माघ पूर्णिमा के दिन बन रहे शुभ संयोगः-
इस साल माघ पूर्णिमा के दिन आयुष्मान योग व सौभाग्य योग का अद्भुत संयोग बन रहा है। आयुष्मान योग 05 फरवरी को दोपहर 02 बजकर 42 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा इस दिन सूर्य पुष्य योग व सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहे है जिसके कारण इस दिन का महत्व और बढ़ रहा है।
आयुष्मान और सौभाग्य योग का महत्वः-
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार योग में किए गये शुभ कार्य लम्बे समय तक शुभ परिणाम प्रदान करते है। वही सौभाग्य योग को ज्यादातर शुभ कार्यों के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। इसकेअलावा जातकों को सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होगी तथा घर-परिवार में खुशियों का माहौल बना रहेगा।
माघ पूर्णिमा पर करें यह महत्वपूर्ण कार्यः-
☸इस दिन पवित्र नदियों और सरोवरों में स्नान का बहुत महत्व है इसलिए इस दिन गंगा, यमुना समेत किसी भी पवित्र नदी या सरोवर में स्नान अवश्य करना चाहिए। अगर संभव न हो तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर सकते है। ऐसा करने से जातक के पिछले जन्म के पाप भी धुल जाते है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का खास महत्व है, पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है और उनके जीवन के सभी दुख दूर हो जाते है।
☸इस दिन भगवान सत्य नारायण की पूजा और कथा करने का भी विधान है। माघ पूर्णिमा के दिन घी का अखंड दीपक जलाएं और फिर भगवान सत्य नारायण की कथा करवाएं इससे भक्तो पर माता लक्ष्मी की कृपा बरसती है।
☸माघ पूर्णिमा पर पीपल के पेड़ की पूजा करने का विशेष महत्व माना गया है और पीपल का पेड़ भगवान विष्णु को विष्णु प्रिय है इसलिए पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ पर दूध मिश्रित जल चढ़ाएं और घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से भगवान विष्णु के साथ-साथ पितृगणों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
क्या होता है कल्पवासः-
प्रयागराज में प्रति वर्ष माघ पूर्णिमा पर मेला लगता है जिसको कल्पवास कहा जाता है। इसमे देश-विदेश से श्रद्धालु शामिल होते है। प्रयागराज में कल्पवास की परम्परा सदियों से चली आ रही है। इसका समापन माघ पूर्णिमा के दिन स्नान के साथ होता है। इस माघ मास संगम के तट पर निवास कर वेदों का अध्ययन और ध्यान करना कल्पवास धैर्य, अहिंसा और भक्ति का संकल्प होता है।