हस्तरेखा ज्ञान से जातक की हथेली में बनी हुई रेखाओं से जातक के भाग्य के बारे में पता लगाया जाता है। हस्तरेखा शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि सभी जातकों की हथेली की रेखाओं की बनावट अलग-अलग होती है। जैसे किसी जातक के हथेली में रेखाएं सीधी होती है तो किसी जातक के हथेली में टेढ़ी-मेढ़ी रेखाएं होती हैं। किसी जातक की हथेली में लकीरों का उभार ज्यादा होता है तो किसी जातक के हथेली में उभार बेहद कम होता है। हालांकि हस्तरेखा ज्ञान का अपना एक अलग महत्व होता है हालांकि हस्तरेखा ज्ञान जिसकी सहायता से जातकों के आचरण के बारे में भी काफी कुछ पता लगाया जा सकता है।
आने वाली संकट का अवगत कराती हैं ये रेखाएं
अधिकांश लोग अपने भविष्य को जानने के लिए उत्सुक रहते हैं इस मामलें में हस्त रेखा ज्योतिष पर किया जा सकता है जो हाथ की रेखाओं व चिन्हों के आधार पर जातक के भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में बताता है हथेली की रेखाएं लोगों के अच्छे और बुरे भाग्य के बारे में बताती हैं यहां जाने हाथ की ऐसी रेखाओं के बारे में जो दुर्भाग्य का संकेत देती है।
जीवन रेखा को काटने वाली बाधा रेखा
हथेली में ये रेखाएं जीवन रेखा को क्रास करते हुए निकलती है जीवन रेखा को काटने वाली छोटी रेखाएं बाधा रेखाएं कहलाती हैं। इन बाधा रेखाओं से किसी जातक की मृत्यु के बारे में पता चलता है।
वृत रेखा भी देती है परेशानियां
जातक के हाथ में कुल सात पर्वतों का जिक्र हस्त रेखा ज्योतिष में किया गया है। हर पर्वत का अपना स्थान होता है लेकिन यदि पर्वत पर वृत रेखा या गोल घेरे जैसी रेखाएं हों तो सकारात्मक प्रभाव कम हो जाता है लेकिन यदि गुरु पर्वत पर वृत रेखा हो तो यह शुभ परिणाम देती है।
दीप चिन्ह
हर जातक के हाथ में अलग-अलग तरह के चिन्ह भी होते है। ज्योतिष में 8 विशेष चिन्हों का जिक्र किया गया है उसमें से एक चिन्ह दीप चिन्ह के समान भी होता है। अगर किसी जातक की हथेली पर दीप चिन्ह होता है तो यह दुर्भाग्य का प्रतीक होता है। जातक को जीवन में असफलता का सामना करना पड़ता है।
स्वास्थ्य रेखा
स्वास्थ्य रेखा से जीवन रेखा का न मिलना शरीर, दीर्घायु और शक्ति का प्रतीक हैं। जीवन रेखा और स्वास्थ्य रेखा आपस में मिल जाती हैं तो स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानी उत्पन्न हो जाती है। जातक किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हो जाता है।