हिन्दू दर्शन में सृष्टि और मानव जीवन के हर पहलू को तीन प्रमुख गुणों के माध्यम से समझाया गया है: सत्त्व, रजो और तम। ये तीन गुण (त्रिगुण) प्रत्येक व्यक्ति के जीवन और उसकी मानसिक स्थिति को प्रभावित करते हैं। आइए इन तीनों गुणों को उदाहरण सहित समझते हैं By Famous Astrologer K.M.Sinha
-
सत्त्व गुण (शुद्धता और संतुलन)
सत्त्व गुण ज्ञान, शांति, शुद्धता और संतुलन का प्रतीक है। यह गुण व्यक्ति को सकारात्मक, सुसंस्कृत और शांतिपूर्ण बनाता है। सत्त्व गुण से व्यक्ति में करुणा, दया और प्रेम की भावना उत्पन्न होती है।
उदाहरण:
एक योगी जो ध्यान और आध्यात्मिक साधना में लीन रहता है, सत्त्व गुण के प्रभाव में होता है। वह हर परिस्थिति में शांत और संतुलित रहता है और उसकी सोच स्पष्ट और सकारात्मक होती है। जैसे एक व्यक्ति जो समाज की भलाई के लिए निस्वार्थ सेवा करता है, जिसमें अहंकार और लोभ नहीं होता, वह सत्त्व गुण के प्रभाव में होता है।
Download the KUNDALI EXPERT App
-
रजो गुण (क्रियाशीलता और कामना)
रजो गुण उत्साह, क्रियाशीलता और भौतिक वस्त्रों की कामना का प्रतीक है। यह गुण व्यक्ति को सक्रिय और लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रेरित करता है, लेकिन यह भौतिक सुख-सुविधाओं और सफलता की इच्छा को भी बढ़ावा देता है। रजो गुण से व्यक्ति में बेचैनी, अहंकार और लालच की भावना उत्पन्न हो सकती है।
उदाहरण:
एक व्यवसायी जो दिन-रात मेहनत करता है, अपने व्यवसाय को ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए, वह रजो गुण के प्रभाव में होता है। उसका मुख्य लक्ष्य सफलता और समृद्धि प्राप्त करना है और इसके लिए वह निरंतर क्रियाशील रहता है। जैसे कोई व्यक्ति जो अपने करियर में सफलता पाने के लिए कठिन परिश्रम करता है और अपने लक्ष्यों को पाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहता है, वह रजो गुण के प्रभाव में होता है।
Download the KUNDALI EXPERT App
-
तम गुण (अज्ञान और जड़ता)
तम गुण अज्ञान, जड़ता, आलस्य और नकारात्मकता का प्रतीक है। यह गुण व्यक्ति को निष्क्रिय, उदासीन और नकारात्मक विचारों से भर देता है। तम गुण से व्यक्ति में अवसाद, भय और अज्ञान की भावना उत्पन्न होती है।
उदाहरण:
एक व्यक्ति जो हमेशा नकारात्मक सोचता है और किसी भी काम को करने में असमर्थ रहता है, वह तम गुण के प्रभाव में होता है। वह आलसी होता है और जीवन में कुछ भी करने की प्रेरणा नहीं होती। जैसे कोई व्यक्ति जो हमेशा सोता रहता है, किसी भी काम में रुचि नहीं रखता और दूसरों को नुकसान पहुंचाने में आनंद महसूस करता है, वह तम गुण के प्रभाव में होता है।
सृष्टि और मानव जीवन को सत्त्व, रजो और तम गुणों के माध्यम से समझना हमें अपनी आंतरिक स्थिति को जानने में मदद करता है। सत्त्व गुण हमें आत्मा की शुद्धता और संतुलन की ओर ले जाता है, रजो गुण हमें क्रियाशीलता और कामना की दिशा में प्रेरित करता है और तम गुण हमें अज्ञान और जड़ता की ओर खींचता है। एक स्वस्थ और संतुलित जीवन के लिए सत्त्व गुण का विकास करना महत्वपूर्ण है, जबकि रजो और तम गुणों को संतुलित और नियंत्रित रखना चाहिए।
Download the KUNDALI EXPERT App