रही है जिसके कारण बुधादित्य योग का निर्माण हुआ। जो आपको शुभ फल प्रदान करेगा।
नवरात्रि व्रत के दौरान क्या खाएं
नवरात्रि का व्रत बहुत महत्वपूर्ण होता है इसलिए व्रत रखते समय इन बातों का भी पूर्ण ध्यान रखें कि आपको व्रत में क्या खाना चाहिए, क्योंकि कई बार भक्तों को पूर्ण जानकारी न होने के कारण वे कई ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन कर लेते है जिसे नवरात्रि के दौरान नही खाया जाता है।नवरात्रि व्रत में चाय एवं काॅफी का सेवन नही करना चाहिए। इसके बजाय आप शिकंजी, जूस, नारियल पानी आदि का सेवन करें तथा साबूदाना की खिचड़ी, सिघाड़े का हलवा, कुट्टू की पूरी आदि खाद्य पदार्थ खाये जाते है साथ ही फल में नारियल, सेब, केला, आम इत्यादि खा सकते है।
नवरात्रि विशेष
नवरात्रि भारत के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरीको एवं नामों से मनाई जाती है। जहाँ महाराष्ट्र में चैत्र नवरात्रि का पर्व गुड़ी पड़वा से आरम्भ होता है वहीं आंधप्रदेश में उगादी के साथ आरम्भ होता है।
नवरात्रि की पूजन सामग्री
नवरात्रि की पूजन के लिए कुछ महत्वपूर्ण सामग्री बताई गयी है जो इस प्रकार से है क्योंकि सभी कार्यों के साथ-साथ पूजन सामग्री का भी विशेष महत्व होता है। ये पूजन सामग्रियाँ हमारे पूजन में अत्यधिक सहायक होती है। माता की तस्वीर या मूर्ति, लाल रंग के वस्त्र या लाल चुनरी, ताजे आम के पत्ते, लाल रंग का धागा, दुर्गा सप्तशती पुस्तक, अक्षत, मौली, जौ के बीज, शुद्ध मिट्टी का बर्तन, गुलाल, सुपारी, पान के पत्ते, लौंग, इलायची इत्यादि।
इस वर्ष नवरात्रि का आरम्भ शुक्ल योग में हो रहा है तथा उसके पश्चात ब्रह्म योग एवं इंद्रयोग का आरम्भ होगा इन योगो में माता की पूजा आराधना बहुत शुभ मानी जाती है।
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