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शबरी जयंती 2025: संपूर्ण जानकारी, महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

शबरी जयंती 2025: संपूर्ण जानकारी, महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

शबरी जयंती 2025: संपूर्ण जानकारी, महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

शबरी जयंती हिंदू धर्म का एक विशेष पर्व है, जो भक्त शबरी माता के जीवन और उनकी भक्ति को सम्मानित करता है। यह त्योहार उन सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो सच्चे समर्पण और भक्ति के मार्ग पर चलना चाहते हैं। वर्ष 2025 में यह पवित्र दिन 20 फरवरी को मनाया जाएगा। इस लेख में हम शबरी जयंती के ऐतिहासिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व, पूजा की प्रक्रिया, कथा, शुभ मुहूर्त और इससे जुड़े विशेष कार्यों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

शबरी माता: भक्ति का जीवंत उदाहरण

शबरी माता रामायण के एक प्रमुख पात्रों में से एक थीं। उनकी कथा वाल्मीकि रामायण के अलावा तुलसीदास रचित रामचरितमानस में भी वर्णित है।

शबरी माता और श्रीराम की भेंट

शबरी जयंती 2025: संपूर्ण जानकारी, महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
शबरी जयंती 2025: संपूर्ण जानकारी, महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

 

शबरी माता और भगवान श्रीराम की भेंट अध्यात्म और भक्ति का सबसे सुंदर उदाहरण है। जब श्रीराम और लक्ष्मण सीता माता की खोज में ऋषि मतंग के आश्रम पहुंचे, तो शबरी माता ने उनका स्वागत किया।

शबरी जयंती का आध्यात्मिक महत्व

शबरी जयंती हमें सिखाती है कि ईश्वर तक पहुंचने का मार्ग जाति, वर्ग या संपत्ति पर निर्भर नहीं करता, बल्कि सच्चे हृदय और निस्वार्थ प्रेम से होता है।

शबरी जयंती 2025 का शुभ मुहूर्त

सप्तमी तिथि प्रारम्भ – फरवरी 19, 2025 को 07:32 ए एम बजे

सप्तमी तिथि समाप्त – फरवरी 20, 2025 को 09:58 ए एम बजे

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शबरी जयंती पर पूजा विधि

शबरी जयंती पर पूजा में विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक है।

  1. प्रारंभिक तैयारी:
    • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
    • घर के पूजा स्थल को साफ करें और गंगाजल छिड़कें।
    • शुद्ध वस्त्र धारण करें।
  2. पूजा सामग्री एकत्र करें:
    पूजा के लिए निम्न सामग्री की आवश्यकता होती है:
    • भगवान राम और शबरी माता की प्रतिमा या चित्र
    • दीपक, धूप, और अगरबत्ती
    • लाल और पीले फूल
    • बेर, नारियल, और नैवेद्य
    • रामचरितमानस या रामायण की पुस्तक
  3. मूर्ति स्थापना और पूजा:
    • शबरी माता और भगवान श्रीराम की मूर्ति या चित्र को पूजा स्थान पर स्थापित करें।
    • दीप प्रज्वलित करें और धूप-अगरबत्ती जलाएं।
    • फूल, बेर, और नैवेद्य अर्पित करें।
  4. शबरी माता की कथा श्रवण करें:
    • शबरी माता की कथा सुनें या स्वयं पढ़ें।
    • रामायण का पाठ करें।
  5. भजन और आरती:
    • भगवान राम और शबरी माता की आरती करें।
    • भक्ति भजन गाएं।
  6. दक्षिणा और दान:
    • जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र, और धन का दान करें।

शबरी जयंती पर विशेष कार्य

  1. रामचरितमानस का पाठ:
    इस दिन रामचरितमानस के सुंदरकांड का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
  2. भोजन दान:
    गरीबों और भूखों को भोजन कराना पुण्य का कार्य है।
  3. ध्यान और जप:
    “श्री राम जय राम जय जय राम” का जाप करें।
  4. आध्यात्मिक चर्चा:
    शबरी माता की कथा पर आधारित चर्चा और सत्संग का आयोजन करें।

शबरी जयंती का सामाजिक संदेश

शबरी माता की कथा जाति और सामाजिक भेदभाव के खिलाफ एक मजबूत संदेश देती है।

शबरी जयंती और आधुनिक युग में भक्ति का महत्व

आज के समय में शबरी माता की भक्ति हमें सिखाती है कि हमें अपनी आध्यात्मिकता को बाहरी दुनिया की अपेक्षाओं से प्रभावित नहीं होने देना चाहिए।

निष्कर्ष

शबरी जयंती न केवल धार्मिक बल्कि आध्यात्मिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह दिन हमें निस्वार्थ भक्ति, प्रेम और समर्पण का महत्व सिखाता है। 2025 में इस शुभ अवसर पर, भगवान श्रीराम और शबरी माता की पूजा करें, उनकी कथाओं का श्रवण करें, और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को बेहतर बनाएं।

जय श्रीराम, जय माता शबरी!”

 

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