☸जैसा की आपको बताया गया था की योगी आदित्यनाथ की केतु की दशा होने वाली है समाप्त। यह महत्वपूर्ण क्यों है क्योंकि जब यह चुनाव चल रहे थे और विधानसभा चुनाव में यह बताया गया था की अगर यह भविष्यवाणी गलत हो जायेगी तो भविष्यवाणी करना छोड़ दूंगा। आगे आने वाला समय कैसा होगा इसको समझते हैं। बात करें शनिदेव की तो शनिदेव इस समय न्याय की प्रक्रिया में चल रहें है। जैसा आपने अतीक के बारे में भी देखा होगा। न्याय की प्रक्रिया में चलने के कारण सभी को ही न्याय अवश्य मिलेंगे। न्याय की प्रक्रिया इतनी तेजी से चल रही है की आने वाले समय में पाल घर के जो साधू थे जिनकी हत्या हो गई थी उनको भी इंसाफ मिलने का समय आ चुका है और साथ में एक बार पुनः सुशांत सिंह राजपूत के केस का दोबारा से खुलासा होने वाला हैं।
☸यहाँ हम माननीय योगी आदित्यनाथ जी की बात कर रहे हैं जिन्होंने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को पूरी तरीके से दुरुस्त कर रखा है। जब केतु की महादशा प्रारम्भ हुई थी 2017 में तब यह मुख्यमंत्री बने उससे पहले यह केवल संसद के सदस्य थे। जैसे ही यह मुख्यमंत्री बने 2017 से लेकर 2024 तक केतु की महादशा पूरे 7 वर्षो तक रहती है। इनका 7 वाँ वर्ष अब खत्म होने वाला है 24 फरवरी 2024 में तो इनकी महादशा खत्म होकर शुक्र की महादशा प्रारम्भ हो जायेगी। तो आइए हम समझते हैं कि यह जो महादशा का बचा हुआ समय है उसका क्या प्रभाव होगा हमारे योग्य ज्योतिषाचार्य के. एम. सिन्हा जी के द्वारा किये गये विश्लेषणों से ।
☸इनकी कुण्डली सिंह लग्न की है और सिंह लग्न के जो लग्नेश होते हैं वह सूर्य है। सूर्य स्वयं कुण्डली के दशम भाव में जाकर बैठे हैं और दशम भाव में सूर्य और मंगल का दिशात्मक बल बहुत ज्यादा मजबूत होता है और यह बहुत ही ज्यादा शक्तिशाली माना जाता है इसी कारण जब सूर्य से इनका शरीर बना हुआ है तो इनका शरीर कभी फैटी होते हुए नही देखियेगा। हमेशा इनका शरीर दुबला पतला रहेगा क्योंकि सूर्य यहाँ अग्नि तत्व होता है और सूर्य खुद दशम भाव में बैठा है कार्यक्षेत्र में कठोरता रहेगी इसके अलावा सूर्य का जो प्रभाव होता है वह प्रशासन के लिए भी होता है । इसलिए सी.एम का जो कुण्डली में योग होता है उसके लिए सूर्य जिम्मेदार होता है यदि सूर्य खुद लग्नेश होकर लग्न में बैठा हो और बहुत अच्छे जगह पर हो डिग्री वाइस बलाबल बहुत अच्छा हो, दिशात्मक बल अच्छा हो तो ऐसे में सीएम के पद पर और कठोर कार्य करते हैं क्योंकि सूर्य एक राजा ग्रह होता है इसलिए इनके कार्य भी शेर जैसे दिखाई देते हैं। योगी आदित्यनाथ कर्म और लग्न दोनो से ही शेर है।
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☸यहाँ पर इनकी कुण्डली में केतु की जो महादशा चली थी तो इनको तुरंत अपने गोरखपुर का क्षेत्र छोड़कर अपने कार्यस्थल लखनऊ जाना पड़ा और इनका सीएम बनना एक प्रकार से केतु के कारण अचानक से परिवर्तन करना है। अचानक से हुए परिवर्तन के कारण ही यह सीएम के पद पर नियुक्त हुए यानि कर्म स्थान को लेकर स्थान परिवर्तन हो गया।
☸बात करते हैं शुक्र की महादशा जो चलेगी क्योंकि कुण्डली में शुक्र वक्री भी है और वक्री शुक्र होकर इनकी जो दिशा है वह द्वादश स्थान पर जा रही है साथ ही केतु के साथ शुक्र युति भी करने वाले हैं। इसके अलावा जब शुक्र की महादशा की शुरुआत होगी तो सबसे पहला जो प्रभाव देंगे वह मान-पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी साथ में मान-पद-प्रतिष्ठा को लेकर विदेश में ले जायेंगे जिसके कारण पूरे देश में इनका जो नाम होगा बहुत तेजी से बढ़ता हुआ दिखाई देगा परन्तु शुक्र की महादशा से पहले अभी एक खतरनाक समय बचा हुआ है जो कि 2024 के फरवरी तक है।
☸हो सकता हो इन खतरनाक समय में इनके साथ कोई हमला हो और यह भी केतु के अन्दर बुध में आने के कारण जरूर बन रहा है क्योंकि यहाँ पर केतु अलगाव करता है और केतु हमेशा बदलाव लाता है जब केतु की महादशा की शुरुआत हुई थी तब भी बदलाव लाया और इसकी समाप्ति से भी कोई न कोई बदलाव लायेगा तो यहाँ पर किसी प्रकार की परेशानियाँ सितम्बर, अक्टूबर के आस-पास 2023 में देखने को मिलेगी अगर ऐसा नहीं होता है तो कोई दिक्कत नहीं है और शुक्र की महादशा जब चलेगी तो यह नेम-फेम को लेकर विदेश में जाना यानि पूरे विश्व में इनका डंका गूँजने वाला है और साथ में देखा जाए तो कुण्डली से 2 नम्बर यानि द्वितीय भाव इसके मालिक भी द्वादश भाव में अग्रसर रहेंगे तो इनका जो पूरा क्षेत्र रहेगा वक्री शुक्र के प्रभाव में होने के कारण इनका प्रभाव पूरे विश्व में गूँजेगा और आने वाले समय 2025 में कुछ ऐसी अकस्मात घटना होगी जिसमें ये प्रधानमंत्री बन जायेंगे।