आज के युग में नरेन्द्र मोदी जी को कौन नही जनता है, वर्तमान में मोदी जी एक प्रसिद्ध नेता हैं, जो भारत के प्रधानमंत्री पद पर कार्यरत हैं। इनका यश चारों दिशाओं में फैला हुआ है लेकिन क्या आप जानते हैं मोदी जी की कुण्डली में एक से बढ़कर एक राजयोग हैं, इसके बावजूद भी उनका बचपन बहुद दुखद रहा और उनकी आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि उन्होंने अपना जीपन यापन चाय बेचकर किया, तो आज हम Famous Astrologer K.M.Sinha जी से जानेंगे कि आखिर क्यों इनका बचपन इतना गरीबी में बीता-
Date of Birth- 17 September 1950
Time of Birth – 11:00 AM
Place of Birth – Mehsana, Gujraat
नरेन्द्र मोदी जी का राशि चिन्ह
लग्न- वृश्चिक
लग्नेश – मंगल
चन्द्र राशि – वृश्चिक
नक्षत्र- अनुराधा
ज्योतिष शास्त्र के एक प्राचीन ग्रंथ शिव जातकम् में कहा गया है कि,
लग्नाधिप:कोणपसंयुतश्चेद् ददाति।
सौभाग्यमतीव कीर्तिम।।
साम्राज्यलाभं च सुधर्मलाभं।
दीर्घायुराप्तिश्च सदा नराणाम्।।
अर्थात, यदि लग्नेश त्रिकोणेश के साथ हो तो यह ग्रह योग जातक को अत्यधिक प्रसिद्धि, सौभाग्य, धार्मिक लाभ, दीर्घायु और साम्राज्य प्रदान करता है।
मोदी जी की कुंडली में यह सिद्धांत पूरी तरह से लागू होता है। उनकी जन्म कुंडली में लग्नेश मंगल नवमेश चंद्रमा के साथ स्थित हैं। जैसे ही उनकी चंद्रमा की दशा प्रारंभ हुई, वे भारतीय राजनीति के आकाश में एक दीप्तिमान सूर्य की तरह उदित हुए और पूरे राजनीतिक क्षेत्र को अपने तेज से आलोकित कर दिया।
कुण्डली में बने प्रमुख राजयोग
✨ गजकेसरी योग
✨ रूचक योग
✨ नीचभंग राजयोग
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, जिन व्यक्तियों की कुंडली में गजकेसरी योग, रूचक योग, नीचभंग राजयोग या लक्ष्मी योग जैसे राजयोग होते हैं, वे बेहद प्रभावशाली माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि ऐसे व्यक्ति जितना अधिक विरोध का सामना करते हैं, वे उतनी ही ऊंचाइयों को छूते हैं। नरेंद्र मोदी जी के जीवन में भी यही देखा गया है।
मोदी जी का बचपन आखिर क्यों गुजरा गरीबी में
कुण्डली का द्वितीय भाव धन भाव होता है और मोदी जी की कुण्डली में धन भाव का स्वामी गुरू है, जो चतुर्थ भाव में विराजमान है और इस पर शनि की दृष्टि पड़ रही है। गुरु और शनि दोनों भावी ग्रह हैं और जब दो भावी ग्रह एक साथ युति कर रहे हों या एक -दूसरे से दृष्ट हों तो परिणाम विलम्ब से मिलता है तथा शनि विलम्ब के लिए भी जाना जाता है इसलिए मोदी जी को विलम्ब से सफलता मिली और उनका बचपन गरीबी में गुजरा।
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मोदी जी ने क्यों चुना राजनीति क्षेत्र ?
राहु राजनीति का कारक माना जाता है। पंचम भाव में स्थित राहु व्यक्ति को राजनीति में ले जाता है और भावी नेता बनाता है। मोदी जी की कुण्डली में राहु पंचम भाव में स्थित है तथा शनि न्याय एवं कर्म के देवता माने जाते हैं, जो मोदी जी की कुण्डली में दशम भाव में स्थित हैं इसलिए मोदी जी न्याय प्रिय और भावी नेता के रूप में प्रसिद्ध हैं ।
मोदी जी क्यों हैं इतने धार्मिक
गुरु ग्रह को धर्म एवं अध्यात्म से जोड़ा गया है। गुरु राहु से द्वादश भाव में विराजमान है जबकि राहु, गुरु की राशि में विराजमान है और इसकी दृष्टि धर्म भाव अर्थात नवम भाव पर पड रही है इसलिए, मोदी जी की रूचि धार्मिक कार्यों में अधिक है और वे धर्म का पालन पूर्ण रूप से करते हैं। दोनों ग्रहों की इस स्थिति में जब तक मोदी जी राजनीति में कार्य करेंगे तब तक, वह योग, प्राणायाम, आदि में भी अधिक रुचि रखेंगे । साथ ही धर्म भाव का स्वामी चन्द्रमा स्वयं लग्न में विराजमान और गुरू से दशम भाव में स्थित होकर गजकेसरी योग का निर्माण कर रहा है इसलिए पूजा -पाठ में अधिक रुचि रहेगी।
वैवाहिक जीवन क्यों नहीं हुआ सफल ?
कुण्डली का सप्तम भाव वैवाहिक जीवन को बताता है। सप्तम भाव का कारक एवं स्वामी शुक्र, शनि से युति कर रहा है तथा शनि की दसवीं दृष्टि सप्तम भाव पर है। केतु जो अलगाव और असंतोष का कारक माना जाता है, उसकी दृष्टि भी सप्तम भाव पर है। शनि-शुक्र की युति यहां अच्छी नहीं है जिसके कारण मोदी जी का वैवाहिक जीवन सफल नही हो पाया है।
Disclaimer:
यह विश्लेषण केवल शैक्षणिक और जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की कुंडली का यह अध्ययन सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी पर आधारित है और किसी भी प्रकार की व्यक्तिगत भविष्यवाणी करने का प्रयास नहीं करता। इस लेख का उद्देश्य किसी की निजी जानकारी को उजागर करना नहीं है। पाठकों से अनुरोध है कि वे इस जानकारी को मनोरंजन और ज्ञानवर्धन के लिए लें और इसे व्यक्तिगत निर्णय लेने के लिए उपयोग न करें। ज्योतिषीय सलाह के लिए हमेशा एक पेशेवर ज्योतिषी से परामर्श करें। किसी भी प्रकार की हानि के लिए लेखक और प्रकाशक जिम्मेदार नहीं हैं।