शनिदेव
शनि बेहद धीमी गति से चलने वाला ग्रह है। 17 जून 2023 दिन शनिवार को शनि अपने मूल त्रिकोण राशि कुंभ में वक्रीय होंगे और 17 जून से 4 नवम्बर लगभग 140 दिनों के लिए शनि देव वक्रीय अवस्था में रहेंगे। जिसके कारण सभी राशियों पर इसका प्रभाव पड़ेगा परन्तु तीन राशियों के जातकों पर इसका प्रभाव अधिक रहेगा जो इस प्रकार है।
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए शनि का वक्रीय होना कारक है। यदि इस समय आपकी कुण्डली में शनि की महादशा चल रही हो और शनि की स्थिति शुभ हो तो नौकरी में उन्नति एवं स्थानान्तरण का योग बन रहा है। आपकी कुण्डली में शनिदेव आपके कर्म एवं आपके आय के स्वामी है जिसके फलस्वरुप कार्य-व्यवसाय में आपको सफलता मिलेगी तथा आमदनी के अच्छे स्त्रोत मिलेंगे और अचानक लाभ मिलेगा। आपके कुण्डली में शनि का गोचर एकादश भाव में हो रहा है और यह गोचर आय को मजबूत करेगा।
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कन्या राशि
इस राशि के जातकों की कुण्डली में शनि का गोचर छठे भाव में होगा अर्थात शनि अपने मूल त्रिकोण राशि कुंभ में प्रवेश करेंगे। फलतः यह गोचर आपको शुभ परिणाम देगा। यदि आपकी कुण्डली में शनि की महादशा एवं अंतरदशा चल रही हो तो आपको निश्चित रुप से अच्छा परिणाम मिलेगा। आपकी कुण्उली में शनि पंचम भाव के स्वामी होते हैं। यदि आप संतान को लेकर चिंतित हैं तो आपकी चिंता दूर हो सकती हैं। शिक्षा के लिए दूर यात्राओं का योग बन रहा है। कोर्ट-कचहरी के क्षेत्रों मे आपको लाभ मिल सकता है तथा रुका हुआ धन भी मिल सकता है।
धनु राशि
शनि धनु राशि के जातकों की कुण्डली में तृतीय भाव में गोचर कर रहें है तथा आपकी कुण्डली में शनि धनेश एवं पराक्रमेश हैं जिसके फलस्वरुप धनु राशि के जातकों को अच्छे लाभ मिलेंगे। शनि की शुभ स्थिति, महादशा या अन्तर दशा चल रही हो तो धन के क्षेत्र में बढ़ोत्तरी होगी तथा धन संग्रह करने में आप सक्षम होंगे।