ललही छठ 2024: डेट, मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

ललही छठ का महत्व:

ललही छठ, जिसे हलषष्ठी व्रत भी कहते हैं, भाद्रपद कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। यह व्रत संतान सुख और परिवार की खुशहाली के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। विशेष रूप से पुत्रवती महिलाएं इस व्रत को अपने संतान की दीर्घायु और सुख-सौभाग्य के लिए करती हैं। मान्यता है कि जो महिलाएं इस व्रत को सच्चे मन से करती हैं, उनकी संतान को लंबी उम्र और तरक्की मिलती है, साथ ही धन-समृद्धि भी प्राप्त होती है।

ललही छठ 2024 का मुहूर्त:

तिथि का आरंभ: 24 अगस्त 2024 को सुबह 7:51 बजे

तिथि का समापन: 25 अगस्त 2024 को सुबह 5:30 बजे

इस दिन बलराम, हल और ललही माता की पूजा की जाती है। यह निराहार व्रत होता है, जिसमें हले से बोई अन्न या सब्जी नहीं खाई जाती। भैंस के दूध का सेवन किया जाता है। महिलाएं भैंस के दूध से बने दही और महुआ को पलाश के पत्ते पर खाती हैं।

ललही छठ पूजा सामग्री:

✨ भैंस का दूध, घी, दही और गोबर

✨ महुए का फल, फूल और पत्ते

✨ ज्वार की धानी, ऐपण

✨ मिट्टी के छोटे कुल्हड़

✨ देवली छेवली, तालाब में उगा हुआ चावल

✨ भुना हुआ चना, घी में भुना हुआ महुआ

✨ लाल चंदन, मिट्टी का दीपक, सात प्रकार के अनाज

✨ धान का लाजा, हल्दी, नया वस्त्र, जनेऊ और कुश

ललही छठ व्रत विधि:

  1. सुबह की तैयारी:

   सुबह जल्दी उठकर महुए की दातून से दांत साफ करें।

   स्नान करके व्रत का संकल्प लें।

  1. पूजा स्थल की तैयारी:

   पूजा घर में भैंस के गोबर से दीवार पर छठ माता का चित्र बनाएं।

   हल, सप्त ऋषि, पशु और किसान का भी चित्र बनाएं।

   घर में तैयार ऐपण से इन सभी की पूजा करें।

  1. पूजा की विधि:

   ✨ एक चौकी पर एक कलश रखें।

   ✨ भगवान गणेश और माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें और उनकी विधि-विधान पूजा करें।

   ✨ एक मिट्टी के कुल्हड़ में ज्वार की धानी और महुआ भरें।

   ✨ एक मटकी में देवली छेवली रखें और हल छठ माता की पूजा करें।

   ✨ कुल्हड़ और मटकी की विधि-विधान पूजा करें।

  ✨  सात प्रकार के अनाज (गेहूं, मक्का, जौ, अरहर, मूंग और धान) चढ़ाएं।

  ✨  धूल के साथ भुने हुए चने चढ़ाएं।

  ✨  आभूषण और हल्दी से रंगा हुआ वस्त्र चढ़ाएं।

   ✨ भैंस के दूध से बने मक्खन से हवन करें।

✨  अंत में छठ की कथा पढ़ें और माता पार्वती की आरती उतारें।

  1. अंतिम चरण:

पूजा स्थान पर ही बैठकर महुए के पत्ते पर महुए का फल और भैंस के दूध से निर्मित दही का सेवन करें।

ललही छठ व्रत धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है और यह संतान सुख प्राप्त करने के लिए विशेष रूप से किया जाता है। इस व्रत के माध्यम से परिवार में सुख-समृद्धि और शांति की कामना की जाती है।

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