हिन्दू धर्म में प्रदोष व्रत को मासिक व्रतों में से एक माना जाता है। यह व्रत माह में दो बार कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में आता है। माँ पार्वती और भगवान शिव जी की पूजा उनके सभी भक्तों के द्वारा प्रतिमास शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के त्रयोदशी तिथियों में की जाती है। वास्तव में यह व्रत भोलेनाथ की कृपा प्राप्त करने के लिए ही रखा जाता है। मान्यता के अनुसार प्रदोष व्रत रखने वाले सभी जातक जन्म और मरण के चक्र से निकलकर मोक्ष की प्राप्ति करते है। यह व्रत करने से जातक को एक उत्तम लोक की प्राप्ति होती है साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति करने के लिए यह व्रत अत्यधिक उत्तम माना जाता है। भगवान शिव और माँ पार्वती से जुड़ा हुआ यह व्रत करने से जातक को इसके प्रत्येक वार के हिसाब से अलग-अलग परिणाम देखने को मिलते हैं।
प्रदोष व्रत पूजा विधि
☸ प्रदोष व्रत वाले दिन सुबह के समय जल्दी उठकर शुभ मुहूर्त से स्नान करें तथा पूरी तरह से पवित्र होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
☸ उसके बाद व्रत का संकल्प लें और इस दिन नाहि अन्न खाएं और न ही किसी को भोजन कराएं अर्थात निर्जला व्रत रखें।
☸ उसके बाद प्रदोष काल में भगवान शिव जी की पूजा आरम्भ करें, शिव जी को सबसे पहले जल और दूध से स्नान कराएं फिर धूप, दीप, धूप, माला, बेल पत्र, कुमकुम, अक्षत, बिल्व पत्र, धान्य, फूल इत्यादि से पूजा करें
☸ उसके बाद भजन और कीर्तन करके मंत्रों का जाप करें।
☸ शिव चालीसा, शिव तांडव स्त्रोत तथा अन्य शिव स्त्रोत का पाठ करें।
☸ पूजा की समाप्ति हो जाने के बाद भगवान शिव और माँ पार्वती की कथा सुनें।
☸ उसके बाद भोग में फल, दूध, दही तथा घी, मिश्री चढ़ाएं।
☸ अंत में भगवान शिव और माँ पार्वती की आरती करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
प्रदोष व्रत 09 जनवरी 2024 को मंगलवार के दिन मनाया जायेगा।
कृष्ण त्रयोदशी प्रारम्भः- 08 जनवरी 2024 रात्रि 11ः58 से,
कृष्ण त्रयोदशी समाप्तः- 09 जनवरी 2024 रात्रि 10ः24 मिनट तक।
शुभ मुहूर्त शाम 05ः41 मिनट से, रात्रि 08ः24 मिनट तक