2 दिन बाद होने वाला है चोर पंचक शुरु, रहेगा भद्रा का भी प्रभाव, इन कार्यों को करने से होगी धन हानि

हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष प्रत्येक माह मे ऐसे पाँच दिन आते हैं जिनका अलग ही अपना महत्व होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चन्द्र ग्रह का धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण और शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तराभाद्रपद तथा रेवती नक्षत्र के चारो चरणों में भ्रमण करने का काल ही पंचक काल कहलाता है। ठीक इसी तरह से चन्द्रमा कुंभ और मीन राशि में भ्रमण करके पंचकों को जन्म देता है। आपको बता दें पंचक के अन्तर्गत धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, पूर्वा भाद्रपद व रेवती नक्षत्र आते हैं। अतः इन्हीं नक्षत्रों के मेल से बनने वाले योग को ही चोर पंचक के नाम से जाना जाता है। मान्यता के अनुसार पंचक काल जब आरम्भ हो जाता है तो उस समय किसी भी तरह के शुभ कार्यों को करना वर्जित माना जाता है।

इस वर्ष 2023 के जून माह में दो दिन बाद यानि 9 जून को भद्रा और पंचक दोनों एक ही दिन लग रहा है। 9 जून यानि शुक्रवार को चोर पंचक सुबह 06 बजकर 02 मिनट से लग रहा है जबकि भद्रा शाम के समय में 04 बजकर 20 मिनट से लग रहा है। यहाँ पर चोर पंचक 9 जून से शुरु होकर पूरा 13 जून मंगलवार तक रहने वाला है, जबकि भद्रा का प्रभाव 09 जून से लेकर 10 जून दोपहर 03 बजकर 08 मिनट तक रहेगा। इस दौरान सभी शुभ काम को करने की मनाही होती है यदि आपके इस काल में कोई शुभ कार्य कर लिया तो आपको इसके बहुत ही ज्यादा अशुभ और विपरीत परिणाम मिलते हैं तो आइए इसके बारे में और अतिरिक्त जानकारी तथा इसकी शुभ और अशुभ परिस्थितियों को हमारे योग्य ज्योतिषाचार्य के. एम. सिन्हा जी से जानते हैें।

2 दिन बाद होने वाला है चोर पंचक शुरु, रहेगा भद्रा का भी प्रभाव, इन कार्यों को करने से होगी धन हानि

चोर पंचक के शुरु होने के पश्चात क्या न करें ?

☸ धार्मिक और ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार जब कभी भी चोर पंचक की शुरुआत हो जाए तो ऐसे में कुछ कामों को करना पूरी तरह से वर्जित माना जाता है ऐसा इसलिए क्योंकि इन कार्यों को करने से धन हानि होने की आशंका जातक को हर समय लगी रहती है।

☸ जब कभी चोर पंचक की शुरुआत हो जाए तो उस मुहूर्त में कभी किसी व्यक्ति को भूलकर भी लम्बी यात्रा नहीं करनी चाहिए, ऐसी स्थिति में यात्रा करना वर्जित माना जाता है यदि आप फिर भी इस मुहूर्त में यात्रा कर लेते हैं तो आपके साथ कोई न कोई अनहोनी अवश्य घटित हो सकती है।

☸ जब कभी चोर पंचक की शुरुआत हो जाती हैं तो उस मुहूर्त में किसी भी तरह के बिजनेस या व्यवसाय से सम्बन्धित कार्यों को आगे बढ़ाने तथा किसी प्रकार के साझेदारी में कार्यों की शुरुआत बिल्कुल भी ना करें ऐसा करने से आपको अपने कार्य में जीवनभर घाटा सहना पड़ सकता है।

☸ जब कभी भी चोर पंचक काल शुरु हो गया हो तो ऐसे मुहूर्त में पैसे से सम्बन्धित किसी चीजों का लेन-देन नही करना चाहिए या फिर किसी को पैसा उधार देने से भी बचना चाहिए अन्यथा आपको अपने जीवन में धन हानि का सामना करना पड़ सकता है।

चोर पंचक जैसे अशुभ काल की समाप्ति के बाद बनने वाला है सर्वार्थ सिद्धि योग

चोर पंचक काल की समाप्ति यानि 13 जून को दोपहर 01 बजकर 32 मिनट के बाद इस दिन से सर्वार्थ सिद्धि योग जैसे शुभ योग तथा अमृत सिद्धि योग भी बने हैं इसके अलावा चोर पंचक की समाप्ति के बाद इस दिन सौभाग्य और शोभन योग भी बन रहे हैं। आपको बता दें बनने वाले अमृत सिद्धि योग दोपहर 01 बजकर 32 मिनट से बनेगा तथा यह योग अगले दिन तक सुबह 05 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा बनने वाला सौभाग्य योग सुबह 05 बजकर 55 मिनट तक रहेगा। उसके बाद से उसी दिन शोभन योग भी बनेगा जो कि 14 जून 2023 को सुबह 04 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।

चोर पंचक तथा भद्रा लगने का समय तथा तिथिः-

पंचक प्रारम्भः- 09 जून आषाढ़ कृष्ण षष्ठी तिथि को सुबह 06 बजकर 02 मिनट से पूरी रात
भद्रा प्रारम्भः- 09 जून, शाम 04 बजकर 20 मिनट से 10 जून दोपहर 03 बजकर 08 मिनट तक
चोर पंचकः- 10 जून को आषाढ़ कृष्ण सप्तमी तिथि से पूरे दिन तक।
चोर पंचकः- 11 जून को, आषाढ़ कृष्ण अष्टमी तिथि को पूरे दिन।
चोर पंचकः- 12 जून को, आषाढ़ कृष्ण नवमी तिथि को पूरे दिन।
भद्रा का समयः- 12 जून को रात के 09 बजकर 58 मिनट से 13 जून को सुबह 05 बजकर 23 मिनट तक।
अंतिम दिन चोर पंचकः- 13 जून को, आषाढ़ कृष्ण दशमी तिथि, सुबह 05 बजकर 23 मिनट से दोपहर 01 बजकर 32 मिनट तक।
भद्रा का समयः- 13 जून को सुबह 05 बजकर 23 मिनट से शुरु होकर 09 बजकर 28 मिनट तक समाप्त।

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