ज्योतिष शास्त्र के द्वारा जानें क्रोध आने का कारण और निवारण

बात करते हैं क्रोध की तो आपने अपने जीवन में ऐसे बहुत से लोगों को देखा होगा जो छोटी-छोटी बात पर भी बेवजह चिढ़ जाते हैं और अत्यधिक गुस्सा करने लगते हैं। इन जातकों को किसी छोटी सी बात पर मजाक करना तक पसंद नही होता है ऐसे लोग या तो जरा सी बात पर अपना आपा खो देते हैं या फिर गुस्से में ऐसी कोई बात बोल देते हैं जो आपको बरदाश्त नही हो पाता, यहाँ तक की गुस्से में आकर व्यक्ति अपने साथ गलत तक कर गुजरने की क्षमता रखते हैं जिसका उन्हें बाद में बहुत पछतावा होता है।

अत्यधिक क्रोध में आकर व्यक्ति सही या गलत में फर्क नही समझ पाता है। वास्तव में क्रोध हमारे स्वास्थ्य के लिए भी बहुत हानिकारक माना जाता है अत्यधिक क्रोध करने वाले जातक को अक्सर करके स्वास्थ्य से सम्बन्धित गम्भीर बीमारियों का भी सामना करना पड़ता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हमारी कुण्डली में स्थित ग्रहों का प्रभाव व्यक्ति के स्वभाव पर भी पड़ता है। आपकी कुण्डली में स्थित कुछ अच्छे ग्रह होते हैं और कुछ खराब ग्रह अतः उन्हीं कुछ खराब ग्रहों के कारण ही व्यक्ति को बेवजह क्रोध आता रहता है इसलिए यदि आपको भी अत्यधिक गुस्सा छोटी-छोटी बातों पर आता है तो ग्रहों को शांत करके आप अपने क्रोध पर भी नियन्त्रण पा सकते हैं।

किसी जातक को अत्यधिक गुस्सा क्यों आता है

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ज्योतिषशास्त्र के अनुसार बात करें अगर क्रोध आने के कारण की तो सबसे महत्वपूर्ण कारण हमारी कुंडली में उपस्थित मंगल, सूर्य, चन्द्रमा, शनि तथा राहु ग्रह होते हैं यदि किसी जातक की कुण्डली में सूर्य, चन्द्रमा और मंगल ग्रह किसी भी रूप में आपस में सम्बन्ध बनाते हैं तो ऐसी स्थिति में जातक को आवश्यकता से अधिक क्रोध आने लगता है। इसका सीधा सा कारण यह है की क्रोध अग्नि तत्व का कारक होता है और जब यही अग्नि तत्व राशियाँ या ग्रह एक साथ आपस में मिलते हैं तो जातक को जरूरत से ज्यादा क्रोध आने लगता है। इसके अलावा ज्योतिष शास्त्र के द्वारा जिन जातकों की कुण्डली में मंगल ग्रह अच्छा नहीं होता है उन जातकों में क्रोध और आवेश की अधिकता हर समय देखने को मिलती है।

अपने क्रोध को नियंत्रित करने के कुछ ज्योतिषीय उपाय

क्रोध को शांत करने के लिए मोती धारण करें

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यदि आपको अत्यधिक क्रोध आता है और आप अपने क्रोध को नियंत्रित नहीं कर पाते और गुस्से में अपना आपा खो देते हैं तो ऐसे में आप अपने क्रोध को नियन्त्रण में रखने के लिए ज्योतिषीय सलाह से चाँदी की अंगूठी या पेंडेंट में बड़े साइज का असली और शुद्ध मोती धारण कर सकते हैं।

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मोती धारण करने के लिए कम से कम 12 कैरेट का मोती धारण करना चाहिए ऐसा करने से आपकी कुण्डली में उपस्थित चंद्रमा ठीक होगा साथ ही अत्यधिक क्रोध आने पर आप अपना क्रोध सही से नियंत्रित कर सकते हैं।

क्रोध की शांति के लिए गले में स्फटिक की माला धारण करें

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अपने क्रोध की शांति के लिए आपको नियमित रूप से गणेश जी की आराधना करनी चाहिए साथ ही पूजा करने के दौरान प्रतिदिन गणपति अथर्वशीर्ष का भी पाठ करना चाहिए।

इसके अलावा पूजा की समाप्ति के बाद प्रतिदिन एक शुद्ध और असली स्फटिक की माला से ओम गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करना चाहिए ऐसा करने से जातक की मानसिक स्थिति स्थिर रहती हैं जिसके कारण आपको बेवजह का क्रोध आने से राहत मिलती है।

क्रोध की शांति के लिए चंदन की खुशबू का प्रयोग करें

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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आप अपने क्रोध को चंदन की खुश्बू चाहे वह परफ्यूम हो, धूपबत्ती या अगरबत्ती इनमें से कोई भी चीज चंदन की खुशबू के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।

मान्यता के अनुसार चंदन के खुशबू का प्रयोग करने से आपकी कुण्डली में उपस्थित राहु के अशुभ प्रभाव या किसी प्रकार के दोष से आपको राहत मिलती है साथ ही यह खुशबू आपके क्रोध को नियन्त्रण में रखने के लिए आपकी सहायता करते हैं।

इसके अलावा यदि आप अपने मन और क्रोध को शांत करने के लिए चंद्रमा को रात्रि में अर्घ्य दें या फिर नियमित रूप से अपने से बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लें तो अवश्य रूप से आप अपने क्रोध पर नियन्त्रण पा सकते हैं।

क्रोध की शांति के लिए दही का सेवन करें

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यदि आपको बिना किसी बात के भी प्रतिदिन अत्यधिक क्रोध आता है तो ऐसे में ज्योतिषशास्त्र के अनुसार आपको नियमित रूप से दही का सेवन करना चाहिए।

यदि आप खाना खाते समय दही में शक्कर डालकर सेवन कर रहे हैं या फिर मावा या मिठाई इत्यादि किसी भी प्रकार का मीठा खा रहे हैं तो इससे आपकी कुण्डली में उपस्थित चंद्रमा से संबंधित दोषों में भी कमी आती है जिससे आपको अपने क्रोध पर नियंत्रण रख पाने में सहायता मिलती है।

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क्रोध की शांति के लिए धरती माँ को प्रणाम करें

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यदि किसी जातक को किसी न किसी छोटी-मोटी बात पर नियमित रूप से क्रोध आता है तो ऐसे में सुबह उठते ही धरती माता को प्रणाम करना चाहिए सबसे पहले अपना दायां पैर जमीन पर रखना चाहिए।

इसके अलावा सोकर जगने के बाद कम से कम 15 मिनट तक किसी से भी बात नही करना चाहिए अपने मन को शांत रखना चाहिए ऐसा करने से आप अपने क्रोध पर नियन्त्रण रख पाने में पूरी तरह से सफल होंगे।

क्रोध की शांति के लिए अपने हाथ में चाँदी का कड़ा धारण करें

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यदि आपके परिवार वाले आपका बात नहीं मानते हैं और आप इस बात पर अपने परिवार के सदस्यों से अत्यधिक क्रोधित हो जाते हैं तो ऐसे में आपको अपने हाथ में चाँदी का कड़ा अवश्य रूप से धारण करना चाहिए।

इसके अलावा यदि आप अपने हाथ मे चांदी का कड़ा नहीं पहन सकते है तो आप अपने पर्स में चांदी पर एक चंद्र यंत्र बनवाकर भी हमेशा अपने साथ रख सकते हैं।

इन दोनों ही उपायों को करने से आपकी बात आपके सभी घर परिवार तथा ऑफिस के लोग मानेंगे साथ ही आप अपने अत्यधिक क्रोध आने की आदत पर नियंत्रण रख पायेंगे।

क्रोध की शांति के लिए दीपक अवश्य जलाएं

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यदि आपको प्रतिदिन किसी न किसी छोटी-मोटी बात पर भी क्रोध आने लग रहा है तो ऐसे में आपको अपने घर में सुबह और शाम दोनो ही समय में अपने घर के पूर्व दिशा में दीपक अवश्य जलाना चाहिए यह उपाय करने से आप अपने गुस्से को अवश्य काबू में रख सकते हैं।

यदि कोई जातक नौकरी कर रहे हैं तो आपको अपने कार्यस्थल और यदि आप अपने घर पर भी रह रहे हैं तो अपने आस-पास हुई गंदगी का विशेष रूप से ख्याल रखना चाहिए अन्यथा इस कारण से भी आप कभी-कभी क्रोधित हो सकते हैं।

इसके अलावा यदि कोई जातक अत्यधिक क्रोधित होता रहता है तो उन्हें अपने घर-परिवार, अपने कार्यस्थल तथा अपने आस-पास आने जाने वाली महिलाओं का विशेष रूप से ख्याल रखना चाहिए। उनका कभी भी अपमान नही करना चाहिए। इन उपायों को करने के साथ सूर्यदेव को नियमित रूप से जल अर्पित करना चाहिए ऐसा करने से आप अपने क्रोध पर जल्द ही नियंत्रण पा सकते हैं।

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अपने क्रोध को काबू में रखने के लिए हनुमान जी कि नियमित रूप से उपासना करनी चाहिए साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ भी करना चाहिए इसके अलावा अपने प्रतिदिन की दिनचर्या में लाल रंग का प्रयोग कम से कम करना चाहिए। इन उपायों को करना आपके लिए अत्यधिक सहायक हो सकता है।

क्रोध की शांति के लिए गणेश जी की आकृति वाला लाल मूंगे का पेंडेंट गले में धारण करें

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यदि किसी जातक को अत्यधिक क्रोध आता है और वह व्यक्ति बहुत ही छोटी-छोटी बातों पर क्रोधित हो जाता है तो, आपको बता दें एक व्यक्ति अत्यधिक क्रोधित और गुस्से वाला तब बनता है जब कभी उनकी जन्मकुण्डली में मंगल ग्रह और चंद्रमा का तालमेल बहुत अच्छा नही होता है। अतः जातक की जन्म कुण्डली में यदि मंगल ग्रह किसी भी स्थान पर उग्र अवस्था में है तो ऐसा व्यक्ति अवश्य रुप से क्रोधी स्वभाव वाला होता है।

इसके अलावा यदि मंगल ग्रह आपकी कुण्डली के लग्न में ही उपस्थित है तो ऐसा जातक अत्यधिक क्रोधित होकर किसी बुरे परिणाम की परवाह नही करता है बल्कि जितना बुरा हो सके उतना बुरा करता है इसलिए अपने क्रोध को नियंत्रित करने के लिए मंगल ग्रह को अपनी कुण्डली में शांत करना बहुत ही ज्यादा आवश्क होता है।

अतः इन सभी से निपटने और अपने क्रोध को हमेशा के लिए शांत रखने के लिए गणेश जी की आकृति वाला लाल मूँगा पेंडेंट में बनवाकर अपने गले में धारण करना चाहिए। ऐसा करने से आपकी कुण्डली में मंगल ग्रह संतुलित होगा साथ ही क्रोध आने के कारण आपको किसी प्रकार की हानि का भी सामना नही करना पड़ेगा।