माघ की बात करें तो माघ एक महीने का नाम होता है। यह महीना हिन्दू धर्म की पारंपरिक कैलेण्डर के अनुसार ग्यारहवाँ महीना होता है। वही उत्तर भारत में ग्रेगेरियन कैलेण्डर के अनुसार माघ का महीना जनवरी या फरवरी माह में अवश्य होता है। इस कैलेण्डर का पालन मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखण्ड, राजस्थान तथा हरियाणा में किया जाता है। इसके अलावा बिहार, झारखण्ड, जम्मू कश्मीर, पंजाब, छत्तीसगढ़ और अन्य उत्तर भारतीय राज्यों में भी इस कैलेण्डर का पालन किया जाता है। इन सभी दिये गये क्षेत्रों में एक महीने की गणना पूर्णिमा के अगले दिन से अगली पूर्णिमा तक की जाती है।
हिन्दू पंचांग के अनुसार जिस तरह से प्रत्येक मास का अपना एक महत्व होता है उसी तरह से माघ मास का भी अपना एक अलग महत्व होता है। माघ के इस महीने में गंगा स्नान करने का बहुत महत्व होता है। इस माह में दान-दक्षिणा और उपवास करने से जातक को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। माघ मास में सूर्य को अर्घ्य देने से सभी सुखों की प्राप्ति होती है।
हिन्दू धर्म में महीनों के नाम नक्षत्रों पर आधारित होते हैं और महीनों का बदलना चन्द्र चक्र पर निर्भर करता है। चन्द्रमा जिस नक्षत्र में होता है उसी के अनुसार महीने का नाम भी उसी नक्षत्र पर पड़ता है। माघ मास की पूर्णिमा तिथि को चंद्रमा मघा और आश्लेषा नक्षत्र में रहता है इसलिए इस माह को माघ मास कहा जाता है।
माघ महीने की पूजा विधि
☸ माघ महीने के दौरान सूर्योदय से पहले स्नान करें, और स्नान करने के पानी में तिल मिला लें।
☸ उसके बाद गायत्री मंत्र का जाप करके सूर्य को अर्घ्य दें।
☸ पूजा करने के दौरान विष्णु जी के नाम का भी उच्चारण करें।
☸ इसके अलावा सत्संग और प्रवचन में भाग लें और माघ महीने की पवित्रता के बारे में पढ़ें और हर समय आध्यात्मिक विचार रखें।
☸ इस माह में ज्यादा से ज्यादा गर्म खाना खायें और तिल या बाजरा जैसे गर्मी पैदा करने वाले खाद्य पदार्थों का दान करें।
माघ महीने का शुभ मुहूर्त
माघ महीना 26 जनवरी 2024 को शुक्रवार के दिन प्रारम्भ हो रहा है।
माघ मास प्रारम्भः- शुक्रवार 26 जनवरी 2024 से।
माघ मास समाप्तः- शनिवार 24 फरवरी 2024 तक।