यशोदा जयंती 2025: महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
तारीख: 18 फरवरी 2025
दिन: मंगलवार
विशेषता: यह दिन भगवान श्रीकृष्ण की माता यशोदा के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने का अवसर है।
यशोदा जयंती का महत्व
यशोदा जयंती, भगवान श्रीकृष्ण की पालनहार और उनकी माता यशोदा को समर्पित है। यह दिन मातृत्व, निस्वार्थ प्रेम और भक्ति का प्रतीक है। इस पर्व का धार्मिक महत्व गहरा है क्योंकि माता यशोदा ने अपनी ममता से श्रीकृष्ण को पालन-पोषण दिया। यह दिन उन माताओं के लिए विशेष प्रेरणा देता है जो अपने बच्चों के लिए त्याग और प्रेम का उदाहरण प्रस्तुत करती हैं।
यशोदा जयंती पर माता यशोदा और बाल कृष्ण की पूजा से व्यक्ति को पारिवारिक सुख, संतान की सफलता और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।
पूजा विधि
यशोदा जयंती पर पूजा करते समय निम्नलिखित विधि का पालन करें:
- स्नान और शुद्धिकरण:
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और घर की सफाई करें।
- पूजा स्थल को गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें।
- माता यशोदा और श्रीकृष्ण की स्थापना:
- पूजा स्थल पर माता यशोदा और बालकृष्ण की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- मूर्ति पर चंदन, हल्दी और रोली से तिलक करें।
- धूप और दीप प्रज्वलन:
- धूप और दीप जलाकर वातावरण को पवित्र करें।
- भोग और प्रसाद:
- माता यशोदा और बाल कृष्ण को माखन-मिश्री, केले और अन्य फलों का भोग लगाएं।
- पंचामृत तैयार करें और उसका उपयोग अभिषेक के लिए करें।
- मंत्र जाप:
- यशोदा माता की स्तुति और श्रीकृष्ण के मंत्रों का जाप करें।
- “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
- कथा श्रवण:
- यशोदा माता और बालकृष्ण की लीलाओं से जुड़ी कथाओं का श्रवण करें।
- आरती:
- माता यशोदा और श्रीकृष्ण की आरती करें।
- घर के सभी सदस्यों के साथ मिलकर भजन-कीर्तन करें।
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शुभ मुहूर्त
यशोदा जयंती 2025 के दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं:
षष्ठी तिथि प्रारम्भ – फरवरी 18, 2025 को 04:53 ए एम बजे
षष्ठी तिथि समाप्त – फरवरी 19, 2025 को 07:32 ए एम बजे
व्रत और पूजा का फल
यशोदा जयंती पर व्रत रखने और पूजा करने से निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं:
- संतान सुख और उसकी दीर्घायु।
- पारिवारिक जीवन में शांति और सामंजस्य।
- मनोकामनाओं की पूर्ति और आध्यात्मिक उन्नति।
- भक्ति और श्रद्धा में वृद्धि।
विशेष टिप्स
- इस दिन ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान दें।
- जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और धन का दान करें।
- तुलसी की पूजा करें और भगवान श्रीकृष्ण को तुलसी दल अर्पित करें।
निष्कर्ष
यशोदा जयंती एक ऐसा पर्व है जो मातृत्व और निस्वार्थ प्रेम की भावना को मजबूत करता है। इस दिन माता यशोदा और श्रीकृष्ण की पूजा करने से भक्तों को ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस शुभ अवसर पर भक्ति और श्रद्धा से पूजा करें और अपने जीवन को आध्यात्मिक रूप से समृद्ध बनाएं।
शुभ यशोदा जयंती!