नाम का रहस्यः- अंग्रेजी वर्णमाला में यह अक्षर प्रथम स्थान पर होता है । अक्षर व्यक्ति के श्रेष्ठता एवं गुणों को दर्शाता है। जिन जातकों का नाम । से प्रारम्भ होता है, वे अच्छे विचारों वाले होते है तथा उनके कई सदगुण पाये जाते है। इन जातकों मे भावनाओं की प्राथमिकता होती है जिसके कारण । नाम के व्यक्ति सदैव भावनाओं में रहते है। इनकी इच्छा सदैव यही रहती है दूसरों के दुख-सुख में योगदान दें। ‘ए’ अक्षर की अंक संख्या ‘एक’ है।
A अक्षर का रहस्यः- अग्रेंजी वर्णमाला में यह अक्षर दूसरे स्थान पर होता है। वर्णमाला का यह अक्षर विचारों को अपने अन्दर समेटे रहने का प्रतीक है। जिन व्यक्तियों के नाम का प्रारम्भ अक्षर बी होता है वे सामान्यतः अन्तर्मुखी होते हैं। ऐसे व्यक्ति बेवजह के वाद-विवाद में कभी नही फसते है तथा अपनी भावनाओं के अनुरुप काम में लगे रहते है। इनके मित्र बहुत कम होते है तथा इनका जान-पहचान का क्षेत्र भी व्यापक नही होता है तथा जितने भी जान-पहचान के व्यक्ति इनके सीमित दायरें मे होते है। उनमें से भी बहुत कम लोगों पर ही यह विश्वास करते है। ऐसा व्यक्ति सदैव सावधान रहते हैं और अपने स्वार्थ की अवहेलना नहीें होने देते। ठ नाम के व्यक्ति किसी से खुलकर अपने दिल की बात नही कह सकते है। ‘बी’ अक्षर की अंक संख्या ‘दो’ है।
B अक्षर का रहस्यः- अग्रेंजी वर्णमाला में यह अक्षर तृतीय स्थान रखता है तथा यह मन का प्रतीक है। जिन व्यक्तियों का नाम ब् अक्षर से प्रारम्भ होता है तो यदि उनके मन में कोई बात हार कर जाये तो वे उस बात को अवश्य ही पूरा करके छोड़ते है चाहें उस काम में जितना समय लग जाये या धन की हानि हो जाए। इनके लि ए वह बात पत्थर की लकीर होती है उन्हें बदलना बहुत कठिन होता है ऐसे व्यक्तियों के मस्तिष्तक में हर क्षण कोई न कोई योजनाएं बनती रहती है। इसके साथ ही आने वाली घटनाओं को भी जानने में समर्थ होते है। ‘सी’ अक्षर का अंक संख्या ‘तीन’ है।
C अक्षर का रहस्यः- यह अंग्रेजी वर्णमाला का चैथा अक्षर होता है यह अक्षर आत्मविश्वास और आत्म नियंत्रण का प्रती है जिन व्यक्तियों के नाम का प्रथम अक्षर डी से प्रारम्भ होता है, वे जिस काम को अपने हाथ में लेते है उसे पूरा करके ही मानते है। समय उनके अनुकूल न हो तो भी ऐसे व्यक्ति घबराते नही है अर्थात हिम्मती होते है। किसी काम से पीछे नही हटते है। निरन्तर अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर रहते है। ऐसे व्यक्ति बातें कम करते है परन्तु जो कुछ भी कहते है, उसमें अधिकार का प्रभाव होता है। उनकी बातों से भी पूर्ण आत्मविश्वास दिखाई देता है तथा ऐसे व्यक्ति सफल प्रशासक, नेता तथा दूसरों के लिए मार्गदर्शक सिद्ध होते है। अपने मान-सम्मान के प्रति भी ऐसे व्यक्ति पूर्ण रुप से जागरुक होते है। ‘डी’ अक्षर की अंक संख्या ‘चार’ है।
D अक्षर का रहस्यः- यह अग्रेंजी वर्णमाला का पाचवा अक्षर है जो पूर्ण रुप से बहिर्मुखी प्रकृति का प्रतीक है इस अक्षर से जिन व्यक्तियों का नाम आरम्भ होता है वे कोई भी बात को गुप्त नही रखते है। इनके समक्ष कोई भी व्यक्ति खड़ा हो चाहे वह पद में कितना भी श्रेष्ठ हो वह अपनी बात उनके समक्ष रखने में समर्थ होता है। ऐसे व्यक्तियों का मस्तिष्क योजनाबद्ध रुप से कार्य करता है अपने इन्हीं गुणों के कारण यह उन्नति के मार्ग पर अग्रसर रहते है। ‘ई’ अक्षर की अंक संख्या ‘पाँच’ है।
E अक्षर का रहस्यः- यह अंग्रेजी वर्णमाला का छठा अक्षर है जो घरेलूपन का प्रतीक होता है और फैमिली शब्द इसी अक्षर से बनता है जिन व्यक्तियों के नाम का आरम्भ थ् अक्षर से होता है वे परिवार को सुचारु रुप से व्यवस्थित करने में सक्षम होते है। ऐसे व्यक्तियों को अनैतिक कार्यों से प्रायः डर एवं घृणा होती है तथा प्रेम सत्य माधुर्य और परोपकार ही इनके जीवन का मूलमंत्र है ऐसे व्यक्ति अपने ही कार्य में व्यस्त रहते है। ‘एफ’ अक्षर की अंक संख्या ‘आठ’ होती है।
F अक्षर का रहस्यः- यह अंग्रेजी वर्णमाला का सातवां अक्षर है जिन जातकों का नाम ळ अक्षर से प्रारम्भ होता है वह प्रायः चरित्रवान होते है तथा सादगी, सच्चाई और शिष्टता आदि गुण इनके अन्दर विद्यमान होते है इनके इस स्वभाव के कारण ही दूसरे व्यक्ति इनके प्रति आकर्षित होते है। ऐसे व्यक्तियों में एक प्रकार का जादू होता है तथा अपने सिद्धान्तों के कारण जीवन में मजबूत रहते है। किसी भी काम को पूर्ण करने से पहले उसकी पूरी योजना बना लेते है। ‘जी’ अक्षर की अंक संख्या ‘तीन’ है।
G अक्षर का रहस्यः- जिन व्यक्तियों का नाम जी से प्रारम्भ होता है वह उत्तम चरित्रवाले होते है तथा इनका जीवन प्रायः श्रेष्ठ होता है लेकिन ये सदा अपने स्वार्थ में डूबे रहते है एवं दिखावा करना उन्हें अच्छा लगता है साथ ही ऊँचा उठने की प्रबल महत्वाकांक्षी होते है। ये मेहनत में अधिक विश्वास नही रखते हैं। परन्तु मेहनत का दिखावा भी करते है। ये जातक दूसरों को दिखाते है कि अधिक व्यस्त है और कड़ी मेहनत कर रहे है।
H अक्षर का रहस्यः- जिन व्यक्ति का नाम H अक्षर से आरम्भ होता हैं वे बड़े उद्यमी होते है तथा अत्यधिक फुर्तीले होते है अर्थात आलस्य से कोसों दूर होते है साथ ही ये अपने परिवार के सदस्यों में भी आलस्य देखना नही पसंद करते है। किसी भी परिस्थिति को पूरी तरह समझने के प्रयत्न करते है और किसी भी विषय का गहन अध्ययन और ज्ञान प्राप्त करते है। आधी अधूरी जानकारी उन्हें अच्छी नही लगती है।
I अक्षर का रहस्यः- जिन व्यक्ति का नाम आई अक्षर से आरम्भ होता हैं वे बड़े उद्यमी होते है तथा अत्यधिक फुर्तीले होते है अर्थात आलस्य से कोसों दूर होते है साथ ही ये अपने परिवार के सदस्यों में भी आलस्य देखना नही पसंद करते है। किसी भी परिस्थिति को पूरी तरह समझने के प्रयत्न करते है और किसी भी विषय का गहन अध्ययन और ज्ञान प्राप्त करते है। आधी अधूरी जानकारी उन्हें अच्छी नही लगती है।
J अक्षर का रहस्यः- जिन व्यक्ति का नाम जे अक्षर से प्रारम्भ होता है वे बड़े दिलवाले होते है। उनके विचारों में उत्सुकता होती है। ऐसे ही व्यक्ति स्वतंत्रता के रक्षक और पृष्ठपोषक होते है संसार की गतिविधियों से भी भली-भाँति परिचित होते है। उनकी वाणी मधुर होती है। ‘जे’ अक्षर की संख्या ‘एक’ है।
K अक्षर का रहस्यः- जिन व्यक्तियों का नाम अंग्रेजी के ‘के’ अक्षर से आरम्भ होता है। उनका जीवन अत्यधिक संघर्षमय होता है जिसके कारण उनको अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखने को मिलते है परन्तु अपने संघर्षों मे ये जीवन के शिखर तक पहुंच जाते है। संघर्ष और अनिश्चित जीवन के कारण उनमें प्रायः निराशा पनपने लगती है और वे हर बात को निराशावादी पहलू से ही देखने लगते है। उसमें सहन करने की शक्ति का विकास होता हे उदारता के भाव उनके मन में घर करने लगते है। ‘के’ अक्षर की अंक संख्या ‘दो’ होती है।
L अक्षर का रहस्यः- जिन व्यक्तियों के नाम का आरम्भ अंग्रेजी के ‘एल’ अक्षर से होता है, वे प्रायः भावुक और दार्शनिक प्रवृत्ति के होते है तथा उनके विचार सुलझे हुए होते है और वे अपने कार्यों से श्रेष्ठ सिद्ध होते है ऐसे व्यक्ति अपने हाल में मस्त, अपनी धुन के पक्के तथा अपने काम में लगे रहते है। ‘एल’ अक्षर की अंक संख्या ‘तीन’ होती है।
M अक्षर का रहस्यः- जिन व्यक्तियों का नाम अग्रेंजी के एम अक्षर से प्रारम्भ होता है। वे सदाचारी, सभ्य और सुसंस्कृत होते है तथा प्रायः सादे ही रहते है। उनकी यह सादगी ही उन्हें कई बार हानि पहुंचा देती है तथा उनके लिए अभिशाप बन जाती है। उनके विचार होते है वे गोपनीय बनाने का प्रयत्न तो करते है परन्तु बहिर्मुखी प्रवृत्ति के होने के कारण गोपनीय बातें भी उनके मुख से निकल जाती है। इसके बावजूद उनके चारों ओर रहस्य का एक परदा सा बना रहता है जिससे उनके परिवार वाले तथा अन्य लोग भी उनके निर्धन जैसा होने पर भी उन्हें धनवान ही समझते रहते है। ‘एम’ अक्षर का अंक ‘चार’ होता है।
N अक्षर का रहस्यः- जिन व्यक्तियों का नाम अग्रेंजी के N अक्षर से आरम्भ होता है उनको अपने जीवन में अनेक बाधाओं एवं कष्टों ंका सामना करना पड़ता है। उनका पूरा जीवन संघर्षमय होता है परन्तु अपने दृढ़ और प्रभावशाली व्यक्तित्व के कारण वे कठिनाइयों को पार करते हुए अपनी राह बना ही लेते है। इस प्रकार ऐसे व्यक्ति चलते-चलते अपने लक्ष्य पर पहुंच जाते है। इनकी मित्रता भी अच्छी रहती है। ऐसे व्यक्तियों को सद् गृहस्थ कहा जाता है क्योंकि अनेक कष्टों के बावजूद भी परिवार को उन्नत बनाने का प्रयास करते रहते है। ‘एम’ अक्षर की अंक संख्या ‘चार’ होती है।
O अक्षर का रहस्यः- जिन व्यक्तियों का नाम ‘ओ’ अक्षर से प्रारम्भ होता है। वे प्रायः आत्मसीमित अर्थात कोई भी कार्य अपने भरोसे पर ही करते है। जीवन में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहती है परन्तु कभी हिम्मत नही हारते अर्थात अत्यधिक साहसी होते है। अव्यवस्था और गन्दगी उन्हें पसंद नहीं होती है। उनमें महत्वकाक्षांए बहुत होती है और वे उन्हें जल्दी से जल्दी पूरा करने का प्रयास भी करते हैं। ऊंचा उठने की उन्हें बहुत जल्दी होती है। जीवन के अंतिम चरण में सुख का अनुभव करते है। ‘ओ’ अक्षर की अंक संख्या ‘सात’ होती है।
P अक्षर का रहस्यः- जिन व्यक्तियों के नाम का पहला अक्षर ‘पी’ से आरम्भ होता है उनके अन्तर्मन में भयंकर टूटन व हाहाकार होता है अर्थात कितने भी कष्ट हो परन्तु वे शांत बने रहते है। अपने कष्टों और रहस्यों को छिपाते हुए वें दूसरों के दुःख-सुख में साथ देते है साथ ही वे किसी की निन्दा सुनना भी पसन्द नही करते है। स्वयं कष्ट और हानि सहकर भी ऐसे व्यक्ति अपने मित्रों की सहायता के लिए सदैव तत्पर रहते है। उन्हें सदैव शान्त वातावरण ही पसन्द होता है। साथ ही उन्हें समाज का श्रेष्ठ व्यक्ति कहा जाता है। ‘पी’ अक्षर की अंक संख्या ‘आठ’ होती है।
Q अक्षर का रहस्यः- जिन व्यक्ति का नाम Q अक्षर से आरम्भ होता है उनका पूरा जीवन व्यवस्थित होता है साथ ही उनका जीवन सिद्धान्त और लक्ष्य पर भी निश्चित एवं निर्धारित होते हैं। अपनी व्यवस्था में किसी दूसरे का हस्तक्षेप उन्हें पसन्द नही आता। ऐसे व्यक्ति श्रेष्ठ प्रशासक सिद्ध होते है, परन्तु उनमें थोड़ा भी अभिमान नही होता है अपने उत्तर दायित्व को भी वे अच्छे से निभाते है। जीवन की व्यवस्था और सिद्धान्त ही ऐसे व्यक्तियों की विशेषता कही जा सकती है। ‘क्यू’ अक्षर की अंक संख्या ‘एक’होती है।
R अक्षर का रहस्यः- जिन जातकों का नाम अग्रेंजी वर्णमाला के ‘आर’ अक्षर से प्रारम्भ होता है वे जातक प्रभावशाली होते हैं तथा उनका स्वभाव बहुत अच्छा होता है अपने इस स्वभाव के कारण वे जल्द ही मित्र बना लेते है। साथ ही उच्चाधिकारियों से भी अपना काम शांतिपूर्ण करा लेते है। जिसके कारण ये जीवन के उच्च शिखर पर पहुंच जाते है। यदि उन्हें किसी व्यक्ति का कोई विशेष गुण पसन्द आ जाये तो उसे सीखने का पूर्ण प्रयत्न करते हैं। उन्हें अपने स्वार्थ सिद्धि का ध्यान रहता है परन्तु वे किसी को हानि नही पहुंचाते है। ‘आर’ अक्षर की अंक संख्या ‘दो’ होती है।
S अक्षर का रहस्यः- अग्रेंजी वर्णमाला में ‘एस’ अक्षर 19 वें स्थान पर है जिन जातकों का नाम ‘एस’ से प्रारम्भ होता है वे बहुगुणी प्रतिभा के धनी होते है साथ ही उनमें मित्र बनाने की कला विद्यमान होती है। नाटकों, समारोहों, रंगमंच, सार्वजनिक, प्रदर्शदो इत्यादि में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते है। ‘एस’ नाम वाले जातक अपने कार्यों के प्रति वफादार होते हैं तथा उनके वरिष्ठ एवं उच्चधिकारी उनसे प्रसन्न रहते है। इन सभी गुणों के कारण भी वह सोचते रहते है क्या करें और क्या न करें। ‘एस’ अक्षर की अंक संख्या ‘तीन’ होती है।
T अक्षर का रहस्यः- यह अग्रेंजी वर्णमाला का 20 वाँ अक्षर है जिन जातकों का नाम ‘टी’ अक्षर से प्रारम्भ होता है वे बहुत संतोषी स्वभाव के होते है। ऐसे व्यक्ति अपनी उन्नति के लिए कभी कोई गलत काम नही करते हैं। दूसरों के प्रति न्याय और विवेक के आधार पर निर्णय करते है। उन्हें अपने आप पर एवं अपनी योग्यता पर पूरा भरोसा होता है। उनका विशेष गुण होता है कि किसी के दबाव में आकर कोई फैसला नही लेते है और अपने बातों पर अटल रहते है। ‘टी’ अक्षर का अंक ‘चार’ होता है।
U अक्षर का रहस्यः- यह अंग्रेजी वर्णमाला का 21 वाँ अवतार है। जिन जातकों का नाम ‘यू’ अक्षर से प्रारम्भ होता है वे नवीनता के प्रतीक माने जाते है। नये से नये विचार, नये फैशन करना, नयी-नयी परिस्थितियां का सामना करना उन्हें अत्यधिक पसन्द होता है। इस संसार में उन्हें जो कुछ भी नया प्रतीत होता है उसे स्वीकार और प्राप्त करने के लिए वे सदा आगे रहते हैं। उनके विचारों में परिपक्वता और सहजता होता है तथा उनकी दृष्टि सदा जीवन के उज्जवल पक्ष की ओर रहती है। ‘यू’ अक्षर की अंक संख्या ‘छः’ होती है।
V अक्षर का रहस्यः- यह अंग्रेजी वर्णमाला का 22 वाँ अक्षर है जिन जातकों का नाम ट अक्षर से प्रारम्भ होता है। वे दूसरों का अधिक सम्मान करते है और समाज में अपना नाम रौशन करना चाहते हैं जिसके लिए वे पूर्ण प्रयास भी करते है। अपनी श्रेष्ठता को सिद्ध करने के लिए वे निरन्तर प्रयत्नशील रहते हैं। किसी भी बात को समझने की शक्ति उनमें अच्छी होती है। किसी भी बात को योजनाओं से स्पष्ट करके दूसरों को समझाने और प्रभावित करने का गुण उनमें विशेष रुप से होता है। ट अक्षर की अंक संख्या ‘छ’ है।
W अक्षर का रहस्यः– यह अग्रेंजी वर्णमाला का 23 वाँ अक्षर होता है जिन जातकों का नाम ‘डब्लू’ अक्षर से प्रारम्भ होता है। वे जोखिमपूर्ण कार्यों को करने में सक्षम होते है। रोमांचक अपने शक्ति अनुसार सरकस के कठिन कार्य, तैरकर, समुद्र लांघना, दुर्गम पर्वतों की चोटियों पर चढ़ाना आदि कार्यों में इनकी रुचि होती है। वे बहुत फुर्तीले होते हैं। आलस्य उनके पास बिल्कुल भी नही रहता है। असंभव कार्यों को करने का भी प्रयास करते है। ‘डब्लू’ अक्षर की अंक संख्या ‘छः है।
X अक्षर का रहस्यः– जिन जातकों के नाम का प्रारम्भ ‘एक्स’ अक्षर से होता है। वे जातक बहुत लापरवाह स्वभाव के होते है। स्वयं के कार्यों में भी फंस जाते है। ऐसे जातकों को स्वयं की बड़ाई करना बहुत पसंद होता है। किसी भी जिम्मेदारियों को पूर्ण करने में वह असक्षम होते है। ऐसी ही जातकों केा असफल होेन की संज्ञा दी जाती है। ‘एक्स’ अक्षर की अंक संख्या ‘5’ है।
Y अक्षर का रहस्यः– जिन जातकों के नाम का प्रारम्भ ‘वाई’ अक्षर से होता है। वे जातक जीवनधारा से कटे-कटे से रहते है। क्योंकि वे आत्म केन्द्रित और अपने आप में प्रसन्न रहते है। ऐसे व्यक्ति जीवन में किसी एक लक्ष्य को स्वीकार करके जीवनभर उसी की प्राप्ति के लिए कार्य करते है। संसार में इनका योगदान अपने ही ढं़ग का एवं अनोखा होता है। ‘वाई’ अक्षर की अंक संख्या ‘एक’ है।
अक्षर के नाम का रहस्यः- जिन जातकों का नार्म अक्षर से प्रारम्भ हो रहा है। वे जातक हठी और जिद्दी स्वभाव के होते है। उनमें दूसरों को हानि पहंुचाने की संभावना रहती है। वे जल्द किसी को माफ नही करते हैं। क्रोधी और अविवेकी होने पर भी वे वीरता के क्षेत्र में अद्वितीय सिद्ध होते है। साथ ही अच्छे कूटनीतिज्ञ भी होते है तथा सफलता भी प्राप्त करते हैर्। अक्षर की अंक संख्या सात है।