25 मार्च 2024 लक्ष्मी जयंती

लक्ष्मी जयंती का यह पर्व माँ लक्ष्मी जी के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यह जयंती फाल्गुन मास के पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता है। इस जयंती को फाल्गुन पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं। मान्यता के अनुसार माँ लक्ष्मी का जन्म फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि दूधिया सागर के महान मंथन के दौरान हुआ था जिसे समुंद्र मंथन भी कहा जाता है। इस दिन के शुभ अवसर पर सभी भक्त पूरी श्रद्धा से धन और समृद्धि की देवी माँ लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करते हैं।

लक्ष्मी जयंती पूजा का महत्व

धार्मिक मान्यता के अनुसार लक्ष्मी जयंती के शुभ अवसर पर विधि-विधान से माता लक्ष्मी जी की उपासना करने से जातक को सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है साथ ही माँ लक्ष्मी जी की कृपा से धन से सम्बन्धित सारी परेशानियाँ भी दूर हो जायेंगी। कहा जाता है इस शुभ दिन के अवसर पर कोई नया कार्य शुरू करना जैसे घर खरीदना, नया वाहन खरीदना इत्यादि और भी महत्वपूर्ण कार्यों को करना अत्यधिक शुभ माना जाता है।

लक्ष्मी जयंती की कुछ विशेष बातें

जैसा की आपको पता है माँ लक्ष्मी जी को धन और समृद्धि की देवी कहा जाता है। माँ लक्ष्मी अपने सभी भक्तों को भौतिक और आध्यात्मिक विकास प्रदान करती है। माँ लक्ष्मी ही अपने सभी भक्तों को दुख और संकटों से बचाती है। माँ लक्ष्मी भगवान विष्णु जी की पत्नी भी हैं उन्हें श्री भी कहा जाता है। इसके अलावा विष्णु पुराण के अनुसार माँ लक्ष्मी भृगु और ख्याति की पुत्री है। ऋषि दुर्वासा के द्वारा दिये गये श्राप के कारण उन्होंने स्वर्ग लोक को छोड़कर क्षीर सागर को ही अपना घर बना लिया। जब सभी देवों और राक्षसों ने क्षीर सागर का मंथन किया तो उसी समय समुंद्र से चन्द्रमा और माँ लक्ष्मी जी का जन्म हुआ जो कि धन और समृद्धि के सर्वश्रेष्ठ देवी के रूप में माँ लक्ष्मी जी के रूप में जानी जाती है।

लक्ष्मी जयंती पूजा विधि

☸ माँ लक्ष्मी जी की जयंती के दिन सभी भक्त प्रातः काल स्नानादि से निवृत्त होकर माँ लक्ष्मी की मूर्ति एक वेदी पर रखें और चार बत्तियों का दीपक जलाकर वेदी के ऊपर एक शंख भी रखें।

☸ उसके बाद माँ लक्ष्मी जी का अभिषेक रोली चावल और चंदन से करके उन पर फूल माला अवश्य अर्पित करें।

☸ उसके बाद माँ लक्ष्मी जी की स्तुति गान और आरती करके गीत गायें।

☸ लक्ष्मी जयंती के दिन घर में हवन करने के दौरान देवी लक्ष्मी सहस्त्र नामावली और श्री सूक्त के 1008 नामों का पाठ करें।

☸ इसके बाद लक्ष्मी जयंती के दिन माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए तथा आहुति देने के लिए कमल के फूल को शहद में डुबोकर उसका उपयोग पूजा में अवश्य करें।

☸ अंत में माँ लक्ष्मी जी को भोग के रूप में मिठाई चढ़ाएं और प्रार्थना करने के बाद पूजा समाप्त करके भोग को सभी भक्तों में वितरित करें।

लक्ष्मी जयंती शुभ मुहूर्त

लक्ष्मी जयंती 25 मार्च 2024 सोमवार के दिन मनाई जायेगी।
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भः- 24 मार्च 2024 सुबह 09ः54 मिनट से।
पूर्णिमा तिथि समाप्तः- 25 मार्च 2024 दोपहर 12ः29 मिनट तक।

 

 

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