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जन्माष्टमी 2024: भगवान श्री कृष्ण को भोग लगाकर घर में सुख-समृद्धि बनाए रखें

जन्माष्टमी 2024: भगवान श्री कृष्ण को भोग लगाकर घर में सुख-समृद्धि बनाए रखें

जन्माष्टमी 2024: भगवान श्री कृष्ण को भोग लगाकर घर में सुख-समृद्धि बनाए रखें

जन्माष्टमी, भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव, भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल, जन्माष्टमी का पर्व 26 अगस्त को मनाया जाएगा। इस पावन दिन, भगवान श्री कृष्ण को भोग अर्पित करना विशेष महत्व रखता है। सही भोग अर्पित करने से न केवल भगवान की कृपा प्राप्त होती है, बल्कि घर में सुख-समृद्धि भी बनी रहती है। आइए जानते हैं जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण को कौन-कौन सी चीजें भोग के रूप में अर्पित करनी चाहिए और इससे क्या लाभ हो सकता है।

जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण को भोग अर्पित करने के उपाय

  1. पंचामृत

भगवान श्री कृष्ण को पंचामृत अर्पित करना इस दिन की विशेष पूजा विधि का हिस्सा है। पंचामृत में दूध, दही, शहद, शक्कर और घी को मिलाकर भगवान को अर्पित करें। यह भोग पवित्रता और शुभता का प्रतीक है और इसे अर्पित करने से संतान की सेहत अच्छी रहती है। इसके अलावा यह भोग सुख और संपत्ति में वृद्धि का भी कारण बनता है।

  1. खीर और माखन

भगवान श्री कृष्ण को उनकी प्रिय वस्तुओं में खीर और माखन का भोग अर्पित करें। खीर, विशेषकर दूध से बनी मिठाई, को भगवान श्री कृष्ण को अर्पित करने से घर में सुख और समृद्धि बढ़ती है। माखन, जो श्री कृष्ण की प्रिय वस्तु है, को भी भोग के रूप में अर्पित करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है।

  1. श्रीखंड

श्री कृष्ण को श्रीखंड का भोग अर्पित करना भी शुभ होता है। श्रीखंड, जो दूध और शक्कर से बनी मिठाई है, भगवान श्री कृष्ण को अत्यंत प्रिय है। इसे अर्पित करने से घर में सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य की वृद्धि होती है।

  1. फल और मेवे

पूजा की थाली में फल और मेवे जरूर रखें। ये भोग न केवल स्वादिष्ट होते हैं बल्कि ये भगवान को समर्पित करके हमारी श्रद्धा और भक्ति को दर्शाते हैं। मेवे और फल से भोग अर्पित करने से जीवन में खुशहाली और समृद्धि बनी रहती है।

  1. तुलसी पत्ते और मिश्री

पूजा की थाली में तुलसी के पत्ते और मिश्री भी रखें। तुलसी पत्ते की पवित्रता और मिश्री की मिठास भगवान श्री कृष्ण को अत्यंत प्रिय है। यह भोग भगवान की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण होता है।


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निशिता पूजा का समय

जन्माष्टमी की रात विशेष रूप से निशिता पूजा की जाती है। इस दिन मध्यरात्रि को 12 बजे से 12:45 तक निशिता पूजा का समय रहेगा। यह पूजा भगवान श्री कृष्ण के जन्म की घड़ी को चिह्नित करती है और भक्तजन अपनी विशेष मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए इसमें भाग लेते हैं। मंदिरों में इस समय भव्य सजावट और भीड़ होती है, जो इस पूजा की महत्वता को दर्शाती है।

जन्माष्टमी के दिन पूजा करने के विशेष निर्देश

  1. स्वच्छता बनाए रखें : पूजा से पहले घर और मंदिर की स्वच्छता का ध्यान रखें। गंदगी और अशुद्धता से बचें।
  2. सात्विक भोजन : पूजा के दौरान केवल सात्विक भोजन का सेवन करें। मांसाहार, शराब और तामसिक पदार्थों से बचें।
  3. शांति और सद्भावना : इस पावन दिन पर किसी भी प्रकार के झगड़े या विवाद से बचें। शांति और सौहार्द बनाए रखें।
  4. उचित समय पर पूजा : भगवान श्री कृष्ण की पूजा और भोग अर्पित करने के समय का विशेष ध्यान रखें। निशिता पूजा में भाग लेकर इस दिन की महत्वता को सही से समझें।

 जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण को सही भोग अर्पित करने से न केवल उनकी कृपा प्राप्त होती है, बल्कि घर में सुख और समृद्धि भी बनी रहती है। ऊपर दिए गए भोग अर्पित करने के उपायों को अपनाकर आप इस पावन दिन को और भी खास बना सकते हैं और अपने जीवन में खुशहाली ला सकते हैं। भगवान श्री कृष्ण की कृपा आप पर सदा बनी रहे।

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