16 सितंबर 2024 को सूर्य का कन्या राशि में गोचर: 12 राशियों पर असर और ज्योतिषीय उपाय

सूर्य के गोचर के बारे में बात करें तो ज्योतिष में सूर्य का गोचर एक खगोलीय घटना है। सूर्य को जीवन देने वाली शक्ति के प्रतीक के रूप में माना जाता है। गोचर के दौरान जब कभी सूर्यदेव किसी एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में गोचर करते हैं तो ऐसी स्थिति में ही हमारे ब्रह्मांडीय ऊर्जा में एक विशेष परिवर्तन की शुरूआत होती है जिसके कारण हमारा जीवन पूरी तरह से प्रभावित हो जाता है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य का गोचर 16 सितम्बर 2024 को शाम 07ः 42 मिनट पर होने वाला है। इस गोचर के दौरान सूर्यदेव सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में गोचर करेंगे और लगभग पूरे एक माह तक इसी राशि में रहेंगे। यदि गोचर के दौरान किसी जातक की कुण्डली में सूर्य की स्थिति मजबूत हो तो जातक ऊर्जावान होता है साथ ही उसे आत्मविश्वास और बल की प्राप्ति होती है।

Highlight

सूर्य का ज्योतिषीय महत्वः-

ज्योतिष में सूर्य के महत्व के बारे में बात करें तो सूर्य स्वयं एक प्रकाशित ग्रह है। यह अग्नि का एक ऐसा गोला है जिससे चंद्रमा तथा अन्य ग्रह प्रकाशित होते रहते हैं। सौरमण्डल में स्थित 9 ग्रहों में से सूर्य को राजा की संज्ञा दी गई है। सूर्य एक पुरूष प्रधान ग्रह है तथा इसका स्वभाव तमोगुणी होता है। ज्योतिष में सूर्य को पिता, पुत्र, हृदय और सत्ता का कारक ग्रह माना जाता है।
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार माणिक्य को सूर्य का रत्न माना जाता है। सूर्य पूर्व दिशा का स्वामी होने के कारण पूर्व दिशा में ही स्थान बली होता है। राशि चक्र में सूर्य देव को सिंह राशि का स्वामित्व प्राप्त होता है जिसके कारण सूर्यदेव सिंह राशि में ही स्वगृही होते हैं। मेष राशि में सूर्य देव 10 अंश पर परम उच्च के होते हैं तथा तुला राशि में 10 अंश पर अपनी नीच अवस्था में हो जाते हैं, इसके अलावा मेष राशि में 0 से 10 अंश तक सूर्य मूल त्रिकोण के होते हैं। नक्षत्र की बात करें तो मेष राशि में सूर्य कृत्तिका नक्षत्र के प्रथम चरण, वृषभ राशि में 2, 3, 4 चरण, सिंह राशि में उत्तराफाल्गुनी का प्रथम चरण, कन्या राशि में 2, 3, 4 चरण, धनु राशि में उत्तराषाढ़ा के प्रथम चरण और मकर राशि में उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के 2, 3, 4 चरण पर सूर्य देव का अधिपत्य होता है। सूर्य को एक संपूर्ण राशि चक्र पूरा करने में पूरे एक वर्ष का समय लगता है क्योंकि सूर्यदेव किसी एक राशि में लगभग एक माह तक ही भ्रमण करते हैं। अपने गोचर काल के दौरान सूर्य मकर राशि से मिथुन राशि में गोचर करने तक उत्तरायण होता है तथा कर्क से धनु राशि में भ्रमण करने तक सूर्य दक्षिणायन हो जाता है। नक्षत्र के अनुसार देखा जाए तो आद्रा से लेकर चित्रा नक्षत्र तक का समय मानसून का होता है, स्वाति से धनिष्ठा नक्षत्र तक का समय सर्दी का होता है तथा शतभिषा से मृगशिरा नक्षत्र तक का समय ग्रीष्मकाल का होता है।

कन्या राशि का ज्योतिषीय महत्वः-

कन्या राशि के बारे में बात करें तो पूरे 12 राशि चक्र में से कन्या को छठवीं राशि माना जाता है। यह राशि दिशाओं में दक्षिण दिशा का घोतक होता है। कन्या राशि का राशि चिन्ह हाथ में फूल की डाली लिए एक कन्या होती है। इस राशि का विस्तार राशि चक्र के 150 अंश से 180 अंश तक होता है। कन्या राशि के तीन द्रेष्काणों के स्वामी बुध, शनि तथा शुक्रदेव होते हैं। इस राशि के अन्तर्गत उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के दूसरे, तीसरे और चैथे चरण, चित्रा के पहले दो चरण और हस्त नक्षत्र के चारो चरण आते हैं। कन्या राशि के स्वामी बुधदेव हैं। इस राशि के जातक संकोची तथा शर्मीले स्वभाव के साथ-साथ बहुत ज्यादा झिझकने वाले भी होते हैं। कन्या राशि के जातक आमतौर पर मध्यम कद काठी के, काले बाल तथा काले आँखों वाले होते हैं, इसके अलावा यह जातक अपनी वास्तविक आयु से बहुत कम प्रतीत होते हैं। अत्यधिक भावुक होने के साथ-साथ हर छोटी से छोटी बातों का ध्यान रखते हैं तथा स्वभाव से बहुत महत्वकांक्षी होते हैं।

सूर्य के गोचर का प्रत्येक राशियों पर प्रभावः-


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मेष राशि के जातकों पर सूर्य के गोचर का प्रभावः-

16 सितम्बर 2024 को सूर्य का गोचर आपकी कुण्डली के षष्ठम भाव में होने वाला है। सूर्य देव आपकी कुण्डली के पंचम भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान आपको विशेष लाभ मिलने की संभावना है। इस समय आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना चाहिए अन्यथा गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है, इसके अलावा आपको अपने जीवन में अत्यधिक संघर्ष भी करना पड़ सकता है। इस गोचर के दौरान आपके जीवन में छोटी-मोटी समस्याएं आ सकती हैं साथ ही आपको अपने संतान के कारण तनाव का सामना करना पड़ सकता है। इस समय आपका आत्मविश्वास प्रबल रहेगा तथा आप अपने जीवन के विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य से काम लेंगे। इस समय वाहन चलाते समय सीमा का उल्लंघन न करें अन्यथा आपको कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस गोचर के दौरान प्रेम जीवन में टकराव उत्पन्न हो सकता है परन्तु पारिवारिक और दाम्पत्य जीवन मधुर रहेगा।

उपायः– नियमित रूप से पूजा के दौरान हनुमान चालीसा का पाठ करें।

वृष राशि के जातकों पर सूर्य के गोचर का प्रभावः-

सूर्य का गोचर आपकी कुण्डली के पंचम भाव में होने वाला है। सूर्यदेव आपकी कुण्डली के चतुर्थ भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान कार्यक्षेत्र में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में सावधानी बनाये रखें अन्यथा पेशेवर जीवन में आपकी छवि को नुकसान पहुुँच सकता है। इस समय आपको तेल-मसाले वाले भोजन से परहेज करना चाहिए अन्यथा उदर से संबंधित समस्या उत्पन्न हो सकती है। इस गोचर के दौरान आपकी घरेलू समस्याएं कुछ हद तक आपको परेशान कर सकती हैं। ऐसे में धैर्य रखें आपकी सारी समस्याएं जल्द ही दूर होंगी। इस समय कानूनी मामलों से जुड़ा नतीजा आपके पक्ष में आ सकता है जिससे आप प्रसन्न रहेंगे। कार्यस्थल पर आपको अपने वरिष्ठ अधिकारियों का सहयोग मिलेेगा साथ ही आपको पदोन्नति मिलने की संभावना भी हो सकती है। इस गोचर के दौरान आप अपना कुछ धन मनोरंजन या सैर-सपाटे पर खर्च कर सकते हैं। कुल मिलाकर सूर्य के गोचर के दौरान आप अपने जीवन का पूर्ण आनंद लेंगे।

उपायः- शुक्रवार के दिन सफेद रंग के वस्त्र, खीर, दूध तथा दही का दाने करें।

मिथुन राशि के जातकों पर सूर्य के गोचर का प्रभावः-

सूर्य का गोचर आपकी कुण्डली के चतुर्थ भाव में होने वाला है। सूर्यदेव आपकी कुण्डली के तृतीय भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान सूर्यदेव आपके मन को विचलित करके आपको अत्यधिक तर्कशील बना सकते हैं। इस समय आप अपने पेशेवर जीवन में अत्यधिक मुकाम हासिल कर सकते हैं साथ ही आप अपने काम को लेकर अत्यधिक ऊर्जावान भी हो सकते हैं। ऐसे में इस समय स्वयं पर किसी प्रकार के अहंकार को हावी न होने दें अन्यथा अत्यधिक नुकसान झेलना पड़ सकता है। इस गोचर के दौरान आपको अपने बड़ों के द्वारा कही गई बात को ध्यानपूर्वक सुनना चाहिए जिससे आपका भविष्य उज्जवल हो सके। इस गोचर के दौरान आपके माता-पिता का आशीर्वाद आप पर सदैव बना रहेगा जिससे हर क्षेत्र में आपको उन्नति मिलेगी। इस समय आपको अपने मित्रों से अत्यधिक लाभ प्राप्त होगा साथ ही उनके साथ आपका कुछ नया संबंध भी विकसित होगा जिससे आप प्रसन्न रहेंगे।

उपायः– पूजा के दौरान ओम गं गणपतये नमः मंत्र का नियमित जाप करें।

कर्क राशि के जातकों पर सूर्य के गोचर का प्रभावः-

सूर्य का गोचर आपकी कुण्डली के तृतीय भाव में होने वाला है। सूर्य देव आपकी कुण्डली के द्वितीय भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान अपने बड़ों से आपका वाद-विवाद हो सकता है। ऐसे में आपको अपने से बड़ों का मान-सम्मान करना चाहिए तथा अपने से छोटों के प्रति प्रेम और स्नेह रखना चाहिए। इस गोचर के दौरान आपको अपने पड़ोसियों से सदैव मित्रतापूर्ण व्यवहार रखना चाहिए। इस समय आप अपने आस-पास के सभी लोगों से नम्रतापूर्वक संवाद करें अन्यथा किसी को आपकी बातें कड़वी लग सकती हैं। स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से शारीरिक कष्ट का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में आप अपने शारीरिक स्वास्थ्य का विशेष ध्यान दें। इस गोचर के दौरान समाज के वरिष्ठ लोगों से आपका मेलजोल बढ़ेगा जो आपको आने वाले समय में अच्छा परिणाम देगा।

उपायः– सोमवार के दिन कच्चे दूध से भगवान शिव का अभिषेक करें।

सिंह राशि के जातकों पर सूर्य के गोचर का प्रभावः-

सूर्य का गोचर आपकी कुण्डली के द्वितीय भाव में होने वाला है। सूर्यदेव आपकी कुण्डली के लग्न भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान आपकी आर्थिक स्थिति में स्थिरता रहेगी। इस समय सट्टेबाजी के माध्यम से आपको अत्यधिक लाभ मिलने की संभावना हो सकती है। इस गोचर के दौरान आपका अपने जीवनसाथी और परिवार के सदस्यों के साथ अहंकार भरा टकराव हो सकता है। ऐसे में आप अपने जीवन में आयी समस्याओं को जल्द ही दूर करने का प्रयास करें। इस समय आपके अच्छे स्वभाव के कारण पेशेवर जीवन में आपको सहकर्मियों का सहयोग मिल सकता है। ऐसे में आप अपने पेशेवर जीवन में ज्यादा अहंकारी होने से बचें। इस गोचर के दौरान आप अपने जीवन में मानसिक और शारीरिक तन्दुरूस्ती लाने के लिए अपनी दिनचर्या में सामान्य रूप से व्यायाम को शामिल करके अपने आप को पूरी तरह से स्वस्थ रख सकते हैं।

उपायः- अपने पिता की नियमित सेवा तथा उनका सम्मान करें।

कन्या राशि के जातकों पर सूर्य के गोचर का प्रभावः-

सूर्य का गोचर आपकी कुण्डली के लग्न भाव में होने वाला है। सूर्यदेव आपकी कुण्डली के द्वादश भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान आपका मन अत्यधिक विचलित तथा तर्कशील बन सकता है। ऐसे में आप अपने पेशेवर जीवन में अत्यधिक ऊर्जावान और आत्मविश्वासी रहेेंगे। इस गोचर के दौरान आप अपने अहंकार को स्वयं पर हावी न होने दें अन्यथा आपको अत्यधिक नुकसान हो सकता है। इस समय आपके अनावश्यक खर्च हो सकते हैं जिसके कारण आप अत्यधिक चिंतित रहेंगे। इस समय रक्तचाप के रोगीयों को रक्तचाप की समस्या हो सकती है ऐसे में उन्हें नियमित रूप से जाँच अवश्य करवाना चाहिए। इस गोचर के दौरान आप अपने प्रियजनों के लिए कुछ समय अवश्य निकले इससे आपको अच्छे परिणामों की प्राप्ति होगी। इस समय आपको चोट लगने की संभावना हो सकती है इसलिए अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान दें।

उपायः- सुबह और शाम के समय पूजा करने के दौरान गणेश जी की आराधना अवश्य करें।

तुला राशि के जातकों पर सूर्य के गोचर का प्रभावः-

सूर्य का गोचर आपकी कुण्डली के द्वादश भाव में होने वाला है। सूर्यदेव आपकी कुण्डली के एकादश भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान आप अपने काम से छुट्टी लेकर अधिक दूरी की यात्रा करने की योजना बना सकते हैं जिसके कारण यह गोचर आपके लिए उत्साहजनक रहेगा। अविवाहित जातक इस गोचर के दौरान मित्रों के साथ अत्यधिक आनंद की प्राप्ति करेंगे। इस समय आपके मन में किसी कारणवश असंतुष्टि की भावना आ सकती है जिसके कारण आप चिंतित रहेंगे। ऐसे में कोई भी काम दूसरों के भरोसे न करके स्वयं ही करने का प्रयास करें इससे आप संतुष्ट रहेंगे। इस गोचर के दौरान आपकी आर्थिक स्थिति में अत्यधिक उन्नति होगी जिससे आप प्रसन्न रहेंगे। इस समय साझेदारी में किये गये कार्य-व्यवसाय में आपको अत्यधिक लाभ मिलने की संभावना होगी।

उपायः- माँ दूर्गा की पूजा करते समय ओम महालक्ष्म्यै नमः मंत्र का जाप करें।

वृश्चिक राशि के जातकों पर सूर्य के गोचर का प्रभावः-

सूर्य का गोचर आपकी कुण्डली के एकादश भाव में होने वाला है। सूर्यदेव आपकी कुण्डली के दशम भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान आप अत्यधिक तनावग्रस्त हो सकते हैं परन्तु इस समय मिलने वाले सभी लाभों का आनंद लेंगे। इस गोचर के दौरान आपको थोड़ा संघर्ष करना पड़ सकता है परन्तु सूर्य का गोचर आपके लिए अनुकूल रहेगा। सरकारी नौकरी कर रहे जातकों को अपने वरिष्ठ अधिकारियों का सहयोग मिलेगा जिसमें आपको अत्यधिक सफलता मिलेगी। यदि आपका कोई रूका हुआ काम लम्बे समय से नही हो पा रहा है तो इस समय आप उस काम को पूरा करने का प्रयास करेंगे जिससे आपको संतुष्टि मिलेगी। इस गोचर के दौरान आप अपने साथी के साथ वाद-विवाद करने से बचने का प्रयास करें अन्यथा आपके रिश्ते में दरार उत्पन्न हो सकता है। इस समय आप स्वयं को जितना ज्यादा हो सके शांत रखने का प्रयास करें।

उपायः- हनुमान जी के मंदिर जाकर सिंदूर अर्पित करें।

धनु राशि के जातकों पर सूर्य के गोचर का प्रभावः-

सूर्य का गोचर आपकी कुण्डली के दशम भाव में होने वाला है। सूर्यदेव आपकी कुण्डली के नवम भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी। जीवनसाथी के साथ आप अपने पुराने मनमुटाव को दूर करने का प्रयास करेंगे जिससे आपके रिश्तों में मधुरता आयेगी। इस समय आध्यात्मिक कार्यों में आपकी रूचि बढ़ेगी साथ ही घर से बाहर जाकर टहलना और व्यायाम करना आपके स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक उत्तम रहेगा। सूर्य का गोचर आपके लिए अनुकूल रहेगा जिससे आप तनाव मुक्त रहेंगे। इस गोचर के दौरान आपके जीवन में अत्यधिक चुनौतियाँ आयेंगी जिसका सामना करने में आप पूरी तरह से सफल हांेगे।
उपायः- जरूरतमंदों को गुरू से संबंधित पीली वस्तुएं, पुस्तक, लाल वस्त्र तथा मूंगा दान करें।

मकर राशि के जातकों पर सूर्य के गोचर का प्रभावः-

सूर्य का गोचर आपकी कुण्डली के नवम भाव में होने वाला है। सूर्यदेव आपकी कुण्डली के अष्टम भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान आप अपने जीवन में आये तमाम मुश्किलों का सामना करेंगे साथ ही उन मुश्किलों को पूरी तरह से सुलझा पाने में सक्षम होंगे। इस समय आपको अपने जीवन में कोई बड़ा निर्णय लेने से बचना चाहिए अन्यथा हानि होने की संभावना हो सकती है। सूर्य के गोचर के दौरान आप कोई बड़ा जोखिम लेने से बचें और अपने भौतिक सुख संसाधनों का विशेष ध्यान दें। पारिवारिक जीवन के लिए यह गोचर अति उत्तम रहेगा। इस गोचर के दौरान आप अपने परिवार के सदस्यों के बीच अच्छा सामंजस्य बना पाने में सक्षम होंगे जिससे आपको अपने परिवार के बड़े़-बुजुर्गों से मान-सम्मान तथा स्नेह की प्राप्ति होगी।

उपायः- नियमित रूप से शनिदेव की आराधना करें।

कुंभ राशि के जातकों पर सूर्य के गोचर का प्रभावः-

16 सितंबर 2024 को सूर्य का कन्या राशि में गोचर: 12 राशियों पर असर और ज्योतिषीय उपाय सूर्य का गोचर आपकी कुण्डली के अष्टम भाव में होने वाला है। सूर्यदेव आपकी कुण्डली के सप्तम भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान आपको अपने निजि जीवन में धैर्य बनाये रखना चाहिए। इस समय आपको अपने ससुराल पक्ष से धन या उपहार प्राप्त हो सकता है जिससे आप प्रसन्न रहेंगे। इस गोचर के दौरान आपको अपने सभी महत्वपूर्ण कार्यों में किसी अनजान लोगों का सहयोग मिलेगा जिससे आप सफल परिणाम प्राप्त करेंगे। कार्य-व्यवसाय में आपको अपने मित्र रिश्तेदारों का सहयोग मिलेगा जिससे आपके सभी कार्य समय से पूरे होंगे। इस गोचर के दौरान आप अपने खान-पान के प्रति सचेत रहें साथ ही शराब, तम्बाकू तथा अन्य नशीले पदार्थों से परहेज करने का प्रयास करें। सूर्य का गोचर आपके लिए सकारात्मक परिणाम लेकर आने वाला है। ऐसे में आपको इस गोचर के दौरान अपने घर के छोटे-बडे़ कार्यो में भी सकारात्मक परिणाम मिलेंगे।

उपायः- शनिदेव की पूजा करते समय ओम प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः का कम से कम 21 बार जाप करें।

मीन राशि के जातकों पर सूर्य के गोचर का प्रभावः-

सूर्य का गोचर आपकी कुण्डली के सप्तम भाव में होने वाला है। सूर्यदेव आपकी कुण्डली के षष्ठम भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान आपके निजि जीवन में कुछ समस्याएं आ सकती हैं साथ ही आप अपने जीवन में कुछ अनावश्यक वाद-विवाद में भी उलझ सकते हैं। ऐसे में जीवन में आयी परेशानियों को दूर करने का प्रयास करें। इस गोचर के दौरान आप अपने परिवार के सदस्यों के साथ लम्बी दूरी की यात्रा पर जा सकते हैं जिससे आपके परिवार के सदस्य अत्यधिक प्रसन्न रहेंगे। यदि प्रेम जीवन में कुछ समस्याएं आ रही हैं तो इस समय उन समस्याओं को दूर करने का प्रयास करें जिससे आपका रिश्ता मधुर हो सके। इस गोचर के दौरान दाम्पत्य जीवन मधुर रहेगा साथ ही आप अपने जीवनसाथी के साथ धार्मिक यात्रा करने का आनंद लेंगे। कार्य-व्यवसाय में उन्नति होगी जिससे आपकी आर्थिक समस्याएं दूर होंगी। सूर्य का गोचर आपके जीवन में उजाला लेकर आयेगा जिससे आपको दिन-दुनी रात चैगुनी उन्नति मिलेगी।
उपायः- पूजा करने के दौरान नियमित रूप से ओम शनिदेवाय नमः या ओम प्रीं शनिदेवाय नमः मंत्र का जाप करें।

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