01 मार्च 2024 यशोदा जयंती

हिन्दू धर्म में फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को यशोदा जयंती का यह उत्सव मनाया जाता है। आपको बता दें यह जयंती विशेष रूप से माता यशोदा के जन्म दिवस के दिन मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन सभी महिलाएं उपवास रखकर भी अपने संतान के सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। इसके अलावा संतान सुख से वंचित जातकों को इस दिन श्रद्धापूर्वक माँ यशोदा जयंती का व्रत रखना ऐसा करने से उन्हें संतान सुख की प्राप्ति होती है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण को अपने पुत्र के रूप में पाने के लिए माँ यशोदा ने भगवान विष्णु जी की कठिन तपस्या की माँ यशोदा की तपस्या से प्रसन्न होकर विष्णु जी नें उन्हें वर माँगने को कहा तो माँ यशोदा नें उन्हें अपने घर में संतान के रूप में आने को कहा। यह सुनते ही भगवान विष्णु जी ने देवकी और वासुदेव की संतान के रूप में कृष्ण अवतार लिया जिन्हें स्वयं वासुदेव ने माँ यशोदा के पास पहुँचाया था।

माँ यशोदा जयंती पूजा विधि

☸ माँ यशोदा जयंती के दिन प्रातः काल उठकर सुबह स्नानादि करके माँ यशोदा का ध्यान करें।

☸ पूजा स्थल को साफ-सुथरा करके भगवान श्री कृष्ण की तस्वीर उत्तर दिशा में माँ यशोदा के गोद में रखें या फिर माँ यशोदा के गोद में श्री कृष्ण की मूर्ति लाकर रखें।

☸ माँ यशोदा को लाल चुनरी चढ़ाकर उनके समक्ष एक दीप प्रज्जवलित करें।

☸ उसके बाद माता यशोदा की पूजा पुष्प, फल, धूप, भोग, अक्षत, कुमकुम इत्यादि से पूरे विधि-विधान से करके पान और सुपारी अवश्य चढ़ाएं।

☸ पूजा हो जाने के बाद माँ यशोदा को मिठाई तथा प्रभु श्री कृष्ण भगवान को माखन का भोग लगाएं।

☸ उसके बाद माँ यशोदा की आरती करते समय गायत्री मंत्रों का जाप करें साथ ही मनोकामना पूर्ति करने के लिए भगवान के समक्ष प्रार्थना करें।

☸ अंत में पूजा के दौरान हुई किसी भी गलती के लिए क्षमा याचना करें।

यशोदा जयंती शुभ मुहूर्त

01 मार्च 2024 शुक्रवार के दिन माँ यशोदा जयंती मनायी जायेगी।
षष्ठी तिथि प्रारम्भः- 01 मार्च 2024 सुबह 06ः21 मिनट से।
षष्ठी तिथि समाप्तः- 02 मार्च 2024 सुबह 07ः53 मिनट तक।

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